बौद्ध धर्म (UPPCS) (PART) 3

Total Questions: 38

11. प्रथम शताब्दी ईस्वी में किस भारतीय बौद्ध भिक्षुक को चीन भेजा गया था? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (d) नागार्जुन
Note:

नागार्जुन कनिष्क के दरबार की एक महान विभूति थे। उन्होंने अपनी पुस्तक 'माध्यमिककारिका' में सापेक्षता सिद्धांत को प्रस्तुत किया। चीनी मान्यता के अनुसार, नागार्जुन ने चीन की यात्रा कर वहां बौद्ध शिक्षा प्रदान की थी।

 

12. शून्यता के सिद्धांत का सर्वप्रथम प्रतिपादन करने वाले बौद्ध दार्शनिक का नाम है- [U.P.P.C.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (a) नागार्जुन
Note:

माध्यमिक या शून्यवाद मत के प्रवर्तक नागार्जुन हैं, जिनकी प्रसिद्ध रचना 'माध्यमिककारिका' है। इसे सापेक्षवाद भी कहा जाता है। जिसके अनुसार, प्रत्येक वस्तु किसी-न-किसी कारण से उत्पन्न हुई है और वह उन पर निर्भर है। नागार्जुन ने 'प्रतीत्यसमुत्पाद' को ही शून्यता कहा है।

 

13. नागार्जुन किस बौद्ध संप्रदाय के थे? [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains) 2007]

Correct Answer: (c) माध्यमिक
Note:

माध्यमिक या शून्यवाद मत के प्रवर्तक नागार्जुन हैं, जिनकी प्रसिद्ध रचना 'माध्यमिककारिका' है। इसे सापेक्षवाद भी कहा जाता है। जिसके अनुसार, प्रत्येक वस्तु किसी-न-किसी कारण से उत्पन्न हुई है और वह उन पर निर्भर है। नागार्जुन ने 'प्रतीत्यसमुत्पाद' को ही शून्यता कहा है।

 

14. भारतीय इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2022]

Place (स्थल) Significance (महत्व)
1. लोथल प्राचीन गोदी क्षेत्र (Ancient Dockyard)
2. सारनाथ बुद्ध का प्रथम धर्मोपदेश (Buddha's first sermon)
3. राजगीर अशोक का सिंह स्तंभ शीर्ष (Ashoka's Lion Capital)
4. नालंदा बौद्ध अधिगम का महान पीठ (Great Center of Buddhist Learning)

उपर्युक्त युग्मों में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?

 

Correct Answer: (c) केवल दो युग्म
Note:

आर्यदेव बौद्ध दार्शनिक थे, जो बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन के शिष्य थे। दिग्नाग बौद्ध विचारक थे, उन्होंने 'प्रमाणसमुच्चय' नामक ग्रंथ की रचना की थी। नाथमुनि वैष्णव विद्वान थे, इन्हें श्री वैष्णव संप्रदाय का पहला आचार्य माना जाता है।

 

15. बौद्ध शिक्षा का केंद्र है- [M.P.P.C.S. (Pre) 2004]

Correct Answer: (a) विक्रमशिला
Note:

प्राचीन काल में बौद्ध शिक्षा के तीन प्रमुख केंद्र थे (1) नालंदा, (2) वल्लभी

और (3) विक्रमशिला । नालंदा बिहार के आधुनिक पटना के दक्षिण-पूर्व में नालंदा जिले में स्थित था। यह महायान बौद्ध धर्म की शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। वल्लभी गुजरात के भावनगर जिले में स्थित पश्चिम भारत में शिक्षा एवं संस्कृति का प्रमुख केंद्र था। यह हीनयान बौद्ध धर्म की शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। विक्रमशिला बिहार के आधुनिक भागलपुर जिले में स्थित था। विक्रमशिला के महाविहार की स्थापना पाल नरेश धर्मपाल (770-810 ई.) ने की थी। उसने यहां मंदिर तथा मठ भी बनवाए थे। वाराणसी हिंदू संस्कृति एवं धार्मिक शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। गिरनार, गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित है। बुद्ध के समय में 'उज्जैन' या उज्जयिनी उत्तरी अवंति महाजनपद की राजधानी थी।

16. वल्लभी विश्वविद्यालय स्थित था- [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014]

Correct Answer: (d) गुजरात में
Note:

