भारत : जनसंख्या

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1. जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि निम्न में से किसका परिणाम है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2018]

A. अशोधित जन्म दर

B. अशोधित मृत्यु दर

C. प्रव्रजन

D. विवाह

दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए

Correct Answer: (d) A और B
Solution:जन्म और मृत्यु किसी क्षेत्र में जनसंख्या परिवर्तन के प्राकृतिक कारक होते हैं। क्षेत्र विशेष में दो समय अंतरालों में जन्म और मृत्यु के अंतर से बढ़ने वाली जनसंख्या को उस क्षेत्र की जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि कहते हैं। अतः जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि = जन्म - मृत्यु। इस प्रकार जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि दर अशोधित जन्मदर और अशोधित मृत्यु दर के अंतर से प्राप्त की जा सकती है।

2. निम्नलिखित में से कौन-सा संयोजक आर्थिक विकास से संबंधित विशिष्ट जनसांख्यिकीय संक्रमण का सही अनुक्रम दर्शा देगा? [I.A.S. (Pre) 1993]

(1) उच्च जन्म दर का उच्च मृत्यु दर से

(2) निम्न जन्म दर का निम्न मृत्यु दर से

(3) उच्च जन्म दर का निम्न मृत्यु दर से

नीचे दिए हुए कूटों से उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (b) 1, 3, 2
Solution:'जनसांख्यिकीय संक्रमण' एक ऐसा सिद्धांत है, जो समय के साथ-साथ जनसंख्या में हुए परिवर्तन को दर्शाता है। यह सिद्धांत अमेरिकी जनसांख्यिकीविद वॉरेन थॉम्पसन द्वारा वर्ष 1929 में विकसित 20शताब्दी के मध्य में अमेरिका के जनसांख्यिकीविद् फ्रैंक डब्ल्यू नोटस्टीन द्वारा जननांकिकीय संक्रमण की अवधि की औपचारिक व्याख्या प्रस्तुत की गई। यह सिद्धांत जनसंख्या वृद्धि के उन चारों स्तरों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है जो राष्ट्रों में उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ आगे-पीछे गुजरते हैं।

प्रथम चरण- यह चरण विशिष्ट रूप से अल्प विकसित देशों में देखने को मिलता है, जहां उच्च जन्म दर के साथ मृत्यु दर भी उच्च होती है, जिसके कारण जनसंख्या स्थिर रहती है।

द्वितीय चरण- विकास की प्रक्रिया के साथ जन्म दर तो ऊंची होती है, किंतु बेहतर भोजन आपूर्ति तथा उन्नत जनस्वास्थ्य की सुविधाओं के कारण मृत्यु दर निम्न हो जाती है, जिससे जनसंख्या में वृद्धि होती है।

तृतीय चरण- इस चरण में जन्म दर भी कम हो जाती है लेकिन जनसंख्या निरंतर बढ़ती जाती है, क्योंकि पूर्व की पीढ़ियों की उच्च जनन क्षमता के कारण जनन आयु समूह में बहुत अधिक संख्या में लोग होते हैं।

 चतुर्थ चरण- निम्न जन्म दर और निम्न मृत्यु दरों के साथ लेकिन उच्चतर सामाजिक और आर्थिक विकास के स्तर के साथ एक बार फिर स्थिर जनसंख्या को प्राप्त कर लेते हैं। इसमें जनसंख्या पहले चरण से अधिक स्थिर होती है।

3. आर्थिक विकास से संबद्ध जनांकिकीय संक्रमण की निम्नलिखित [I.A.S. (Pre) 2012]

विशिष्ट अवस्थाओं पर विचार कीजिए :

1. निम्न मृत्यु-दर के साथ निम्न जन्म-दर

2. उच्च मृत्यु-दर के साथ उच्च जन्म-दर

3. निम्न मृत्यु-दर के साथ उच्च जन्म-दर

नीचे दिए गए कूटों की सहायता से उपर्युक्त अवस्थाओं का सही

क्रम चुनिए :

