भारत का संवैधानिक विकास (UPPCS)

Total Questions: 50

41. द्वैध शासन का जनक किसे माना जाता है? [B.P.C.S. (Pre.) 2016]

Correct Answer: (d) सर लियोनिल कर्टिस
Solution:सर लियोनिल कर्टिस को द्वैध शासन का जनक माना जाता है। उसके द्वैध शासन संबंधी विचार 'भारत सरकार अधिनियम, 1919' का आधार बने थे।

42. मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड की रिपोर्ट- [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2011 53rd to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]

Correct Answer: (b) भारत सरकार अधिनियम, 1919 का आधार बनी
Solution:तत्कालीन भारत राज्य सचिव एडविन मॉन्टेग्यू और वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड की रिपोर्ट भारतीय परिषद अधिनियम, 1919 का आधार बनी थी।

43. वर्ष 1919 में जब मॉन्टेग्यू चेम्सफोर्ड अधिनियम पास हुआ था, तब इंग्लैंड का प्रधानमंत्री कौन था? [60th To 62nd B.P.S.C. (Pre) 2017]

Correct Answer: (a) लॉयड जॉर्ज
Solution:वर्ष 1919 में जब मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड अधिनियम पास हुआ था, तब इंग्लैंड के प्रधानमंत्री डेविड लॉयड जॉर्ज थे। ये वर्ष 1916 से 1922 तक इंग्लैंड (यू.के.) के प्रधानमंत्री रहे।

44. प्रांतों में द्वैध शासन प्रणाली (Dyarchy) किस अधिनियम के अंतर्गत लागू की गई थी? [U.P. P.C.S. (Pre) 2004 U.P. P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (c) 1919
Solution:मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड प्रस्ताव ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में सांविधानिक सुधार से संबंधित है। भारतीय प्रांतों में द्वैध शासन का प्रारंभ मांट-फोर्ड (मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड) सुधार वर्ष 1919 से प्रारंभ किया गया, जिसे भारत सरकार अधिनियम, 1919 भी कहा जाता है। इस अधिनियम ने पहली बार 'उत्तरदायी शासन' शब्दों का स्पष्ट प्रयोग किया था। इस अधिनियम के तहत प्रांतों में विषयों को 'आरक्षित' एवं 'हस्तांतरित' दो भागों में बांटा गया। इनमें हस्तांतरित विषयों का प्रशासन प्रांतीय विधायिका के प्रति उत्तरदायी मंत्रियों को सौंपा गया, जबकि आरक्षित विषय प्रांतीय गवर्नर एवं उसकी कार्यकारिणी के पास ही रहे। यह दोहरी शासन प्रणाली वर्ष 1921 से 1937 तक 9 प्रांतों में चलती रही, केवल बंगाल में वर्ष 1924 से 1927 और मध्य प्रांत एवं बरार में वर्ष 1924 से 1926 तक निलम्बित रही।

45. भारतीय इतिहास के संदर्भ में 'द्वैध शासन' (डायआर्की) सिद्धांत किसे निर्दिष्ट करता है? [I.A.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (d) प्रांतों में प्रत्यायोजित विषयों का दो प्रवर्गों में विभाजन ।
Solution:मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड प्रस्ताव ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में सांविधानिक सुधार से संबंधित है। भारतीय प्रांतों में द्वैध शासन का प्रारंभ मांट-फोर्ड (मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड) सुधार वर्ष 1919 से प्रारंभ किया गया, जिसे भारत सरकार अधिनियम, 1919 भी कहा जाता है। इस अधिनियम ने पहली बार 'उत्तरदायी शासन' शब्दों का स्पष्ट प्रयोग किया था। इस अधिनियम के तहत प्रांतों में विषयों को 'आरक्षित' एवं 'हस्तांतरित' दो भागों में बांटा गया। इनमें हस्तांतरित विषयों का प्रशासन प्रांतीय विधायिका के प्रति उत्तरदायी मंत्रियों को सौंपा गया, जबकि आरक्षित विषय प्रांतीय गवर्नर एवं उसकी कार्यकारिणी के पास ही रहे। यह दोहरी शासन प्रणाली वर्ष 1921 से 1937 तक 9 प्रांतों में चलती रही, केवल बंगाल में वर्ष 1924 से 1927 और मध्य प्रांत एवं बरार में वर्ष 1924 से 1926 तक निलम्बित रही।

46. मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड प्रस्ताव किससे संबंधित थे? [L.A.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) सांविधानिक सुधार
Solution:मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड प्रस्ताव ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में सांविधानिक सुधार से संबंधित है। भारतीय प्रांतों में द्वैध शासन का प्रारंभ मांट-फोर्ड (मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड) सुधार वर्ष 1919 से प्रारंभ किया गया, जिसे भारत सरकार अधिनियम, 1919 भी कहा जाता है। इस अधिनियम ने पहली बार 'उत्तरदायी शासन' शब्दों का स्पष्ट प्रयोग किया था। इस अधिनियम के तहत प्रांतों में विषयों को 'आरक्षित' एवं 'हस्तांतरित' दो भागों में बांटा गया। इनमें हस्तांतरित विषयों का प्रशासन प्रांतीय विधायिका के प्रति उत्तरदायी मंत्रियों को सौंपा गया, जबकि आरक्षित विषय प्रांतीय गवर्नर एवं उसकी कार्यकारिणी के पास ही रहे। यह दोहरी शासन प्रणाली वर्ष 1921 से 1937 तक 9 प्रांतों में चलती रही, केवल बंगाल में वर्ष 1924 से 1927 और मध्य प्रांत एवं बरार में वर्ष 1924 से 1926 तक निलम्बित रही।

47. भारत सरकार अधिनियम, 1919 ने निम्नलिखित में से किसको स्पष्ट रूप से परिभाषित किया? [I.A.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (b) केंद्रीय एवं प्रांतीय सरकारों की अधिकारिता
Solution:मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड प्रस्ताव ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में सांविधानिक सुधार से संबंधित है। भारतीय प्रांतों में द्वैध शासन का प्रारंभ मांट-फोर्ड (मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड) सुधार वर्ष 1919 से प्रारंभ किया गया, जिसे भारत सरकार अधिनियम, 1919 भी कहा जाता है। इस अधिनियम ने पहली बार 'उत्तरदायी शासन' शब्दों का स्पष्ट प्रयोग किया था। इस अधिनियम के तहत प्रांतों में विषयों को 'आरक्षित' एवं 'हस्तांतरित' दो भागों में बांटा गया। इनमें हस्तांतरित विषयों का प्रशासन प्रांतीय विधायिका के प्रति उत्तरदायी मंत्रियों को सौंपा गया, जबकि आरक्षित विषय प्रांतीय गवर्नर एवं उसकी कार्यकारिणी के पास ही रहे। यह दोहरी शासन प्रणाली वर्ष 1921 से 1937 तक 9 प्रांतों में चलती रही, केवल बंगाल में वर्ष 1924 से 1927 और मध्य प्रांत एवं बरार में वर्ष 1924 से 1926 तक निलम्बित रही।

48. द्वैध शासन प्रणाली लागू करने वाला एक्ट आया था- [Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2002]

Correct Answer: (d) 1919 में
Solution:मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड प्रस्ताव ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में सांविधानिक सुधार से संबंधित है। भारतीय प्रांतों में द्वैध शासन का प्रारंभ मांट-फोर्ड (मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड) सुधार वर्ष 1919 से प्रारंभ किया गया, जिसे भारत सरकार अधिनियम, 1919 भी कहा जाता है। इस अधिनियम ने पहली बार 'उत्तरदायी शासन' शब्दों का स्पष्ट प्रयोग किया था। इस अधिनियम के तहत प्रांतों में विषयों को 'आरक्षित' एवं 'हस्तांतरित' दो भागों में बांटा गया। इनमें हस्तांतरित विषयों का प्रशासन प्रांतीय विधायिका के प्रति उत्तरदायी मंत्रियों को सौंपा गया, जबकि आरक्षित विषय प्रांतीय गवर्नर एवं उसकी कार्यकारिणी के पास ही रहे। यह दोहरी शासन प्रणाली वर्ष 1921 से 1937 तक 9 प्रांतों में चलती रही, केवल बंगाल में वर्ष 1924 से 1927 और मध्य प्रांत एवं बरार में वर्ष 1924 से 1926 तक निलम्बित रही।

