भारतीय राज्यव्यवस्था एवं शासन (Part-III)

Total Questions: 81

41. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है? [M.P. P.C.S. (Pre), 2016]

Correct Answer: (b) इसका उद्देश्य भारत में भूमि सुधार प्रक्रिया को बढ़ावा देना था।
Solution:भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 का उद्देश्य भारत में भूमि सुधार प्रक्रिया को बढ़ावा देना नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य सार्वजनिक संस्थानों, संगठनों और कंपनियों तथा तत्संबंधी उद्देश्यों हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए कानून बनाना था। यह अधिनियम 1 मार्च, 1894 से अस्तित्व में आया था। इस अधिनियम को भारत की संसद द्वारा बनाए गए 2013 के अधिनियम (भूमि-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013) से प्रतिस्थापित किया गया है।

42. आपदा प्रबंधन एक्ट बनाया गया था- [M.P.PC.S. (Pre), 2020]

Correct Answer: (c) 2005
Solution:आपदा प्रबंधन एक्ट (Disaster Management Act) को वर्ष 2005 में भारत सरकार द्वारा देश में प्राकृतिक या मानव-जनित आपदाओं के कुशल प्रबंधन और इससे जुड़े अन्य मामलों के लिए अधिनियमित किया गया था। इस अधिनियम हेतु विधेयक राज्य सभा द्वारा 28 नवंबर, 2005 को तथा लोक सभा द्वारा 12 दिसंबर, 2005 को पारित किया गया था तथा 23 दिसंबर, 2005 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के पश्चात यह अधिनियमित हुआ था। इसके तहत राष्ट्रीय, राज्य तथा जिला स्तरों पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों की व्यवस्थित संरचना का प्रावधान किया गया है।

43. राज्य खाद्य आयोग की स्थापना किस अधिनियम के अंतर्गत होती है? [M.P. P.C.S. (Pre), 2020]

Correct Answer: (a) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013
Solution:राज्य खाद्य आयोग की स्थापना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 की धारा 16 के तहत होती है। इस अधिनियम की धारा 16 के अनुसार, प्रत्येक राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा, इस अधिनियम के कार्यान्वयन के पर्यवेक्षण और उसका पुनर्विलोकन करने के प्रयोजन के लिए एक राज्य खाद्य आयोग का गठन करेगी।

44. निम्नलिखित में से कौन-सा राज्य का मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त नहीं हो सकता है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (d) राज्य क्षेत्र के विधानमंडल का सदस्य
Solution:सूचना का अधिकार अधिनिमय, 2005 की धारा 15 के खंड (5) के अनुसार, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त विधि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समाजसेवा, प्रबंध, पत्रकारिता, जनसंपर्क माध्यम या प्रशासन और शासन में व्यापक ज्ञान और अनुभव वाले समाज में प्रख्यात व्यक्ति होंगे। साथ ही धारा 15 के ही खंड (6) के अनुसार राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त, यथास्थिति, संसद का सदस्य या किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के विधानमंडल का सदस्य नहीं होगा या कोई अन्य लाभ का पद धारण नहीं करेगा या किसी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं होगा या कोई कारोबार नहीं करेगा या कोई वृत्ति नहीं करेगा। इस प्रकार विकल्प (d) सही उत्तर है।

45. सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20 के अंतर्गत निम्नलिखित में से कौन जुर्माना लगा सकता है? [M.P.P.C.S. (Pre), 2021]

Correct Answer: (c) केंद्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग
Solution:सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 20 के अंतर्गत शास्तियों का प्रावधान किया गया। धारा 20 के अनुसार, केंद्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग किसी शिकायत या अपील का विनिश्चय करते समय यदि उनकी राय यह है, कि यथास्थिति केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी ने किसी युक्तियुक्त कारण के बिना सूचना के लिए कोई आवेदन लेने से इनकार कर दिया है या धारा 7 (1) के अधीन निर्धारित समय के भीतर सूचना नहीं दी है, या सूचना देने से इनकार कर दिया है या जानबूझकर गलत, अपूर्ण या भ्रामक सूचना दी है या उस सूचना को नष्ट कर दिया है, जो अनुरोध का विषय थी या किसी रीति से सूचना देने में बाधा डाली है, तो वह ऐसे प्रत्येक दिन के लिए जब तक आवेदन प्राप्त किया जाता है या सूचना दी जाती है 250 रुपये की शास्ति अधिरोपित करेगा, किंतु ऐसी शास्ति की कुल रकम 25000 रुपये से अधिक नहीं होगी।