प्राचीन काल में बौद्ध शिक्षा के तीन प्रमुख केंद्र थे (1) नालंदा, (2) वल्लभी

और (3) विक्रमशिला । नालंदा बिहार के आधुनिक पटना के दक्षिण-पूर्व में नालंदा जिले में स्थित था। यह महायान बौद्ध धर्म की शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। वल्लभी गुजरात के भावनगर जिले में स्थित पश्चिम भारत में शिक्षा एवं संस्कृति का प्रमुख केंद्र था। यह हीनयान बौद्ध धर्म की शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। विक्रमशिला बिहार के आधुनिक भागलपुर जिले में स्थित था। विक्रमशिला के महाविहार की स्थापना पाल नरेश धर्मपाल (770-810 ई.) ने की थी। उसने यहां मंदिर तथा मठ भी बनवाए थे। वाराणसी हिंदू संस्कृति एवं धार्मिक शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। गिरनार, गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित है। बुद्ध के समय में 'उज्जैन' या उज्जयिनी उत्तरी अवंति महाजनपद की राजधानी थी।

17. नालंदा विश्वविद्यालय के स्थापन का युग है- [43rd B.P.S.C. (Pre) 1999]

Correct Answer: (c) गुप्त
Note:

नालंदा एक विख्यात बौद्ध पीठ एवं विश्वविद्यालय था। यह बिहार के नालंदा जिले में राजगीर के निकट स्थित था। पांचवीं शताब्दी के मध्य गुप्तों के समय में नालंदा महाविहार (विश्वविद्यालय) अस्तित्व में आया। सर्वप्रथम कुमारगुप्त I ने नालंदा बौद्ध विहार को दान दिया और बाद में बुधगुप्त, तथागतगुप्त तथा बालादित्य नामक गुप्त शासकों ने भी इस विहार को दान दिए।

 

18. नालंदा विश्वविद्यालय के संस्थापक कौन थे? [56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]

Correct Answer: (b) कुमारगुप्त
Note:

ह्वेनसांग के अनुसार, नालंदा महाविहार (विश्वविद्यालय) का संस्थापक 'शक्रादित्य' था, जिसने बौद्ध धर्म के त्रिरत्नों के प्रति महती श्रद्धा के कारण इसकी स्थापना करवाई थी। शक्रादित्य की पहचान कुमारगुप्त प्रथम (415-455 ई.) से की जाती है, जिसकी प्रसिद्ध उपाधि 'महेंद्रादित्य' थी।

19. नालंदा विश्वविद्यालय किसलिए विश्वप्रसिद्ध था? [42nd B.P.S.C. (Pre) 1997]

Correct Answer: (c) बौद्ध धर्म दर्शन
Note:

नालंदा महाविहार (विश्वविद्यालय) बौद्ध धर्म दर्शन के अध्ययन के लिए विश्व प्रसिद्ध था। उसी के अध्ययन के लिए चीनी यात्री ह्वेनसांग यहां आया था।

 

20. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं, जिनमें एक कथन (A) और दूसरा कारण (R) है, दोनों को ध्यानपूर्वक पढ़ें- [41" B.P.S.C. (Pre) 1996]

कथन (A) : बारहवीं शताब्दी के अंत तक नालंदा महाविहार का पतन हो गया।

कारण (R) : महाविहार को राजकीय प्रश्रय मिलना बंद हो गया था। उपर्युक्त दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन सही है?

Correct Answer: (a) दोनों (A) और (R) सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
Note:

नालंदा में एक विख्यात बौद्ध पीठ एवं विश्वविद्यालय था। यह बिहार में राजगृह (वर्तमान में राजगीर) के निकट स्थित था। पांचवीं सदी के मध्य, कुमारगुप्त-प्रथम के समय में नालंदा स्थित महाविहार (विश्वविद्यालय) अस्तित्व में आया। छठी शताब्दी ई. से भारत में तंत्रवाद का विकास होता है। पाल शासक धर्मपाल ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की। आगे पाल शासकों ने तंत्रवाद की शिक्षा पर केंद्रित विक्रमशिला को अधिक महत्व दिया तथा नालंदा उपेक्षित होने लगा तथा बारहवीं शताब्दी के अंत तक उसका क्रमिक पतन होता रहा। बाद में बख्तियार खिलजी द्वारा इसे जलाकर अंतिम रूप से नष्ट कर दिया गया। इस तरह नालंदा के पतन में राजकीय प्रश्रय का अभाव भी एक कारण था।