भौतिक विज्ञान (रेडियोधर्मिता)

Total Questions: 10

1. रेडियोधर्मी पदार्थ द्वारा उत्सर्जित विकिरण की मात्रा को पारंपरिक इकाई_________का उपयोग करके मापा जाता है [RRB NTPC CBT-1(29/01/2021) Evening]

Correct Answer: (a) क्यूरी
Solution:क्यूरी। इस मात्रक का नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिक मेरी क्यूरी या SI मात्रक बेकरेल (Bq) के नाम पर रखा गया है। SI मात्रक: वाट (शक्ति), पास्कल (दाब), एम्पीयर (धारा)। अन्य इकाइयों मीटर (m, लंबाई), किलोग्राम (kg, द्रव्यमान), सेकंड (s, समय), केल्विन (K, तापमान), मोल (mol, पदार्थ की मात्रा)।

2. 'भारी जल' निम्नलिखित में से किससे संबंधित शब्द है? [RRB NTPC CBT-1 (02/02/2021) Morning]

Correct Answer: (b) परमाणु ऊर्जा उत्पादन संयंत्र
Solution:परमाणु ऊर्जा उत्पादन संयंत्र । भारी जल हाइड्रोजन का एक समस्थानिक है जिसे ड्यूटेरियम ऑक्साइड (D₂O) कहा जाता है। इसका उपयोग परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में किया जाता है जहां यह न्यूट्रॉन की गति को कम करने के लिए न्यूट्रॉन मॉडरेटर के रूप में कार्य करता है। इसकी खोज हेरोल्ड सी. उरे (1931) ने की थी। भारत में परमाणु ऊर्जा संयंत्रः काकरापार - (1993, गुजरात); तारापुर - (1969, महाराष्ट्र); नरौरा - (1991, उत्तर प्रदेश); कैगा - (2000, कर्नाटक)।

3. निम्नलिखित में से किसका उपयोग परमाणु रिएक्टर में विखंडनीय ईंधन के रूप में किया जाता है? [RRB NTPC CBT-1 (17/02/2021) Morning]

Correct Answer: (c) U²³⁵
Solution:U²³⁵ - (यूरेनियम) को छोटे सिरेमिक छर्रों में संसाधित किया जाता है और सीलबंद धातु ट्यूबों में एक साथ रखा जाता है जिन्हें ईंधन छड़ें कहा जाता है। रिएक्टर पोत के अंदर, ईंधन की छड़ों को पानी में डुबोया जाता है जो शीतलक और मॉडरेटर दोनों के रूप में कार्य करता है। परमाणु संलयन में प्रयुक्त मुख्य ईंधन ड्यूटेरियम और ट्रिटियम हैं, दोनों हाइड्रोजन के भारी समस्थानिक हैं।

4. नाभिकीय संलयन' दो या दो से अधिक प्रकाश नाभिकों के संयोजन की प्रक्रिया है। परमाणु संलयन के लिए आवश्यक तापमान (लगभग) क्या है? [RRB NTPC CBT-1 (22/02/2021) Evening]

Correct Answer: (a) 100 मिलियन केल्विन
Solution:100 मिलियन केल्विन। परमाणु संलयन केवल उच्च तापमान और दबाव पर ही संभव है। संलयन प्रक्रिया में, दो हल्के नाभिक मिलकर एक भारी नाभिक बनाते हैं। यह मूलभूत प्रक्रिया है जो सूर्य और अन्य तारों को शक्ति प्रदान करती है, जहां हाइड्रोजन नाभिक (प्रोटॉन) मिलकर हीलियम बनाते हैं। परमाणु विखंडन एक प्रक्रिया जिसमें एक परमाणु का नाभिक दो या दो से अधिक छोटे नाभिकों में विभाजित हो जाता है, साथ ही बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। यह परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और परमाणु हथियारों में उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया है।

5. निम्नलिखित में से कौन सा थर्मोन्यूक्लियर संलयन अभिक्रिया का एक उदाहरण है? [RRB NTPC CBT-1 (04/03/2021) Evening]

Correct Answer: (c) हाइड्रोजन बम
Solution:हाइड्रोजन बम जब यह विस्फोट होता है, तो इसके परिणामस्वरूप एक श्रृंखला अभिक्रिया होती है जिसमें हाइड्रोजन के आइसोटोप मिलकर हीलियम बनाते हैं। थर्मोन्यूक्लियर संलयन प्रणाली के तापमान को बढ़ाकर प्राप्त किया जाता है ताकि कणों में कूलॉम प्रतिकारक व्यवहार पर नियत्रण पाने के लिए पर्याप्त गतिज ऊर्जा हो। थर्मोन्यूक्लियर संलयन तारों के आंतरिक भाग में ऊर्जा उत्पादन का स्रोत है।

6. सूर्य या अन्य तारों में ऊर्जा का स्रोत क्या है? [RRB NTPC CBT-1 (05/04/2021) Evening]

