मुद्रा एवं बैंकिंग(आर्थिक विकास)

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11. 'एकीकृत भुगतान अंतरापृष्ठ' (यूनिफाइड पेंमेंट्स इन्टरफेस / UPI) को कार्यान्वित करने से निम्नलिखित में से किसके होने की सर्वाधिक संभाव्यता है? [I.A.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (a) ऑनलाइन भुगतानों के लिए मोबाइल वॉलेट आवश्यक नहीं होंगे।
Solution:एकीकृत भुगतान अंतरापृष्ठ (UPI) एक त्वरित भुगतान प्रणाली है, जिसे RBI विनियमित इकाई भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने विकसित किया है। यह IMPS (Immediate Payment Service) अवसंरचना पर आधारित है और किन्हीं दो पक्षों के बैंक खातों के बीच पैसों के तुरंत लेन-देन को स्मार्टफोन के माध्यम से संपन्न करता है। यह ग्राहक को एक बैंक खाते से विभिन्न व्यापारियों (Merchants) को ऑनलाइन या ऑफलाइन भुगतान की सुविधा प्रदान करता है, वह भी बिना किसी क्रेडिट कार्ड विवरण, IFSC कोड या नेट बैंकिंग / वॉलेट पासवर्ड की परेशानी के। UPI का मुख्य लाभ लेन-देन करना सरल और आसान बनाना है। इसे बैंक खाते से लिंक करने के बाद वॉलेट की तरह टॉपअप किए बिना निर्बाध भुगतान किया जा सकता है। वॉलेट में पैसे हैं या नहीं की चिंता किए बिना सीधे बैंक स्थानांतरण के लिए UPI का प्रयोग करना आसान होता है।

12. कभी-कभी समाचारों में आने वाले 'बिटकॉइंस' (Bitcoins) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2016]

1. बिटकॉइंस की खोज-खबर देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी जाती है।

2. बिटकॉइन के पते वाला कोई भी व्यक्ति, बिटकॉइन के पते वाले किसी अन्य व्यक्ति को बिटकॉइंस भेज सकता है या उससे प्राप्त कर सकता है।

3. ऑनलाइन अदायगी, दोनों तरफ में से किसी भी तरफ की पहचान जाने बिना, की जा सकती है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (b) केवल 2 और 3
Solution:बिटकॉइंस एक क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) या आभासी मुद्रा (Virtual Currency) है। इसका विकास सातोशी नाकामोतो छद्म नाम वाले प्रोग्रामर (या प्रोग्रामरों का समूह) द्वारा किया गया था। यह एक ब्लॉकचेन आधारित इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली है। यह केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण से परे होता है। यह एक 'पीयर टू पीयर' (Peer to Peer) प्रणाली है, जिसमें बिटकॉइन के पते वाले दो व्यक्ति एक-दूसरे से बिटकॉइन का लेन-देन कर सकते हैं। इसके अंतर्गत उपयोगकर्ताओं द्वारा बिना किसी मध्यस्थ एवं बिना किसी पहचान को उजागर किए, लेन-देन किया जा सकता है।

13. केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2023]

1. यू.एस. डॉलर या एस.डब्ल्यू.आई.एफ.टी. प्रणाली का प्रयोग किए बिना डिजिटल मुद्रा में भुगतान करना संभव है।

2. कोई डिजिटल मुद्रा इसके अंदर प्रोग्रामित प्रतिबंध, जैसे कि इसके व्यय के समय ढांचे, के साथ वितरित की जा सकती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा का डिजिटल प्रारूप है। इसे भौतिक नकदी का एक सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प प्रदान करने तथा व्यक्तियों एवं व्यवसायों के लिए डिजिटल भुगतान को आसान बनाने हेतु डिजाइन किया गया है। यह केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित होता है, जिसका अर्थ है कि उनका मूल्य पारंपरिक या वैध मुद्राओं (Fiat Currencies) के समान है और इनका उपयोग उसी तरह किया जा सकता है। क्रिप्टो करेंसी के विपरीत, जिन्हें केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है, सीबीडीसी (CBDC) को केंद्रीय बैंक द्वारा जारी और नियंत्रित किया जाता है। सीबीडीसी (CBDC) का उपयोग किसी तीसरे पक्ष जैसे बैंक या भुगतान प्रोसेसर की आवश्यकता के बिना, दो पक्षों के मध्य सीधे भुगतान करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए अमेरिकी डॉलर या स्विफ्ट प्रणाली की आवश्यकता नहीं होती है। अतः कथन (1) सत्य है। कथन (2) भी सत्य है, क्योंकि सीबीडीसी (CBDC) को प्रोग्रामित प्रतिबंधों के साथ वितरित किया जा सकता है।