46. भारत में उच्चतम न्यायालय का उद्घाटन किस तिथि में हुआ था? [M.P. P.C.S. (Pre), 2013]

Correct Answer: (b) 28 जनवरी, 1950
Solution:भारत में उच्चतम न्यायालय का उ‌द्घाटन 28 जनवरी, 1950 को हुआ था, जबकि इसकी स्थापना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत 26 जनवरी, 1950 को हुई थी।

47. सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए व्यक्ति को कम-से-कम कितने वर्ष उच्च न्यायालय का एडवोकेट होना चाहिए? [M.P. P.C.S. (Pre), 2002]

Correct Answer: (b) 10
Solution:संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति होती है। उच्चतम न्यायालय का प्रत्येक न्यायाधीश राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालयों में किसी भी न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश की राय के अनुरूप करेगा। अनुच्छेद 124 (3) के अनुसार, उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिएं-

1. वह भारत का नागरिक हो।

2. एक या अधिक उच्च न्यायालय का कम-से-कम 5 वर्ष तक न्यायाधीश रहा हो, या

3. एक या अधिक उच्च न्यायालय में कम-से-कम 10 वर्ष तक अधिवक्ता रहा हो, या

4. वह राष्ट्रपति की राय में पारंगत विधिवेत्ता हो।

48. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश किस प्रकार हटाए जा सकते हैं? [M.P. P.C.S. (Pre), 1993]

Correct Answer: (d) राष्ट्रपति के द्वारा संसद की सिफारिश पर
Solution:उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश को राष्ट्रपति द्वारा साबित कदाचार या असमर्थता के आधार पर संसद की सिफारिश पर हटाया जा सकता है। उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश को साबित कदाचार या असमर्थता के आधार पर हटाए जाने के लिए संसद के प्रत्येक सदन द्वारा अपनी कुल सदस्य संख्या के बहुमत द्वारा तथा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के कम-से-कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा समर्थित समावेदन (Address) को राष्ट्रपति के समक्ष भेजना होता है तथा ऐसे समावेदन के राष्ट्रपति के समक्ष उसी सत्र में रखे जाने पर राष्ट्रपति के आदेश से उस न्यायाधीश को पद से हटाया जा सकता है [अनुच्छेद 124 (4)]। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने (Remove) तथा तत्संबंधी जांच की प्रक्रिया का संसदीय विधि द्वारा विनियमन अनुच्छेद 124 (5) में प्रावधानित है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया भी यही है।

नोट : महाभियोग (Impeachment) शब्द का प्रयोग संविधान में केवल राष्ट्रपति को हटाने के लिए किया गया है। उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने के लिए महाभियोग शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। इनके लिए संविधान के अनुसार हटाना (Remove) शब्द है।

49. भारत के सर्वोच्च न्यायालय में निम्नलिखित में से किस प्रकार के न्यायाधीश न्यायाधीशों की नियुक्ति की जा सकती है? [M.P. P.C.S. (Pre), 2020]

(i) तदर्थ न्यायाधीश

(ii) अतिरिक्त न्यायाधीश

Correct Answer: (a) (i) सही है और
Solution:संविधान के अनुच्छेद 127 (1) के तहत यदि किसी समय भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सत्र को आयोजित करने या चालू रखने के लिए उस न्यायालय के न्यायाधीशों की गणपूर्ति (कोरम) प्राप्त न हो तो भारत के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा, राष्ट्रपति की पूर्व सहमति से और संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद, उस उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश को (जो सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए पात्र हो) सर्वोच्च न्यायालय में तदर्थ (Ad hoc) न्यायाधीश के रूप में नामित किया जा सकता है। तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति संबंधी प्रावधान केवल सर्वोच्च न्यायालय के संदर्भ में है, अन्य न्यायालयों के लिए नहीं है। दूसरी ओर, अपर या अतिरिक्त (additional) और कार्यकारी (acting) न्यायाधीशों की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत उच्च न्यायालयों में की जा सकती है, सर्वोच्च न्यायालय में नहीं।

50. संविधान की व्याख्या करने का अंतिम अधिकार किसे है? [M.P. P.C.S. (Pre), 1994]

Correct Answer: (d) सर्वोच्च न्यायालय
Solution:संविधान की व्याख्या करने का अंतिम अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को है। सर्वोच्च न्यायालय को ही संविधान का प्रहरी और संरक्षक माना जाता है।