49. निम्न में से भारत सरकार अधिनियम 1919 के बारे में असत्य कथन को चिह्नित कीजिए- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (a) यह अधिनियम मॉर्ले-मिंटो सुधार अधिनियम के नाम से भी जाना जाता है।
Solution:मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड प्रस्ताव ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में सांविधानिक सुधार से संबंधित है। भारतीय प्रांतों में द्वैध शासन का प्रारंभ मांट-फोर्ड (मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड) सुधार वर्ष 1919 से प्रारंभ किया गया, जिसे भारत सरकार अधिनियम, 1919 भी कहा जाता है। इस अधिनियम ने पहली बार 'उत्तरदायी शासन' शब्दों का स्पष्ट प्रयोग किया था। इस अधिनियम के तहत प्रांतों में विषयों को 'आरक्षित' एवं 'हस्तांतरित' दो भागों में बांटा गया। इनमें हस्तांतरित विषयों का प्रशासन प्रांतीय विधायिका के प्रति उत्तरदायी मंत्रियों को सौंपा गया, जबकि आरक्षित विषय प्रांतीय गवर्नर एवं उसकी कार्यकारिणी के पास ही रहे। यह दोहरी शासन प्रणाली वर्ष 1921 से 1937 तक 9 प्रांतों में चलती रही, केवल बंगाल में वर्ष 1924 से 1927 और मध्य प्रांत एवं बरार में वर्ष 1924 से 1926 तक निलम्बित रही।

50. निम्न कथनों पर विचार कीजिए- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 1998]

कथन (A): भारत सरकार अधिनियम, 1919 के प्रवर्तन के साथ शासन का ढांचा और उसकी विशेषताएं एकात्मक और केंद्रीय ही रहीं।

कारण (R) : सत्ता का एक बड़ा भाग प्रांतों को प्रत्यायोजित किया गया था।

उपर्युक्त के संदर्भ में निम्न में से कौन-सा एक सही उत्तर है?

कूट :

Correct Answer: (d) (A) गलत है; परंतु (R) सही है।
Solution:भारत सरकार अधिनियम, 1919 में प्रशासन के विषयों को दो भागों में बांटा गया था। केंद्रीय सूची में 47 विषय शामिल थे जिसमें रक्षा, विदेश नीति, पेटेंट और कॉपीराइट, मुद्रा, संचार, वाणिज्य और पोत परिवहन, नमक और कपास पर उत्पाद शुल्क, आय कर, लोक ऋण आदि थे। इन विषयों पर कानून बनाने की शक्ति केंद्रीय विधानमंडल में निहित थी। राज्य सूची में 50 विषय शामिल थे जिसमें स्थानीय स्वशासन, लोक स्वास्थ्य और सफाई, चिकित्सा, शिक्षा, कृषि, सिंचाई, कानून और व्यवस्था आदि थे। इन विषयों पर कानून निर्माण की शक्ति राज्यों के पास थी। इसके अतिरिक्त गवर्नर जनरल को यह अधिकार था कि वह केंद्रीय सूची के विषय को राज्य के महत्व का घोषित कर राज्य विधान परिषदों को उस पर कानून निर्माण का अधिकार सौंप दे या राज्य सूची के विषय पर केंद्रीय विधानमंडल को विधि निर्माण का अधिकार दे दे। फिर भी भारत सरकार अधिनियम, 1919 में शक्तियों का यह विभाजन संघात्मक व्यवस्था का एक रूप है। इस तरह कथन (A) असत्य तथा कारण (R) सत्य है।