मराठा राज्य और संघ (मध्यकालीन भारतीय इतिहास)

Total Questions: 36

1. शिवाजी महाराज के शासनकाल में मंत्रिपरिषद को किस नाम से जाना जाता था? [CGL (T-I) 7 मार्च, 2020 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) अष्ट प्रधान
Solution:शिवाजी महाराज के शासनकाल में मंत्रिपरिषद को अष्ट प्रधान के नाम से जाना जाता था। यह आठ मंत्रियों का एक समूह था, जिसमें प्रत्येक मंत्री एक विशिष्ट प्रशासनिक विभाग का प्रमुख होता था।

यह प्रणाली मराठा साम्राज्य के कुशल और प्रभावी प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण थी। 'अष्ट प्रधान' राज्य के विभिन्न कार्यों जैसे वित्त, विदेश मामले, न्याय, सेना और धार्मिक मामलों को संभालने में छत्रपति शिवाजी महाराज की सहायता करता था।

2. मराठा साम्राज्य के संस्थापक राजा शिवाजी को किस स्थान पर 'छत्रपति' के खिताब से सम्मानित किया गया था? [कांस्टेबल GD 2 मार्च, 2019 (II-पाली)]

Correct Answer: (d) रायगढ़
Solution:मराठा साम्राज्य के संस्थापक राजा शिवाजी को रायगढ़ किले में 'छत्रपति' (सर्वोच्च संप्रभु राजा) के खिताब से सम्मानित किया गया था। उनका राज्याभिषेक 6 जून, 1674 को रायगढ़ में हुआ था।

यह घटना मराठा इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी, जिसने आधिकारिक तौर पर उन्हें एक स्वतंत्र हिंदू संप्रभुता के शासक के रूप में स्थापित किया। राज्याभिषेक समारोह अत्यंत भव्य था और इसमें वैदिक अनुष्ठानों का पालन किया गया था।

3. निम्नलिखित में से कौन मराठा वंश का एक प्रसिद्ध शासक था? [CHSL (T-I) 13 मार्च, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (b) छत्रपति शिवाजी महाराज
Solution:निम्नलिखित में से छत्रपति शिवाजी महाराज मराठा वंश के एक प्रसिद्ध शासक थे। उन्हें मराठा साम्राज्य के संस्थापक के रूप में जाना जाता है और उन्हें भारत के महानतम योद्धा राजाओं में से एक माना जाता है।

उन्होंने बीजापुर के आदिलशाही सल्तनत से एक स्वतंत्र मराठा राज्य बनाने के लिए संघर्ष किया। उनकी सैन्य रणनीतियों, विशेष रूप से गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) की रणनीति, और उनके उत्कृष्ट प्रशासन के लिए उनकी प्रशंसा की जाती है।

4. शिवाजी ने अपने शासन काल में हिंदुओं में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए किस पर्व की शुरुआत की थी? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल । दिसंबर, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (d) गणेश चतुर्थी
Solution:शिवाजी ने अपने शासन काल में हिंदुओं में देशभक्ति और एकता की भावना जगाने के लिए गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत की थी। हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आधुनिक रूप में सार्वजनिक गणेशोत्सव को बाल गंगाधर तिलक ने राष्ट्रीय भावना को बढ़ावा देने के लिए एक राजनीतिक और सामाजिक उपकरण के रूप में पुनर्जीवित किया था।

शिवाजी द्वारा इस पर्व की शुरुआत, हालाँकि, मराठा क्षेत्रों में हिंदू पहचान और एकजुटता को मजबूत करने के उनके व्यापक प्रयासों का हिस्सा थी।

5. निम्नलिखित में से किस अंग्रेज-मराठा युद्ध के परिणामस्वरूप पेशवाओं के प्रांतों का विलय बंबई प्रेसीडेंसी में हो गया ? [CHSL (T-I) 02 अगस्त, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) तृतीय
Solution:पेशवाओं के प्रांतों का विलय बंबई प्रेसीडेंसी में तृतीय अंग्रेज-मराठा युद्ध (Third Anglo-Maratha War) के परिणामस्वरूप हुआ था। यह युद्ध 1817 से 1818 के बीच लड़ा गया था।

इस युद्ध में मराठा शक्ति की निर्णायक हार हुई, जिसके बाद पेशवा का पद समाप्त कर दिया गया और पेशवा बाजीराव द्वितीय को पेंशन देकर बिठूर (कानपुर के पास) भेज दिया गया। उनके क्षेत्रों को पूरी तरह से बंबई प्रेसीडेंसी में मिला लिया गया, जिससे भारत में ब्रिटिश वर्चस्व स्थापित हो गया।

