Correct Answer: (a) अपनी वाणी को उसी भाषा में लिखा, जिसे उनके भक्त समझते थे
Solution:भक्ति आंदोलन के संतों का आचार बहुत ऊंचा था। उसमें से बहुतों ने देश का भ्रमण किया और वे कई प्रकार के लोगों से मिले, जिनके विचार भिन्न थे। उन संतों ने साधारण लोगों की भाषाओं को उन्नत करने में अपना योगदान दिया। उन्होंने हिंदी, पंजाबी, बंगला, तेलुगू, कन्नड़, तमिल इत्यादि भाषाओं की उन्नति में बहुत योगदान दिया। भक्ति आंदोलन के संत अपने उपदेश क्षेत्रीय एवं स्थानीय भाषाओं में देते थे, ताकि वहां के लोग उनके उपदेश आसानी से सुन और समझ सकें। इस कारण क्षेत्रीय भाषाओं का विकास हुआ।