मिश्रधातुएं

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1. निम्नलिखित में से कौन-सी मिश्रधातु नहीं है? [M.P.P.C.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (d) तांबा
Solution:तांबा एक शुद्ध धातु है, जबकि स्टील (लोहा और कार्बन का मिश्रण), पीतल (तांबा और जस्ते का मिश्रण) और ब्रॉन्ज (तांबा और टिन का मिश्रण) सभी मिश्रधातुएं हैं। मिश्रधातु दो या दो से अधिक धातुओं या एक धातु और एक अधातु के मिश्रण से बनती है।Image of copper metal

2. कथन (A) : जस्तेदार लोहे में जल्दी जंग नहीं लगता । [U.P. Lower Sub. (Pre) 2002]

कारण (R) : यशद में उपचयन क्षमता है।

कूट :

Correct Answer: (a) (A) और (R) दोनों सही हैं, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
Solution:
कथन (A):
जस्तेदार लोहे में जंग नहीं लगता, यह कथन सही है। जस्तीकरण (galvanization) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें लोहे को जिंक की परत से ढका जाता है। जिंक, लोहे से अधिक प्रतिक्रियाशील होता है, इसलिए जब जस्तीकृत लोहा हवा और नमी के संपर्क में आता है, तो जिंक की परत पहले प्रतिक्रिया करती है और जंग लगने से लोहे को बचाती है।
कारण (R):
यशद (जिंक) में उपचयन क्षमता है, यह कथन भी सही है। उपचयन क्षमता का मतलब है किसी पदार्थ का ऑक्सीकरण होना। जिंक आसानी से ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके जिंक ऑक्साइड बनाता है, जो लोहे को जंग लगने से बचाता है।
इसलिए, (R) कथन, (A) कथन का सही कारण है। जस्तेदार लोहे में जंग न लगने का कारण जिंक की उपचयन क्षमता ही है। 
उदाहरण:
मान लीजिए आपके पास एक लोहे की कील है जिसे आपने जस्तेदार कर दिया है। यदि आप इस कील को हवा और पानी में रखते हैं, तो जिंक की परत पहले प्रतिक्रिया करेगी और जिंक ऑक्साइड बनाएगी, जो एक सुरक्षात्मक परत के रूप में काम करेगी और कील को जंग लगने से बचाएगी। 

3. गैल्वेनाइज़्ड लोहे के पाइप पर परत होती है - [63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]

Correct Answer: (a) जस्ते की
Solution:गैल्वनीकरण (Galvanization) लोहे या स्टील को जंग से बचाने की एक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में, लोहे पर पिघले हुए जस्ते की एक सुरक्षात्मक परत चढ़ाई जाती है, जिससे नमी और हवा सीधे लोहे के संपर्क में नहीं आ पाते।

4. जस्तेदार लोहे की चादरें जंग से बची रहती हैं क्योंकि उनमें निम्नलिखित की परत विद्यमान होती है- [I.A.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (c) यशद
Solution:जस्ता अथवा वशद (Zinc) एक तत्व है, जिसका उपयोग लोहे के प्रतिरक्षाण में किया जाता है। जस्तीकृत लोहा पानी, साबुन के विलयन, पेट्रोल और खनिज तेलों के प्रभाव को सह सकता है। लोहे को जंगरोधी बनाने हेतु उस पर जस्ते की पॉलिश की जाती है। इसे गैल्वेनाइजेशन कहते हैं।

5. गैल्वनीकृत लोहे पर लेप होता है- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (d) जस्ते का
Solution:जस्ता अथवा वशद (Zinc) एक तत्व है, जिसका उपयोग लोहे के प्रतिरक्षाण में किया जाता है। जस्तीकृत लोहा पानी, साबुन के विलयन, पेट्रोल और खनिज तेलों के प्रभाव को सह सकता है। लोहे को जंगरोधी बनाने हेतु उस पर जस्ते की पॉलिश की जाती है। इसे गैल्वेनाइजेशन कहते हैं।

6. निम्नलिखित में से कौन-सा लौह धातु के क्षयकरण में आवश्यक है? [U.P.R.O./A.R.O. (Re-exam) (Pre) 2016]

Correct Answer: (b) ऑक्सीजन तथा नमी
Solution:लोहे में जंग लगना एक ऑक्सीकरण प्रक्रिया है, जिसे लौह धातु का क्षयकरण भी कहते हैं। इस प्रक्रिया के लिए हवा में मौजूद ऑक्सीजन और पानी या नमी दोनों का होना अनिवार्य है।

7. ताम्र संदूषण से बचने के लिए पीतल के बर्तनों पर सामान्यतः किस धातु की परत चढ़ाई जाती है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (a) रांगे की (टिन)
Solution:पीतल के बर्तनों को ताम्र संदूषण से बचाने के लिए उन पर रांगे (टिन) की परत चढ़ाई जाती है। यह परत भोजन को पीतल में मौजूद तांबे के साथ प्रतिक्रिया करने से रोकती है, जिसे 'कलई करना' भी कहते हैं।

8. एल्युमीनियम-पृष्ठ प्रायः 'एनोडीकृत' होते हैं। इसका अर्थ है उस पर निक्षेपण होना- [I.A.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (b) एल्युमीनियम ऑक्साइड की परत का
Solution:एनोडीकरण एक विद्युत-रासायनिक प्रक्रिया है। इसमें एल्युमीनियम की सतह पर एल्युमीनियम ऑक्साइड की एक मोटी और सख्त परत बनाई जाती है, जो इसे जंग और खरोंच से बचाती है।

9. किस धातु से बनाई मिश्रधातु को हवाई जहाज तथा रेल के डिबे में पुर्जो के काम में लिया जाता है- [43rd B.P.S.C. (Pre) 1999]

Correct Answer: (c) एल्युमीनियम
Solution:एल्युमीनियम अपनी कम वजन और उच्च शक्ति के कारण हवाई जहाज और रेल के डिब्बों के पुर्जों के लिए एक आदर्श धातु है। इसकी मिश्रधातुएं इन परिवहन साधनों को हल्का और ईंधन-कुशल बनाने में मदद करती हैं।

10. पारद धातु मिश्रण- [39th B.P.S.C. (Pre) 1994]

Correct Answer: (c) पारद युक्त मिश्रधातु होती है।
Solution:पारद धातु मिश्रण को अमलगम भी कहते हैं। यह एक ऐसी मिश्रधातु है जिसमें पारा (पारद) एक अनिवार्य घटक के रूप में होता है। इसका उपयोग अक्सर दंत चिकित्सा में भराई (dental fillings) के लिए किया जाता है।