14. नॉन-फंजिबल टोकेंस [Non-Fungible Tokens (NFTs)] के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2022]

1. वे भौतिक परिसंपत्तियों के अंकीय निरूपण (डिजिटल रिप्रेजेंटेशन) को सुकर बनाते हैं।

2. वे अनन्य क्रिप्टोग्राफिक टोकेंस हैं जो किसी ब्लॉकचेन में विद्यमान हैं।

3. उनका, तुल्यता पर, व्यापार या विनिमय किया जा सकता है और इसलिए उनका वाणिज्यिक लेन-देन के माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं?

Correct Answer: (a) केवल 1 और 2
Solution:नॉन-फंजिबल टोकेंस (Non-Fungible Tokens : NFTs) एक डिजिटल संपत्ति है, जो कला, संगीत, इन-गेम आइटम और वीडियो जैसी वास्तविक दुनिया की वस्तुओं का प्रतिनिधित्व करती है। कुछ भी जिसे डिजिटल रूप में परिवर्तित किया जा सकता है, NFT हो सकता है। अतः कथन 1 सही है।

NFTs अनन्य क्रिप्टोग्राफिक टोकेंस हैं, जो किसी ब्लॉकचेन पर मौजूद होते हैं और इन्हें दोहराया नहीं जा सकता, क्योंकि इनमें एक अद्वितीय पहचान कोड और मेटाडेटा होता है। अतः कथन 2 सही है। भौतिक मुद्रा या क्रिप्टोकरेंसी "बदलने योग्य या फंजिबल" (Fungible) होते हैं, क्योंकि इनका एक-दूसरे से व्यापार (trading) या आदान-प्रदान (exchange) हो सकता है। ये मूल्य भी बराबर होते हैं जैसे- हमेशा एक डॉलर दूसरे डॉलर और एक बिटकॉइन दूसरे बिटकॉइन के बराबर होता है।

यद्यपि NFT, बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी के समान प्रोग्रामिंग करके बनाई जाती है, परंतु इनकी समानता यहीं खत्म हो जाती है। प्रत्येक NFT के अंतर्गत एक डिजिटल हस्ताक्षर होता है, जो NFTs को एक-दूसरे के बराबर या आदान-प्रदान को असंभव बनाता है। इसलिए इनको नॉन-फंजिबल कहा जाता है। अतः कथन 3 गलत है।

15. निम्नलिखित पर विचार कीजिए - [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

1. जनता के पास मुद्रा

2. बैंकों के पास मांग जमा (डिमांड डिपॉजिट्स)

3. बैंकों के पास समय जमा (टाइम डिपॉजिट्स)

इनमें से कौन-कौन से भारत में व्यापक धन (एम 3) में शामिल हैं?

Correct Answer: (d) 1, 2 और 3
Solution:RBI द्वारा नियुक्त दूसरे कार्यकारी समूह द्वारा वर्ष 1977 में प्रदत्त रिपोर्ट के अनुसार, RBI ने मुद्रा पूर्ति के संबंध में चार समुच्चय M1, M2, M3 तथा M4 स्वीकार किए, जबकि डॉ. वाई.वी. रेड्डी की अध्यक्षता में मुद्रा पूर्ति पर गठित कार्यदल (रिपोर्ट जून, 1998 में प्रस्तुत) की सिफारिशों के अनुसार, मुद्रा पूर्ति के निम्न चार समुच्चय हैं- M0, M1, M2 तथा M3 | M3 को व्यापक या स्थूल मुद्रा कहते हैं। M3 में शामिल घटक निम्न प्रकार हैं-

M3 = जनता के पास करेंसी या मुद्रा बैंकों के पास मांग जमा + RBI के पास अन्य जमा वाणिज्यिक बैंकों के पास शुद्ध सावधि या समय जमा।

16. भारत में निम्नलिखित में से किसके योग से सुलभ मुद्रा (Broad Money) बनती है? [I.A.S. (Pre) 1997]

