भक्ति और सूफी आंदोलन (UPPCS)

Total Questions: 50

31. ईश्वर केवल मनुष्य के सद्‌गुण को पहचानता है तथा उसकी जाति नहीं पूछताः आगामी दुनिया में कोई जाति नहीं होगी।' यह सिद्धांत किस भक्ति संत का है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) नानक
Solution:गुरु नानक का कहना है, "ईश्वर व्यक्ति के गुणों को जानता है, पर वह उसकी जाति के बारे में नहीं पूछता; क्योंकि दूसरे लोक में कोई जाति नहीं है।" गुरु नानक ने 'गुरु का लंगर' नाम से मुक्त सामुदायिक रसोई की शुरुआत की। उनके अनुयायी किसी की भी जाति पर ध्यान दिए बिना एक साथ भोजन करते थे।

32. मीराबाई समकालीन नहीं थीं - [U.P. P.C.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (d) रामकृष्ण परमहंस के
Solution:मीराबाई मेड़ता के रतन सिंह राठौर की इकलौती पुत्री थीं। इनका जन्म 1498 ई. में मेड़ता के कुदकी नामक ग्राम में हुआ था। इनका विवाह उदयपुर के प्रसिद्ध शासक राणा सांगा के ज्येष्ठ पुत्र युवराज भोजराज से हुआ था, किंतु विवाह के कुछ ही वर्षों पश्चात राजकुमार भोजराज का परलोकवास हो गया। पति की मृत्यु के बाद उन्होंने अपना समूचा जीवन कृष्ण की भक्ति में अर्पित कर दिया। ये महाकवि तुलसीदास (1532-1623 ई.), गुरु नानक (1469-1539 ई.) एवं चैतन्य महाप्रभु (1486-1533 ई.) के समकालीन थीं, जबकि रामकृष्ण परमहंस (1836-1886 ई.) इनके समकालीन नहीं थे।

33. प्रसिद्ध भक्त कवयित्री मीरा के पति का नाम था - [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (b) राजकुमार भोजराज
Solution:मीराबाई मेड़ता के रतन सिंह राठौर की इकलौती पुत्री थीं। इनका जन्म 1498 ई. में मेड़ता के कुदकी नामक ग्राम में हुआ था। इनका विवाह उदयपुर के प्रसिद्ध शासक राणा सांगा के ज्येष्ठ पुत्र युवराज भोजराज से हुआ था, किंतु विवाह के कुछ ही वर्षों पश्चात राजकुमार भोजराज का परलोकवास हो गया। पति की मृत्यु के बाद उन्होंने अपना समूचा जीवन कृष्ण की भक्ति में अर्पित कर दिया। ये महाकवि तुलसीदास (1532-1623 ई.), गुरु नानक (1469-1539 ई.) एवं चैतन्य महाप्रभु (1486-1533 ई.) के समकालीन थीं, जबकि रामकृष्ण परमहंस (1836-1886 ई.) इनके समकालीन नहीं थे।

34. 'राग-गोविंद' के रचनाकार हैं- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (a) मीराबाई
Solution:मीराबाई हिंदू आध्यात्मिक कवयित्री थीं, जिनके भगवान श्रीकृष्ण के प्रति समर्पित भजन उत्तर भारत में लोकप्रिय हैं। इनके द्वारा रचित ग्रंथ हैं-नरसी जी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग-गोविंद और राग सोरठा के पद। इसके अतिरिक्त उनके गीतों का संकलन 'मीराबाई की पदावली' नामक ग्रंथ में किया गया है।

35. निम्नलिखित संतों को उनके कालानुक्रम में नियोजित कीजिए- [U. P. P. C. S. (Mains) 2005]

1. कबीर                     2. नामदेव

3. मीराबाई               4. नानक

कूट :

Correct Answer: (c) 2, 1, 4, 3
Solution:कबीरदास का समय 1398-1518 ई., नामदेव का काल 1270 से 1350 ई., मीराबाई का समय 1498-1546 ई. तथा गुरु नानक देव का समय 1469-1539 ई. के मध्य है। इस प्रकार विकल्प (c) अभीष्ट उत्तर है।