Correct Answer: (c) 2, 3, 1
Solution:'जनसांख्यिकीय संक्रमण' एक ऐसा सिद्धांत है, जो समय के साथ-साथ जनसंख्या में हुए परिवर्तन को दर्शाता है। यह सिद्धांत अमेरिकी जनसांख्यिकीविद वॉरेन थॉम्पसन द्वारा वर्ष 1929 में विकसित 20शताब्दी के मध्य में अमेरिका के जनसांख्यिकीविद् फ्रैंक डब्ल्यू नोटस्टीन द्वारा जननांकिकीय संक्रमण की अवधि की औपचारिक व्याख्या प्रस्तुत की गई। यह सिद्धांत जनसंख्या वृद्धि के उन चारों स्तरों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है जो राष्ट्रों में उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ आगे-पीछे गुजरते हैं।

प्रथम चरण- यह चरण विशिष्ट रूप से अल्प विकसित देशों में देखने को मिलता है, जहां उच्च जन्म दर के साथ मृत्यु दर भी उच्च होती है, जिसके कारण जनसंख्या स्थिर रहती है।

द्वितीय चरण- विकास की प्रक्रिया के साथ जन्म दर तो ऊंची होती है, किंतु बेहतर भोजन आपूर्ति तथा उन्नत जनस्वास्थ्य की सुविधाओं के कारण मृत्यु दर निम्न हो जाती है, जिससे जनसंख्या में वृद्धि होती है।

तृतीय चरण- इस चरण में जन्म दर भी कम हो जाती है लेकिन जनसंख्या निरंतर बढ़ती जाती है, क्योंकि पूर्व की पीढ़ियों की उच्च जनन क्षमता के कारण जनन आयु समूह में बहुत अधिक संख्या में लोग होते हैं।

 चतुर्थ चरण- निम्न जन्म दर और निम्न मृत्यु दरों के साथ लेकिन उच्चतर सामाजिक और आर्थिक विकास के स्तर के साथ एक बार फिर स्थिर जनसंख्या को प्राप्त कर लेते हैं। इसमें जनसंख्या पहले चरण से अधिक स्थिर होती है।

4. जनसंख्या वृद्धि के स्वरूप में एक दीर्घ कालावधि में घटित क्रमिक परिवर्तन को कहते हैं- [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2016]

Correct Answer: (a) जनांकिकीय संक्रमण
Solution:'जनसांख्यिकीय संक्रमण' एक ऐसा सिद्धांत है, जो समय के साथ-साथ जनसंख्या में हुए परिवर्तन को दर्शाता है। यह सिद्धांत अमेरिकी जनसांख्यिकीविद वॉरेन थॉम्पसन द्वारा वर्ष 1929 में विकसित 20शताब्दी के मध्य में अमेरिका के जनसांख्यिकीविद् फ्रैंक डब्ल्यू नोटस्टीन द्वारा जननांकिकीय संक्रमण की अवधि की औपचारिक व्याख्या प्रस्तुत की गई। यह सिद्धांत जनसंख्या वृद्धि के उन चारों स्तरों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है जो राष्ट्रों में उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ आगे-पीछे गुजरते हैं।

प्रथम चरण- यह चरण विशिष्ट रूप से अल्प विकसित देशों में देखने को मिलता है, जहां उच्च जन्म दर के साथ मृत्यु दर भी उच्च होती है, जिसके कारण जनसंख्या स्थिर रहती है।

द्वितीय चरण- विकास की प्रक्रिया के साथ जन्म दर तो ऊंची होती है, किंतु बेहतर भोजन आपूर्ति तथा उन्नत जनस्वास्थ्य की सुविधाओं के कारण मृत्यु दर निम्न हो जाती है, जिससे जनसंख्या में वृद्धि होती है।

तृतीय चरण- इस चरण में जन्म दर भी कम हो जाती है लेकिन जनसंख्या निरंतर बढ़ती जाती है, क्योंकि पूर्व की पीढ़ियों की उच्च जनन क्षमता के कारण जनन आयु समूह में बहुत अधिक संख्या में लोग होते हैं।

 चतुर्थ चरण- निम्न जन्म दर और निम्न मृत्यु दरों के साथ लेकिन उच्चतर सामाजिक और आर्थिक विकास के स्तर के साथ एक बार फिर स्थिर जनसंख्या को प्राप्त कर लेते हैं। इसमें जनसंख्या पहले चरण से अधिक स्थिर होती है।