1. जनता के पास करेंसी

2. बैंकों की मांग जमाराशि

3. बैंकों में सावधिक जमाराशि

4. भारतीय रिजर्व बैंक में अन्य जमाराशि

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (c) 1, 2, 3 तथा 4
Solution:सुलभ मुद्रा (Broad Money), से तात्पर्य विस्तृत मुद्रा (Broad Money) से है। इसके अंतर्गत जनता के पास उपलब्ध करेंसी, बैंकों की मांग जमाएं, बैंकों में सावधि जमा तथा भारतीय रिजर्व बैंक में अन्य जमा राशियां आती हैं।

17. यदि आप अपने बैंक के मांग जमा खाते (Demand Deposit Account) में रु. 1,00,000 की नकद राशि निकालते हैं, तो अर्थव्यवस्था में तात्कालिक रूप से मुद्रा की समग्र पूर्ति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ? [I.A.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (d) मुद्रा की समग्र पूर्ति अपरिवर्तित रहेगी
Solution:एक निश्चित समय में अर्थव्यवस्था में संचरण करने वाली कुल मुद्रा को 'मुद्रा की पूर्ति' कहते हैं।

M₁ = जनता के पास मुद्रा (CU) + बैंकों के पास मांग जमाएं (DD) + RBI के पास अन्य जमाएं (OD with RBI)

M₂ = M₁ + डाकघर बचत बैंकों में बचत जमाएं

M3 = जनता के पास मुद्रा + बैंकों के पास मांग जमा + RBI के पास अन्य जमा + बैंकों के पास शुद्ध सावधि या समय जमा

M4 = M3 + डाकघर बचत संस्थाओं में कुल जमाएं (राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्रों को छोड़कर)

इस दिए हुए प्रश्न में जब मांग जमा (DD) रु. 1,00,000 निकलेगा, तब जनता के पास मुद्रा रु. 1,00,000 बढ़ जाएगा, अतः तात्कालिक रूप से मुद्रा की समग्र पूर्ति अपरिवर्तित रहेगी। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।

18. निम्नलिखित तरल परिसंपत्तियों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2013]

1. बैंकों के पास मांग जमा

2. बैंकों के पास सावधिक जमा

3. बैंकों के पास बचत जमा

4. करेंसी

इन परिसंपत्तियों का, तरलता के घटते हुए क्रम में, सही अनुक्रम है-

Correct Answer: (d) 4-1-3-2
Solution:तरलता के अनुसार, परिसंपत्तियों का घटता क्रम निम्न है- क्रमशः करेंसी (सर्वाधिक तरल), बैंकों के पास मांग जमा, बैंकों के पास बचत जमा तथा बैंकों के पास सावधि जमा ।

19. किसी अर्थव्यवस्था में मुद्रा गुणक (मनी मल्टीप्लायर) निम्नलिखित में से किस एक के साथ-साथ बढ़ता है? [I.A.S. (Pre), 2019 I.A.S. (Pre), 2021]

Correct Answer: (b) जनता की बैंकिंग आदतों में वृद्धि
Solution:किसी अर्थव्यवस्था में मुद्रा गुणक (Money Multiplier) उसके मौद्रिक आधार और मुद्रा आपूर्ति के संबंध को व्यक्त करता है। यह बैंकों द्वारा अपनी जमाओं के आधार पर ऋण सृजन की क्षमता को बताता है। जनता की बैंकिंग आदतों में वृद्धि के साथ बैंक जमाओं में वृद्धि होने से बैंकों द्वारा अधिक ऋण सृजन होगा, जिससे चलन में मुद्रा के बढ़ने से मुद्रा गुणक में वृद्धि होगी। दूसरी ओर आरक्षित नकदी अनुपात (CRR) या सांविधिक नकदी अनुपात (SLR) में वृद्धि से बैंकों की ऋण सृजन क्षमता कम होने से मुद्रा गुणक में कमी आएगी।

20. भारत में मुद्रा गुणक को परिभाषित किया जाता है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2009 U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]

Correct Answer: (b) वृहद मुद्रा / आरक्षित मुद्रा
Solution:भारत में मुद्रा गुणक को वृहद या स्थूल मुद्रा (M3) और आरक्षित मुद्रा (Mo) के अनुपात के रूप में मापते हैं। अतः यदि मुद्रा गुणक K हो, तो K= M3/M०. या M3/Rm.