महान्यायवादी, महाधिवक्ता और नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (भाग- 2)(भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 29

1. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति होती है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]

Correct Answer: (c) अनुच्छेद 148
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (1) के तहत भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। अनुच्छेद 151(1) के अनुसार, भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक भारत सरकार के लेखों का लेखा परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट 5 को राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है तथा अनुच्छेद 151(2) के अनुसार, वह राज्य सरकारों के लेखों का लेखा परीक्षण कर रिपोर्ट संबंधित राज्य के राज्यपाल को सौंपता है।

2. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के संघ के लेखा संबंधी प्रतिवेदनों को सर्वप्रथम निम्न में से किसको प्रस्तुत किया जाता है? [U.P. Lower Sub. (Mains) 2013]

Correct Answer: (d) भारत के राष्ट्रपति को
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (1) के तहत भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। अनुच्छेद 151(1) के अनुसार, भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक भारत सरकार के लेखों का लेखा परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट 5 को राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है तथा अनुच्छेद 151(2) के अनुसार, वह राज्य सरकारों के लेखों का लेखा परीक्षण कर रिपोर्ट संबंधित राज्य के राज्यपाल को सौंपता है।

3. भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक संघ के लेखाओं संबंधी अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है- [M.P.P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (1) के तहत भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। अनुच्छेद 151(1) के अनुसार, भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक भारत सरकार के लेखों का लेखा परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट 5 को राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है तथा अनुच्छेद 151(2) के अनुसार, वह राज्य सरकारों के लेखों का लेखा परीक्षण कर रिपोर्ट संबंधित राज्य के राज्यपाल को सौंपता है।

4. निम्नलिखित में से किसके द्वारा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के पद का सृजन किया गया था? [U.P.P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (b) संविधान द्वारा
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (1) के तहत भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। अनुच्छेद 151(1) के अनुसार, भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक भारत सरकार के लेखों का लेखा परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट 5 को राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है तथा अनुच्छेद 151(2) के अनुसार, वह राज्य सरकारों के लेखों का लेखा परीक्षण कर रिपोर्ट संबंधित राज्य के राज्यपाल को सौंपता है।

5. भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक के वेतन एवं सेवा शर्ते कहां पर विनिर्दिष्ट हैं? [M.P.P.C.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (b) द्वितीय अनुसूची, भारत का संविधान
Solution:भारतीय संविधान की द्वितीय अनुसूची के भाग ङ (Part E) में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के वेतन और सेवा शर्तों संबंधी उपबंध विनिर्दिष्ट हैं। संविधान के अनुच्छेद 148 (3) के अनुसार, नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का वेतन और सेवा की अन्य शर्तें ऐसी होंगी जो संसद, विधि द्वारा, अवधारित करे और जब तक वे इस प्रकार अवधारित नहीं की जाती हैं, तब तक ऐसी होंगी जो द्वितीय अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं। इसी अनुच्छेद के अनुसरण में संसद द्वारा नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (कर्तव्य, शक्तियां तथा सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 (1976 में यथासंशोधित) पारित किया गया है, जिसके अनुसार ही नियंत्रक और महालेखापरीक्षक के वेतन और सेवा शर्तों का निर्धारण होता है। इस अधिनियम की धारा 3 के अनुसार, नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का वेतन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के बराबर होता है।

6. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के पद पर नियुक्ति का कार्यकाल होता है - [U.P.P.C.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (c) 6 वर्ष
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (3) के अनुसार, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सी.ए.जी.) के वेतन एवं सेवा शर्तों के निर्धारण का अधिकार संसद को दिया गया है। अतः संसद ने सी.ए.जी. के वेतन एवं सेवा शर्तों से संबंधित प्रावधानों को वर्ष 1971 में अधिनियमित किया, जिसके अनुसार, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है या वह अधिकतम 65 वर्ष की उम्र तक सेवारत रह सकता है, इनमें से जो पहले हो।

7. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक अधिकतम कितने वर्षों के लिए अपना पद धारण कर सकते हैं? [M.P.P.C.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (c) 6 वर्ष
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (3) के अनुसार, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सी.ए.जी.) के वेतन एवं सेवा शर्तों के निर्धारण का अधिकार संसद को दिया गया है। अतः संसद ने सी.ए.जी. के वेतन एवं सेवा शर्तों से संबंधित प्रावधानों को वर्ष 1971 में अधिनियमित किया, जिसके अनुसार, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है या वह अधिकतम 65 वर्ष की उम्र तक सेवारत रह सकता है, इनमें से जो पहले हो।

8. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा सही नहीं है? [U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]

Correct Answer: (d) उनको राष्ट्रपति पदच्युत कर सकते हैं।
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (1) के अनुसार, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। कैग को राष्ट्रपति पदच्युत नहीं कर सकता है, बल्कि उसे उसी रीति से और उन्हीं आधारों पर हटाया जाएगा जिस रीति से और जिन आधारों पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है। नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (कर्तव्य, शक्तियां तथा सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 की धारा 3 के तहत भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के बराबर वेतन दिया जाता है। अनुच्छेद 148 (4) के तहत सेवानिवृत्ति के पश्चात नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन पद के अयोग्य हो जाते हैं।

9. भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक को उसके पद से हटाए जाने की प्रक्रिया निम्नांकित में में किसके समान है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (c) उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (1) के अनुसार, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। कैग को राष्ट्रपति पदच्युत नहीं कर सकता है, बल्कि उसे उसी रीति से और उन्हीं आधारों पर हटाया जाएगा जिस रीति से और जिन आधारों पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है। नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (कर्तव्य, शक्तियां तथा सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 की धारा 3 के तहत भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के बराबर वेतन दिया जाता है। अनुच्छेद 148 (4) के तहत सेवानिवृत्ति के पश्चात नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन पद के अयोग्य हो जाते हैं।

10. कथन (A): नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का कर्तव्य न केवल व्यय की वैधता सुनिश्चित करना है, अपितु औचित्य भी है। [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]

कारण (R) : उसे वित्तीय प्रशासन के क्षेत्र में संविधान और संसद के कानूनों को बनाए रखना है।

Correct Answer: (b) (A) और (R) दोनों सही हैं, एवं (R), (A) की सही व्याख्या है।
Solution:नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का कर्तव्य व्यय की वैधता और औचित्य दोनों ही सुनिश्चित करना है, क्योंकि उसे यह निर्धारित करना है कि वित्तीय प्रशासन के क्षेत्र में संविधान और संसद के कानूनों का अनुपालन हो रहा है अथवा नहीं। इस प्रकार प्रश्नगत कथन और कारण दोनों सही हैं, तथा कारण, कथन की सही व्याख्या है।