मध्यकालीन भारतीय इतिहास (भारत पर मुस्लिम आक्रमण) (UPPCS)

Total Questions: 38

11. कथन (A) : महमूद गजनी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किए। कारण (R) : वह भारत में स्थायी मुस्लिम शासन की स्थापना करना चाहता था। [U. P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2004]

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-

कूट :

Correct Answer: (c) (A) सही है; परंतु (R) गलत है।
Solution:महमूद गजनी (या गजनवी) ने भारत पर 17 बार आक्रमण किए, परंतु इन आक्रमणों का उद्देश्य भारत में स्थायी मुस्लिम शासन की स्थापना करना नहीं था, बल्कि मात्र लूट-पाट करना था।

12. निम्न में से कौन चंदेल शासक महमूद गजनवी से पराजित नहीं हुआ था? [U.P. P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (b) विद्याधर
Solution:महमूद गजनवी का चंदेलों पर प्रथम आक्रमण 1019-20 ई. में हुआ। उस समय चंदेल वंश का शासक विद्याधर था, जो अपने वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक था। मुस्लिम स्रोतों से पता चलता है कि विद्याधर एवं महमूद के बीच किसी नदी के किनारे भीषण युद्ध हुआ; किंतु इसका कोई परिणाम न निकला। इस युद्ध में विद्याधर ने राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचय देते हुए युद्ध-स्थल उपयुक्त न होने के कारण रात्रि के अंधकार में अपनी सेना को हटा लिया। महमूद गजनवी भी लौट गया। इस प्रकार विद्याधर अकेला ऐसा हिंदू शासक था, जिसने मुसलमानों का सफलतापूर्वक प्रतिरोध किया। मुस्लिम लेखकों ने उसे तत्कालीन भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक बताया है।

13. किस चंदेल राजा ने महमूद गजनवी का सामना किया था? [M.P.P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (c) विद्याधर
Solution:महमूद गजनवी का चंदेलों पर प्रथम आक्रमण 1019-20 ई. में हुआ। उस समय चंदेल वंश का शासक विद्याधर था, जो अपने वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक था। मुस्लिम स्रोतों से पता चलता है कि विद्याधर एवं महमूद के बीच किसी नदी के किनारे भीषण युद्ध हुआ; किंतु इसका कोई परिणाम न निकला। इस युद्ध में विद्याधर ने राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचय देते हुए युद्ध-स्थल उपयुक्त न होने के कारण रात्रि के अंधकार में अपनी सेना को हटा लिया। महमूद गजनवी भी लौट गया। इस प्रकार विद्याधर अकेला ऐसा हिंदू शासक था, जिसने मुसलमानों का सफलतापूर्वक प्रतिरोध किया। मुस्लिम लेखकों ने उसे तत्कालीन भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक बताया है।

14. महमूद गजनवी का दरबारी इतिहासकार कौन था? [U.P. P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (b) उत्बी
Solution:महमूद गजनवी शिक्षित एवं सुसभ्य था। वह विद्वानों एवं कलाकारों का सम्मान करता था। उसने अपने समय के महान विद्वानों को गजनी में एकत्रित किया था। उसका दरबारी इतिहासकार उत्बी था। उसने 'किताब-उल-यामिनी' अथवा 'तारीख-ए-यामिनी' नामक ग्रंथ की रचना की।

15. शाहनामा का लेखक, फरिश्ता किसके दरबार से संबंधित था? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]

Correct Answer: (b) महमूद गजनवी
Solution:दिया गया प्रश्न त्रुटिपूर्ण है; क्योंकि शाहनामा का लेखक, फरिश्ता न होकर फिरदौसी है और यह महमूद गजनवी के दरबार का प्रसिद्ध विद्वान कवि था। इसे पूर्व के होमर की उपाधि दी जाती है। इस प्रकार इसका संभावित उत्तर विकल्प (b) होगा। जबकि फरिश्ता ने 'तारीख-ए- फरिश्ता' या 'गुलशन-ए-इब्राहिमी' नामक किताब लिखी है। इसका पूरा नाम मुहम्मद कासिम हिंदू शाह 'अस्तराबादी फरिश्ता' था। यह कुछ समय तक अहमद नगर के शासक मुर्तजा निजाम शाह के दरबार में रहा तथा बाद में बीजापुर चला गया। इसकी पुस्तक तारीख-ए-फरिश्ता बीजापुर के शासक इब्राहिम आदिल शाह द्वितीय को समर्पित थी।

