भारतीय राज्यव्यवस्था एवं शासन (Part-III)

Total Questions: 81

1. सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 के अधीन सभी दंडनीय अपराध हैं- [M.P. P.C.S (Pre), 2012]

Correct Answer: (b) संज्ञेय तथा संक्षेपतः विचारणीय
Solution:सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 की धारा 15 के अनुसार, सभी अपराध संज्ञेय तथा संक्षेपतः विचारणीय प्रकृति के होंगे। इस अधिनियम के अंतर्गत अपराध का विचारण प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट तथा महानगरों के मामले में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा किया जाता है।

2. सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 के अंतर्गत अपराध का विचारण किस न्यायालय द्वारा किया जाता है? [M.P. P.C.S. (Pre), 2014]

Correct Answer: (b) प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट
Solution:सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 की धारा 15 के अनुसार, सभी अपराध संज्ञेय तथा संक्षेपतः विचारणीय प्रकृति के होंगे। इस अधिनियम के अंतर्गत अपराध का विचारण प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट तथा महानगरों के मामले में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा किया जाता है।

3. सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 के अंतर्गत सभी दंडनीय अपराध हैं- [M.P. P.C.S. (Pre), 2019]

Correct Answer: (e) संज्ञेय तथा संक्षेपतः विचारणीय & संज्ञेय तथा अशमनीय
Solution:सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 के अंतर्गत सभी दंडनीय अपराध संज्ञेय तथा संक्षेपतः विचारणीय और संज्ञेय तथा अशमनीय हैं।

4. सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 के अधीन सभी अपराध .......... हैं। [M.P. P.C.S. (Pre), 2013]

Correct Answer: (e) a & d
Solution:सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 की धारा 15 (1) के तहत इस अधिनियम के अधीन दंडनीय हर अपराध संज्ञेय होगा। इस अधिनियम में दोषी व्यक्तियों के लिए कारावास और जुर्माने दोनों का प्रावधान है। अतः इस प्रश्न के सही उत्तर विकल्प (a) व (d) हैं। म.प्र. लोक सेवा आयोग ने अपनी प्रारंभिक उत्तर-कुंजी में विकल्प (c) को सही माना था, परंतु संशोधित उत्तर-कुंजी में इस प्रश्न के लिए बोनस अंक दे दिया गया।

5. यदि कोई व्यक्ति अस्पृश्यता के आधार पर किसी व्यक्ति को किसी अस्पताल, औषधालय या शिक्षा संस्थान में प्रवेश से इंकार करता है, तब वह सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 की किस धारा के अंतर्गत दंडनीय है? [M.P. P.C.S. (Pre), 2019]

Correct Answer: (b) धारा - 5
Solution:यदि कोई व्यक्ति अस्पृश्यता के आधार पर किसी व्यक्ति को किसी अस्पताल, औषधालय, शिक्षा-संस्थान या छात्रावास, जो जन-साधारण या उसके किसी विभाग के फायदे के लिए स्थापित हो या चलाया जाता हो, प्रवेश से इनकार करता है, तब वह सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 की धारा-5 के अंतर्गत दंडनीय है।

6. सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 की निम्नलिखित में से किस धारा के अंतर्गत 'सामूहिक जुर्माना अधिरोपित करने की राज्य सरकार की शक्ति' का उपबंध किया गया है? [M.P. P.C.S. (Pre), 2018]

Correct Answer: (b) धारा 10क
Solution:सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 की धारा 10क (10A) के अंतर्गत 'सामूहिक जुर्माना अधिरोपित करने की राज्य सरकार की शक्ति' (Power of State Government to impose collective fine) का उपबंध किया गया है।

7. सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम का विस्तार है- [M.P. P.C.S. (Pre), 2012]

Correct Answer: (a) संपूर्ण भारत पर
Solution:सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 की धारा 1(2) के अनुसार, इस अधिनियम का विस्तार संपूर्ण भारत पर है।

8. सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 का विस्तार है- [M.P. P.C.S. (Pre), 2018]

Correct Answer: (a) संपूर्ण भारत पर
Solution:सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 की धारा 1(2) के अनुसार, इस अधिनियम का विस्तार संपूर्ण भारत पर है।

9. सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 की निम्नलिखित में से किस धारा के अंतर्गत 'कंपनियों द्वारा अपराध' का उपबंध किया गया है? [M.P. P.C.S. (Pre), 2018]

Correct Answer: (c) धारा 14
Solution:सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 की धारा 14 के अंतर्गत 'कंपनियों द्वारा अपराध' (Offences by companies) का उपबंध किया गया है।

10. सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 के अंतर्गत कंपनियों द्वारा अपराध किए जाने की दशा में कौन उत्तरदायी होता है? [M.P. P.C.S. (Pre), 2014]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 की धारा 14(1) के अनुसार, यदि इस अधिनियम के तहत अपराध करने वाला व्यक्ति कंपनी हो, तो हर ऐसा व्यक्ति, जो अपराध किए जाने के समय उस कंपनी के कारबार के संचालन के लिए उस कंपनी का भारसाधक और उस कंपनी के प्रति उत्तरदायी था, उस अपराध का दोषी समझा जाएगा। धारा 14(2) के अनुसार, जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध कंपनी के किसी निदेशक या प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी की सम्मति से किया गया हो, वहां वे भी उस अपराध के दोषी समझे जाएंगे।