6. पानीपत की तीसरी लड़ाई के दौरान मुगल सम्राट कौन था? [CGL (T-I) 24 जुलाई, 2023 (IV-पाली)]

Correct Answer: (d) शाह आलम-II
Solution:पानीपत की तीसरी लड़ाई 14 जनवरी, 1761 को लड़ी गई थी। इस समय शाह आलम-II मुगल सम्राट थे। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि पानीपत की तीसरी लड़ाई मुख्य रूप से मराठों और अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली की सेनाओं के बीच लड़ी गई थी।

शाह आलम-II उस समय दिल्ली में मौजूद नहीं थे और उनका साम्राज्य पहले ही काफी कमजोर हो चुका था। वह नाममात्र के सम्राट थे और युद्ध की वास्तविक शक्तियों में उनका कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं था।

7. पानीपत का तीसरा युद्ध ....... के बीच लड़ा गया था। [MTS (T-I) 17 मई, 2023 (II-पाली), MTS (T-I) 06 अगस्त, 2019 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) मराठा और अफगान
Solution:पानीपत का तीसरा युद्ध मुख्य रूप से मराठा और अफगान सेनाओं के बीच लड़ा गया था। एक ओर मराठा साम्राज्य की सेनाएँ थीं, जिसका नेतृत्व सदाशिवराव भाऊ कर रहे थे, और दूसरी ओर अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली की सेनाएँ थीं, जिन्हें दो भारतीय मुस्लिम सहयोगियों - रोहिल्ला अफगान और अवध के नवाब शुजा-उद-दौला का समर्थन प्राप्त था। यह युद्ध 14 जनवरी, 1761 को हुआ था और इसमें मराठों की निर्णायक हार हुई थी।

8. निम्नलिखित में से किस वर्ष में पानीपत की तीसरी लड़ाई लड़ी गई थी? [MTS (T-I) 04 सितंबर, 2023 (II-पाली), MTS (T-I) 11 मई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (d) 1761
Solution:पानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 में लड़ी गई थी। यह लड़ाई 14 जनवरी, 1761 को मराठा साम्राज्य और अफगान आक्रमणकारी अहमद शाह अब्दाली के बीच हुई थी।

यह भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी और सबसे निर्णायक लड़ाइयों में से एक थी, जिसमें मराठा शक्ति को भारी क्षति पहुंची और इस घटना ने भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रभुत्व के उदय का मार्ग प्रशस्त किया।

9. बाजीराव प्रथम या बाजीराव बल्लाल ....... के पुत्र थे। [MTS (T-I) 11 मई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (b) पेशवा बालाजी विश्वनाथ
Solution:बाजीराव प्रथम या बाजीराव बल्लाल पेशवा बालाजी विश्वनाथ के पुत्र थे। बाजीराव प्रथम ने 1720 से 1740 तक पेशवा के रूप में कार्य किया।

वह मराठा साम्राज्य के इतिहास में सबसे महान पेशवाओं में से एक थे और उन्होंने मराठा शक्ति को दक्कन से उत्तर भारत तक फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके पिता, बालाजी विश्वनाथ, पहले पेशवा थे जिन्होंने मराठा छत्रपति शाहूजी के अधीन इस पद को वंशानुगत बना दिया था।

10. दक्कन में मराठों द्वारा वसूले जाने वाले भू-राजस्व के 25 प्रतिशत को ....... कहा जाता था। [MTS (T-I) 02 मई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) चौथ
Solution:दक्कन में मराठों द्वारा पड़ोसी राज्यों से वसूले जाने वाले भू-राजस्व के 25 प्रतिशत को चौथ कहा जाता था। यह एक प्रकार का सुरक्षा शुल्क था। 'चौथ' का अर्थ होता है 'एक चौथाई' (यानी 25%)। यह कर उन क्षेत्रों से वसूला जाता था

जिन्हें मराठा हमलों से सुरक्षा प्रदान करने का वादा करते थे। इसके अतिरिक्त, मराठा सरदेशमुखी नामक एक अन्य कर भी वसूलते थे, जो कि आय का 10% अतिरिक्त भाग होता था, जिसका दावा मराठा 'देशमुखों के मुखिया' (सरदेशमुख) के रूप में करते थे।