16. 'शाहनामा' का लेखक कौन था? [M.P.P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (b) फिरदौसी
Solution:दिया गया प्रश्न त्रुटिपूर्ण है; क्योंकि शाहनामा का लेखक, फरिश्ता न होकर फिरदौसी है और यह महमूद गजनवी के दरबार का प्रसिद्ध विद्वान कवि था। इसे पूर्व के होमर की उपाधि दी जाती है। इस प्रकार इसका संभावित उत्तर विकल्प (b) होगा। जबकि फरिश्ता ने 'तारीख-ए- फरिश्ता' या 'गुलशन-ए-इब्राहिमी' नामक किताब लिखी है। इसका पूरा नाम मुहम्मद कासिम हिंदू शाह 'अस्तराबादी फरिश्ता' था। यह कुछ समय तक अहमद नगर के शासक मुर्तजा निजाम शाह के दरबार में रहा तथा बाद में बीजापुर चला गया। इसकी पुस्तक तारीख-ए-फरिश्ता बीजापुर के शासक इब्राहिम आदिल शाह द्वितीय को समर्पित थी।

17. पुराणों का अध्ययन करने वाला प्रथम मुस्लमान था - [U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2002]

Correct Answer: (c) अलबरूनी
Solution:पुराणों का अध्ययन करने वाला प्रथम मुसलमान अलबरूनी था। उसका जन्म 973 ई. में हुआ था। वह खीवा (प्राचीन ख्वारिज्म) का रहने वाला था। वह महमूद गजनवी के साथ (ग्यारहवीं शताब्दी में) भारत आया था। अलबरूनी मात्र इतिहासकार ही नहीं था, उसके ज्ञान और रुचियों की व्याप्ति जीवन के अन्य क्षेत्रों तक थी; जैसे-खगोल-विज्ञान, भूगोल, तर्कशास्त्र, ओषधि-विज्ञान, गणित, धर्म और धर्मशास्त्र। इन्हीं रुचियों ने उसे भारत की तत्कालीन धार्मिक-सांस्कृतिक स्थिति के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उसने संस्कृत का अध्ययन किया और अनेक संस्कृत रचनाओं का उपयोग किया जिसमें ब्रह्मगुप्त, बलभद्र तथा वाराहमिहिर की रचनाएं विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उसने जगह-जगह भगवद्‌गीता, विष्णु पुराण तथा वायु पुराण को उद्धृत किया है। अलबरूनी ने अरबी भाषा में 'तहकीक-ए-हिंद' की रचना की थी। सर्वप्रथम एडवर्ड साची (सचाऊ) ने अरबी भाषा से इस ग्रंथ का अनुवाद अंग्रेजी भाषा में विया। इसका अनुवाद हिंदी में 'रजनीकांत शर्मा' द्वारा किया गया।

18. महमूद गजनी के साथ भारत आने वाला प्रसिद्ध इतिहासकार कौन था? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) अलबरूनी
Solution:पुराणों का अध्ययन करने वाला प्रथम मुसलमान अलबरूनी था। उसका जन्म 973 ई. में हुआ था। वह खीवा (प्राचीन ख्वारिज्म) का रहने वाला था। वह महमूद गजनवी के साथ (ग्यारहवीं शताब्दी में) भारत आया था। अलबरूनी मात्र इतिहासकार ही नहीं था, उसके ज्ञान और रुचियों की व्याप्ति जीवन के अन्य क्षेत्रों तक थी; जैसे-खगोल-विज्ञान, भूगोल, तर्कशास्त्र, ओषधि-विज्ञान, गणित, धर्म और धर्मशास्त्र। इन्हीं रुचियों ने उसे भारत की तत्कालीन धार्मिक-सांस्कृतिक स्थिति के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उसने संस्कृत का अध्ययन किया और अनेक संस्कृत रचनाओं का उपयोग किया जिसमें ब्रह्मगुप्त, बलभद्र तथा वाराहमिहिर की रचनाएं विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उसने जगह-जगह भगवद्‌गीता, विष्णु पुराण तथा वायु पुराण को उद्धृत किया है। अलबरूनी ने अरबी भाषा में 'तहकीक-ए-हिंद' की रचना की थी। सर्वप्रथम एडवर्ड साची (सचाऊ) ने अरबी भाषा से इस ग्रंथ का अनुवाद अंग्रेजी भाषा में विया। इसका अनुवाद हिंदी में 'रजनीकांत शर्मा' द्वारा किया गया।