36. निम्नलिखित में से कौन इस्लाम से प्रभावित था ? [U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Mains) 2010 & U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) नामदेव
Solution:चैतन्य, मीराबाई एवं वल्लभाचार्य सगुण संत के रूप में कृष्ण भक्ति के उपासक थे, जबकि नामदेव निर्गुण संत थे। नामदेव मूर्ति पूजा, व्रत, उपवास, तीर्थ यात्रा एवं कठोर शरीर साधना के मार्ग के खिलाफ थे, इस दृष्टि से वे इस्लाम से प्रभावित प्रतीत होते हैं।

37. निम्नलिखित भक्ति संतों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2013]

1. दादू दयाल              2. गुरु नानक

3. त्यागराज

इनमें से कौन उस समय उपदेश देता था/देते थे, जब लोदी वंश का पतन हुआ तथा बाबर सत्तारूढ़ हुआ?

Correct Answer: (b) केवल 2
Solution:दादू दयाल का समय 1544 ई. से 1603 ई. के मध्य था। गुरुनानक का समय 1469 ई. से 1539 ई. था। त्यागराज का समय 1767 ई. से 1847 ई. तक था। यह भक्ति मार्गी कवि एवं कर्नाटक संगीत के महान संगीतज्ञ थे। लोदी वंश का पतन 1526 ई. में हुआ, जब बाबर ने पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी को पराजित कर दिया था। उस समय गुरु नानक उपदेश देते थे। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

38. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिए- [I.A.S. (Pre) 2001]

सूची-I (भक्ति संत)सूची-II (व्यवसाय)
A. नामदेव1. नाई
B. कबीर2. जुलाहा
C. रविदास3. दर्जी
D. सेना4. मोची

कूट :

          (A)

        (B)

      (C)

          (D)

(a)

2

3

1

4

(b)

3

2

4

1

(c)

3

2

1

4

(d)

2

3

4

1

Correct Answer: (b)
Solution:सही सुमेलन इस प्रकार है-

नामदेव            -            दर्जी

कबीर              -          जुलाहा

रविदास           -          मोची

सेना                -          नाई

39. चैतन्य महाप्रभु किस संप्रदाय से संबद्ध हैं? [U.P.P.C.S. (Pre) 1990]

Correct Answer: (a) वैष्णव
Solution:चैतन्य वैष्णव संप्रदाय के अंतर्गत कृष्ण भक्ति से संबंधित थे। चैतन्य के बचपन का नाम निमाई था। चैतन्य ने कृष्ण को अपना आराध्य बनाया तथा उन्हीं की भक्ति का प्रचार किया। बहुत दिनों तक उन्होंने वृंदावन में भी निवास किया। नदिया आकर उन्होंने कीर्तन-जुलूसों का आयोजन किया तथा वे गलियों में घूम-घूम कर कृष्ण लीलाओं का कीर्तन किया करते थे।

40. तुलसीदास किसके समकालीन थे? [U.P. P.C.S. (Spl.) (Pre) 2004]

Correct Answer: (a) अकबर तथा जहांगीर
Solution:सुप्रसिद्ध भक्त संत कवि गोस्वामी तुलसीदास मुख्यतः अकबर तथा जहांगीर के समकालीन थे। यद्यपि तुलसीदास के जीवन काल में हुमायूं, अकबर और जहांगीर मुगल बादशाह थे। तुलसीदास ने अनेक ग्रंथ लिखे, जिनमें 'रामचरितमानस' तथा 'विनय पत्रिका' सर्वोत्तम हैं। तुलसीदास का दरबार से कोई संबंध नहीं था। उन्होंने अपना अधिकांश जीवन वाराणसी में ही बिताया। अबुल फजल ने 'आइन-ए-अकबरी' में इनका नामोल्लेख किया है।