Correct Answer: (c) भारतीय कृषि का वाणिज्यीकरण
Solution:1813 ई. के चार्टर एक्ट द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त करके मुक्त व्यापार नीति अपनाई गई। इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति उफान पर थी, अतः इंग्लैंड को अपने उद्योगों के लिए सस्ते माल की आवश्यकता थी। इस प्रकार भारत कच्चे माल का उत्पादन करने वाला देश बनकर रह गया। इसके अतिरिक्त भारत में पूंजीवादी व्यवस्था के बढ़ने के साथ-साथ नई लगान नीति के कारण किसान को अब नकद राशि की आवश्यकता थी; इसलिए किसान भी उन फसलों को उगाने के लिए विवश हुए जिनका बाजार में क्रय-विक्रय हो सके। जबकि इससे पूर्व किसान केवल उन्हीं फसलों को उगाता था, जिनकी खपत स्थानीय स्तर पर होती थी। चाय, रबर, कॉफी, नील, रेशम, जूट और तंबाकू जैसी वाणिज्यिक फसलों के उत्पादन की शुरुआत हो गई, जो ब्रिटिश पूंजीवाद की पहली पसंद थी। इन फसलों के लिए उन्हें यूरोपीय बाजारों में अत्यधिक कीमत प्राप्त होती थी। इस प्रकार उत्पादन के स्वरूप और प्रकृति में मूलभूत परिवर्तन हुए और भारतीय कृषि का वाणिज्यीकरण हो गया।