19. अलबरूनी भारत में आया था- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) ग्यारहवीं शताब्दी ई. में
Solution:पुराणों का अध्ययन करने वाला प्रथम मुसलमान अलबरूनी था। उसका जन्म 973 ई. में हुआ था। वह खीवा (प्राचीन ख्वारिज्म) का रहने वाला था। वह महमूद गजनवी के साथ (ग्यारहवीं शताब्दी में) भारत आया था। अलबरूनी मात्र इतिहासकार ही नहीं था, उसके ज्ञान और रुचियों की व्याप्ति जीवन के अन्य क्षेत्रों तक थी; जैसे-खगोल-विज्ञान, भूगोल, तर्कशास्त्र, ओषधि-विज्ञान, गणित, धर्म और धर्मशास्त्र। इन्हीं रुचियों ने उसे भारत की तत्कालीन धार्मिक-सांस्कृतिक स्थिति के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उसने संस्कृत का अध्ययन किया और अनेक संस्कृत रचनाओं का उपयोग किया जिसमें ब्रह्मगुप्त, बलभद्र तथा वाराहमिहिर की रचनाएं विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उसने जगह-जगह भगवद्‌गीता, विष्णु पुराण तथा वायु पुराण को उद्धृत किया है। अलबरूनी ने अरबी भाषा में 'तहकीक-ए-हिंद' की रचना की थी। सर्वप्रथम एडवर्ड साची (सचाऊ) ने अरबी भाषा से इस ग्रंथ का अनुवाद अंग्रेजी भाषा में विया। इसका अनुवाद हिंदी में 'रजनीकांत शर्मा' द्वारा किया गया।

20. महमूद गज़नी के साथ भारत आने वाला मुस्लिम विद्वान था- [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (b) अलबरूनी
Solution:पुराणों का अध्ययन करने वाला प्रथम मुसलमान अलबरूनी था। उसका जन्म 973 ई. में हुआ था। वह खीवा (प्राचीन ख्वारिज्म) का रहने वाला था। वह महमूद गजनवी के साथ (ग्यारहवीं शताब्दी में) भारत आया था। अलबरूनी मात्र इतिहासकार ही नहीं था, उसके ज्ञान और रुचियों की व्याप्ति जीवन के अन्य क्षेत्रों तक थी; जैसे-खगोल-विज्ञान, भूगोल, तर्कशास्त्र, ओषधि-विज्ञान, गणित, धर्म और धर्मशास्त्र। इन्हीं रुचियों ने उसे भारत की तत्कालीन धार्मिक-सांस्कृतिक स्थिति के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उसने संस्कृत का अध्ययन किया और अनेक संस्कृत रचनाओं का उपयोग किया जिसमें ब्रह्मगुप्त, बलभद्र तथा वाराहमिहिर की रचनाएं विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उसने जगह-जगह भगवद्‌गीता, विष्णु पुराण तथा वायु पुराण को उद्धृत किया है। अलबरूनी ने अरबी भाषा में 'तहकीक-ए-हिंद' की रचना की थी। सर्वप्रथम एडवर्ड साची (सचाऊ) ने अरबी भाषा से इस ग्रंथ का अनुवाद अंग्रेजी भाषा में विया। इसका अनुवाद हिंदी में 'रजनीकांत शर्मा' द्वारा किया गया।