मराठा राज्य और संघ (UPPCS)

Total Questions: 42

21. कथन (A) : राज्य के मामले में शिवाजी एक मंत्रिपरिषद से परामर्श लेते थे। [U.P. P.C.S. (Pre) 1997]

कारण (R) : प्रत्येक मंत्री अपने विभाग का स्वतंत्र प्रभार रखता था।

कूट :

Correct Answer: (c) (A) सही है; परंतु (R) गलत है।
Solution:शासन में शिवाजी की सहायता के लिए आठ बड़े अधिकारी या मंत्री थे। वे एक मंत्रिपरिषद की तरह कार्य नहीं करते थे। प्रत्येक मंत्री अपने-अपने विभाग का प्रधान था और यह शिवाजी की इच्छा पर निर्भर करता था कि वह उनसे पृथक-पृथक अथवा सम्मिलित रूप से सलाह लें। उनकी सलाह को मानने के लिए भी शिवाजी बाध्य नहीं थे। ये अष्ट (आठ) प्रधान वस्तुतः शिवाजी के सचिवों की भांति कार्य करते थे। शिवाजी द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करना और विस्तृत रूप से शासन की देखभाल करना उनका प्रमुख दायित्व था। अतः (A) सही है और (R) गलत है।

22. निम्नलिखित में से कौन-सी मुद्रा छत्रपति शिवाजी के राज्य में प्रचलित रजत मुद्रा नहीं थी? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]

Correct Answer: (d) रुका
Solution:रुका तांबे की मुद्रा थी, जबकि रुपया, लारी एवं टका छत्रपति शिवाजी के राज्य में प्रचलित रजत मुद्राएं थीं।

23. शंभाजी के बाद मराठा शासन को निम्नलिखित में से किसने सरल और कारगर बनाया? [I.A.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (b) बालाजी विश्वनाथ
Solution:शंभाजी के बाद मराठा शासन को पेशवा बालाजी विश्वनाथ ने सरल एवं कारगर बनाया। मराठा छत्रपति शाहू ने बालाजी को पेशवा के पद पर नियुक्त किया। नवंबर, 1713 केवल बालाजी तथा उसके परिवार के लिए ही नहीं अपितु संपूर्ण मराठा जाति के लिए भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि इस समय से सत्ता छत्रपति के हाथों से निकलकर पेशवा के हाथों में स्थानांतरित हो गई। बालाजी विश्वनाथ की सबसे बड़ी उपलब्धि मुगलों तथा मराठों के मध्य एक स्थायी समझौते की व्यवस्था थी, जिसमें दोनों पक्षों के अधिकारों तथा प्रभाव क्षेत्र की विधिवत व्यवस्था की गई।

24. निम्नलिखित को उनके शासनकाल के क्रम में व्यवस्थित कीजिए- [U.P. P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]

(1) बाजीराव                   (2) बालाजी बाजीराव

(3) बालाजी विश्वनाथ     (4) माधव राव

कूट :

Correct Answer: (c) 3, 1, 2, 4
Solution:बालाजी विश्वनाथ का शासनकाल 1713 से 1720 ई. के बीच था। 1720 ई. में शाहू ने बालाजी विश्वनाथ के पुत्र बाजीराव प्रथम को पेशवा नियुक्त किया। बाजीराव प्रथम का कार्यकाल 1720 से 1740 ई. तक था। बालाजी बाजीराव 1740 ई. में बाजीराव के मृत्यु के पश्चात पेशवा बने तथा 1761 ई. तक पेशवा रहे। माधवराव का शासनकाल 1761 से 1772 ई. है।

25. निम्नलिखित पेशवाओं के शासन काल पर विचार कीजिए तथा उन्हें कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए - [U.P.P.C.S. (Pre) 2023]

(I) बालाजी विश्वनाथ
(II) बाजीराव I
(III) नारायण राव
(IV) माधव राव I
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए -

कूट :

Correct Answer: (a) (I), (II), (IV), (III)
Solution:विभिन्न पेशवाओं का शासनकाल निम्नलिखित है -

बालाजी विश्वनाथ              1713 - 1720 ई.

बाजीराव I                      1720 1740 ई.

माधव राव I                   1761 1772 ई.

नारायण राव                  1772-1773 ई.