5. स्थायी जनसंख्या संरचना के लिए निम्नलिखित में से एक प्रक्रिया का चयन कीजिए - [U. P. R. O./A.R.O. (Mains) 2014]

Correct Answer: (c) स्थिर जन्म दर और मृत्यु दर
Solution:स्थायी जनसंख्या संरचना की स्थिति में जन्म दर तथा मृत्यु दर दोनों ही नियंत्रित तथा नीची दर पर बनी रहती है अर्थात दोनों में ही परिवर्तन समान दर पर होता है जिससे जनसंख्या स्थिर बनी रहती है।

6. वर्तमान में भारत की जनसंख्या वृद्धि निम्न में से किस दौर से गुजर रही है? [U. P. P. C. S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (d) निश्चित रूप से गिरने की प्रवृत्ति के साथ उच्च वृद्धि दर
Solution:वर्तमान में भारत की जनसंख्या वृद्धि गिरने की प्रवृत्ति के साथ उच्च वृद्धि दर पर है।

7. जनसंख्या बढ़ने का भारत में मुख्य क्या कारण है? [M.P.P.C.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (a) मृत्यु दर में कमी
Solution:भारत प्रश्नकाल के संदर्भ में जनांकिकीय संक्रमण के दूसरे चरण (Stage) में था। जनांकिकीय संक्रमण के दूसरे चरण की विशेषता यह है कि इसमें बेहतर खाद्य एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के कारण मृत्यु दर में तो तेजी से कमी होती है, किंतु जन्म दर में बहुत धीमी दर से कमी होती है या कमोबेश यह स्थिर रहती है। यही कारण है कि जनांकिकीय संक्रमण के दूसरे चरण में जनसंख्या में तीव्र वृद्धि परिलक्षित होती है।

8. माल्थस के अनुसार, जनसंख्या नियंत्रण का सर्वाधिक प्रभावकारी उपाय निम्नलिखित में से कौन-सा है? [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2017]

Correct Answer: (c) जन्म नियंत्रण
Solution:माल्थस के जनसंख्या सिद्धांत के अनुसार, यद्यपि जनसंख्या और खाद्य- सामग्री दोनों में वृद्धि होती है। परंतु वृद्धि दर में अंतर होने के कारण दोनों के मध्य असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। चूंकि जनसंख्या में वृद्धि ज्यामितीय दर से होती है अतः इसकी तुलना में गणितीय दर से बढ़ने वाली खाद्य-सामग्री पीछे रह जाती है। उदाहरण के लिए जहां 5 वर्षों में खाद्य-सामग्री में 1, 2, 3, 4, 5, अर्थात 5 गुनी वृद्धि होती है, वहीं जनसंख्या में इतनी ही अवधि में ज्यामितिक अनुपात से 1, 2, 4, 8, 16 अर्थात 16 गुनी वृद्धि हो जाती है। 5 और 16 (16-5 = 11) के मध्य का अंतर खाद्य और जनसंख्या के असंतुलन को प्रदर्शित करता है। माल्थस का कथन था कि यह असंतुलन भयंकर कष्टदायी परिणामों को उत्पन्न करता है। खाद्य-सामग्री और जीवन-स्तर में वृद्धि के साथ जनसंख्या बढ़ती है। उसने स्वयं लिखा है, "Prosperity was not to depend on population but population was to depend on prosperity."

थामस रॉबर्ट माल्थस ने जनसंख्या नियंत्रण के दो प्रकार के प्रतिबंधों का उल्लेख किया है-

(1) नैसर्गिक या प्राकृतिक अवरोध (Positive or Natural Checks)

(2) प्रतिबंधात्मक अवरोध (Preventive Checks)