Correct Answer: (c) परमाणु संलयन
Solution:परमाणु संलयन वह प्रक्रिया जिसमें हाइड्रोजन जैसे हल्के परमाणु नाभिक मिलकर हीलियम जैसे भारी नाभिक बनाते हैं। इस प्रक्रिया से अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा निकलती है। उदाहरण - हाइड्रोजन बम। परमाणु विखंडन (परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में प्रयुक्त प्रक्रिया)- इसमें भारी परमाणु नाभिक को हल्के नाभिक में विभाजित किया जाता है। उदाहरण - परमाणु बम ।

7. निम्न में से कौन सी निम्न ऊर्जा वाले न्यूट्रॉनों से बमबारी करके रेडियोधर्मी परमाणु के भारी नाभिक को छोटे नाभिकों में विभाजित करने की प्रक्रिया है? [RRB JE 22/05/2019 (Evening)]

Correct Answer: (c) नाभिकीय विखंडन
Solution:नाभिकीय विखंडन से मुक्त न्यूट्रॉन, फोटॉन उत्पन्न होते हैं और बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों में विखंडन अभिक्रिया के लिए पूरेनियम और प्लूटोनियम का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है क्योंकि इन्हें आरंभ करना और नियंत्रित करना आसान होता है। नाभिकीय संलयन तब होता है जब दो परमाणु आपस में टकराकर एक भारी परमाणु बनाते हैं, जैसे जब दो हाइड्रोजन परमाणु मिलकर एक हीलियम परमाणु बनाते हैं (सूर्य में यही प्रक्रिया होता है) और भारी मात्रा में ऊर्जा बनाती है। नाभिकीय ऊर्जा किसी परमाणु के नाभिक पा कोर में मौजूद ऊर्जा है। इसका उपयोग विद्युत बनाने के लिए किया जा सकता है, लेकिन इसे पहले परमाणु से मुक्त किया जाना चाहिए।

8. _________रेडियेशन की प्रवेश की सीमित क्षमता को आमतौर पर आवरण द्वारा रोका जाता है। [RRB ALP Tier-II (08/02/2019) Morning]

Correct Answer: (d) अल्फा
Solution:अल्फा। यह विभिन्न रेडियोधर्मी पदार्थों के क्षय से उत्सर्जित एक धनात्मक आवेशित कण है। प्रतीक α, α²⁺, He²⁺. उपयोग (अल्फा कण): कैंसर का उपचार, धूम्रपान डिटेक्टर, अंतरिक्ष यान को शक्ति प्रदान करना, तेल उद्योग। बीटा कण (β) उच्च ऊर्जा, उच्च गति वाले इलेक्ट्रॉन (β⁻) या पॉज़िट्रॉन (β⁺) हैं जो रेडियोधर्मी क्षय के दौरान कुछ रेडियोन्यूक्लाइड द्वारा नाभिक से बाहर निकाले जाते हैं। उपयोगः आंख और हड्डी के कैंसर जैसी स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए। गामा किरणों की तरंग दैर्ध्य सबसे छोटी होती है और विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में किसी भी तरंग की तुलना में ऊर्जा सबसे अधिक होती है। उपयोगः चिकित्सा (रेडियोथेरेपी), परमाणु  उद्योग। न्यूट्रॉनः उपपरमाण्विक कण जो परमाणु नाभिक के प्राथमिक घटकों में से एक हैं। उपयोगः परमाणु रिएक्टर में सामग्रियों के सरल नमूनों का विश्लेषण करना।

9. परमाणु रिएक्टर में इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन है: [RRB Group D 27/09/2018 (Afternoon)]

Correct Answer: (a) यूरेनियम
Solution:यूरेनियम (प्रतीक 'U' और परमाणु संख्या 92)। यह एक रेडियोधर्मी (radioactive) धातु है। नाभिकीय ईंधन एक ऐसा पदार्थ है जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा स्टेशनों में वि‌द्युत टरबाइनों में ऊष्मा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। सबसे सामान्य नाभिकीय ईंधन रेडियोधर्मी धातुएँ यूरेनियम - 235, और प्लूटोनियम - 239 हैं।

10. एक रेडियोधर्मी धातु जो सांद्रित ऊर्जा का प्रचुर स्रोत है और 1789 में खोजी गई थी,जिसका परमाणु क्रमांक 92 है। वह_______है। [RRB Group D 3/12/2018 (Afternoon)]

Correct Answer: (d) यूरेनियम
Solution:यूरेनियम (प्रतीक U)। इसकी खोज मार्टिन क्लेप्रोथ ने की थी। एक यूरेनियम परमाणु में 92 प्रोटॉन और 92 इलेक्ट्रॉन होते हैं, जिनमें से 6 सयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं। प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सभी तत्वों में इसका परमाणु भार सबसे अधिक है। सोना (Au, 79), सिलिकॉन (si, 14), रेडॉन (Rn, 86)।