अतः इसका अभीष्ट उत्तर विकल्प (a) होगा।

26. निम्नलिखित को सही कालानुक्रम में रखें- [U.P.P.C.S. (Mains) 2005]

(1) छत्रपति शाहूजी          (2) राजाराम

(3) शम्भाजी                     (4) शिवाजी II

कूट :

Correct Answer: (b) 3, 2, 4, 1
Solution:सही कालानुक्रम इस प्रकार है-

शम्माजी - (1680-1689 ई.) (छत्रपति शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र)

राजाराम - (1689-1700 ई.) (शिवाजी के द्वितीय पुत्र)

शिवाजी II - (1700-1708 ई.) (राजाराम के पुत्र)

छत्रपति शाहूजी - (1708-1749 ई.) (शम्भाजी के पुत्र)

27. कथन (A): 1750 ई. तक मराठा साम्राज्य पेशवा की अध्यक्षता में एक परिसंघ बन गया। [U.P. P.C.S. (Pre) 1997]

कारण (R) : शाहू के उत्तराधिकारी पेशवा की इच्छा पर निर्भर थे।

कूट :

Correct Answer: (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
Solution:1740 ई. में बाजीराव की मृत्यु होने पर शाहू ने बालाजी बाजीराव को पेशवा पद पर नियुक्त किया। बालाजी बाजीराव के समय तक पेशवा पद पैतृक बन गया था। इससे पूर्व ही शक्ति छत्रपति के हाथों में केंद्रित न रहकर पेशवा के हाथों में आ चुकी थी। 1750 ई. में हुई संगोला की संधि के तहत संवैधानिक क्रांति द्वारा यह प्रक्रिया पूरी हो गई। इसके पश्चात मराठा छत्रपति केवल नाममात्र के राजा रह गए और 'महलों के महापौर' बन गए। मराठा संगठन का वास्तविक नेता पेशवा बन गया। अतः कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की व्याख्या करता है।

28. किसके समय से मराठा राजा नाचीज हो गया और पेशवा वास्तविक शासक ? [U.P. P.C.S. (Mains) 2007]

Correct Answer: (c) बालाजी बाजीराव
Solution:1740 ई. में बाजीराव की मृत्यु होने पर शाहू ने बालाजी बाजीराव को पेशवा पद पर नियुक्त किया। बालाजी बाजीराव के समय तक पेशवा पद पैतृक बन गया था। इससे पूर्व ही शक्ति छत्रपति के हाथों में केंद्रित न रहकर पेशवा के हाथों में आ चुकी थी। 1750 ई. में हुई संगोला की संधि के तहत संवैधानिक क्रांति द्वारा यह प्रक्रिया पूरी हो गई। इसके पश्चात मराठा छत्रपति केवल नाममात्र के राजा रह गए और 'महलों के महापौर' बन गए। मराठा संगठन का वास्तविक नेता पेशवा बन गया। अतः कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की व्याख्या करता है।

29. नीचे दो कथन दिए गए हैं, एक को अभिकथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है। [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]

अभिकथन (A) : मुगल साम्राज्य के पतन के बाद मराठा सबसे शक्तिशाली देशज शक्ति के रूप में उभरे।

कारण (R) : मराठा पहले शासक थे, जिनके पास एकीकृत भारतीय राष्ट्र की संकल्पना थी।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए।

कूट :

Correct Answer: (c) (A) सही है; परंतु (R) गलत है।
Solution:मुगल साम्राज्य के पतन के बाद मराठा सबसे शक्तिशाली देशज शक्ति के रूप में उभरे। मराठा शक्ति के उदय का आधार महाराष्ट्र के संपूर्ण निवासी थे, जिन्होंने जाति, भाषा, धर्म, साहित्य और निवास स्थान की एकता के आधार पर राष्ट्रीयता की भावना को जन्म दिया और उस राष्ट्रीयता को संगठित करने के लिए मराठा शासकों ने स्वतंत्र मराठा राज्य की स्थापना की; परंतु मराठों में एकीकृत भारतीय राष्ट्र की संकल्पना का अभाव था। इसी कारण उनकी आलोचना भी की जाती है। अतः कथन (A) सही है; परंतु (R) गलत है।

30. औरंगजेब की मृत्यु के समय मराठा नेतृत्व किसके हाथों में था ? [U.P.P.C.S. (Pre) 2012 & U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2013]

Correct Answer: (d) ताराबाई
Solution:राजाराम 1689-1700 ई. तक शाहू के प्रतिनिधि के रूप में मराठों का नेतृत्व करता रहा। राजाराम की मृत्यु के बाद उसकी विधवा पत्नी ताराबाई ने अपने चार वर्षीय पुत्र को शिवाजी द्वितीय के नाम से गद्दी पर बैठाया और मुगलों से स्वतंत्रता संघर्ष जारी रखा। औरंगजेब की मृत्यु के समय मराठा नेतृत्व ताराबाई के ही हाथों में था।