नैसर्गिक प्रतिबंध, वे प्रतिबंध हैं जो प्रकृति की ओर से लगाए जाते हैं। इसके द्वारा मृत्यु दर बढ़ जाती है फलतः खाद्य सामग्री से अतिरिक्त जनसंख्या भार कम होकर उसके बराबर हो जाती है। इन अवरोधों में युद्ध, बीमारी, अकाल, भूकंप, अतिवृष्टि, बाढ़ आदि अनेक प्राकृतिक प्रकोपों के साथ माल्थस ने खराब कार्य, बच्चों के असंतोषजनक पालन-पोषण एवं नागरिक जीवन की प्रतिकूल परिस्थितियों आदि को भी सम्मिलित किया है। माल्थस के अनुसार "प्रकृति की मेज सीमित अतिथियों के लिए ही लगी है, इसलिए जो बिना निमंत्रण के आएगा उसे भूखों मरना पड़ेगा।" उसने प्राकृतिक अवरोध को अत्यन्त दुःखद और कष्टमय कहा है। माल्थस ने जनसंख्या नियंत्रण का दूसरा प्रतिबंध मानवीय प्रयत्न को माना है। चूंकि प्राकृतिक प्रतिबंध मानव के लिए अत्यन्त दुःखद एवं कष्टकर हैं अतः मनुष्य को प्रतिबंधक अवरोधों से जनसंख्या पर नियंत्रण बनाए रखना चाहिए। इन अवरोधों को भी दो भागों में बांटा जा सकता है-

(i) नैतिक प्रतिबंध- वास्तव में नैतिक प्रतिबंध को ही माल्थस ने प्रतिबंधक अवरोध के रूप में मान्यता दी है। इनमें वे सब प्रतिबंध (उपाय) सम्मिलित हैं। जो मनुष्य अपने विवेक से जन्म दर को रोकने के लिए करता है- जैसे- संयम, ब्रह्मचर्य व विलम्ब-विवाह आदि।माल्थस ने केवल नैतिक प्रतिबंधों को ही उचित माना है तथा इन्हें ही अपनाकर जन्मदर पर नियंत्रण रखने की सलाह दी है। उसके अनुसार नैतिक प्रतिबंध (ब्रह्मचर्य) ही एक ऐसा तरीका है जिससे मानव जाति प्राकृतिक अवरोधों की मार (कष्ट) से बच सकती है।

(ii) कृत्रिम साधनों से अवरोध -इनके अंतर्गत जन्म नियंत्रण के उन समस्त मानव निर्मित साधनों को सम्मिलित किया जाता है, जिन्हें आज 'संतति निग्रह' के साधन कहा जाता है पर माल्थस ने इन्हें अधर्म (Vices) पाप (Sins) माना है। वह इनके प्रयोग का घोर विरोधी था।

इस प्रकार एक पादरी होने के नाते माल्थस न केवल नैतिक प्रतिबंधों को अपनाकर जनसंख्या (जन्म दर) को कम करने का सुझाव दिया है, बल्कि उसने सुझाव रखा था कि जनसंख्या बढ़ाने में लोगों को हतोत्साहित किया जाना चाहिए कि वे विवेक से काम लें भविष्य पर बिना गम्भीरता से विचार के विवाह के लिए आतुर न हों।

9. माल्थस के जनसंख्या सिद्धांत के अनुसार, जनसंख्या में वृद्धि होती है [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (a) ज्यामितीय क्रम में
Solution:माल्थस ने अपने जनसंख्या सिद्धांत में यह प्रतिपादित किया कि उत्पादन अंकगणितीय क्रम (1, 2, 3, 4......) में बढ़ता है, जबकि जनसंख्या ज्यामितीय क्रम (1, 2, 4, 8, 16........) में बढ़ती है।

10. टी. माल्थस ने 'दी माल्यूसियन थ्योरी' नामक प्रसिद्ध सिद्धांत को प्रतिपादित किया, जो संबंधित है - [U.P.P.C.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (a) जनसंख्या से
Solution:टी. माल्थस ने 'दी माल्यूसियन थ्योरी' नामक प्रसिद्ध सिद्धांत, जनसंख्या के संदर्भ में प्रतिपादित किया। माल्थस द्वारा अपने निबंधों में दिए गए जनसंख्या संबंधी विचारों को ही 'माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत' कहा गया। माल्थस ने अपने सिद्धांत में बताया कि जनसंख्या, जीवन निर्वाह के साधनों (खाद्य सामग्री) वेष्ठी तुलना में तीव्र गति से बढ़ती है। जनसंख्या ज्यामितीय दर (जैसे 1, 2, 4, 8, 16, 32, 64) से बढ़ती है, जबकि खाद्य सामग्री गणितीय दर (1, 2, 3, 4, 5, 6) से बढ़ती है।