मुद्रा एवं बैंकिंग(आर्थिक विकास)

Total Questions: 50

21. 'काली मुद्रा' क्या है? [U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2002, 2003*]

Correct Answer: (d) यह अवैध आय है जिस पर आय कर नहीं दिया गया है
Solution:काली मुद्रा से तात्पर्य ऐसी मुद्रा से है जिस पर आय कर नहीं दिया गया होता है, जिससे सरकारी कोष में राजस्व की हानि होती है। यह अवैध रूप से उपार्जित ऐसी आय है, जिसे प्रायः उत्पादक क्षेत्रों में न लगाकर उच्च उपभोग हेतु प्रयोग किया जाता है। काली मुद्रा भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की दृष्टि से एक समस्या है।

सरकार काली मुद्रा को बाहर करने हेतु समय-समय पर कदम उठाती रही है, जैसे स्वैच्छिक आय घोषणा योजना (VDIS)। वित्त पर स्थायी समिति की रिपोर्ट 2019 के अनुसार, जिन क्षेत्रों में काले धन का सर्वाधिक सृजन हैं, उनमें रियल एस्टेट, खनन, फार्मास्यूटिकल्स, पान मसाला, गुटखा और तंबाकू उद्योग, सराफा और कमोडिटी बाजार, फिल्म उद्योग तथा शैक्षणिक संस्थान और पेशेवर शामिल हैं। कर चोरी के कारण राजकोष को राजस्व की हानि भारतीय अर्थव्यवस्था की एक बड़ी समस्या है। इसलिए, दिए गए प्रश्न का सबसे उपयुक्त उत्तर विकल्प (d) है।

22. भारत में काले धन के सृजन के निम्नलिखित प्रभावों में से कौन-सा भारत सरकार की चिंता का प्रमुख कारण है? [I.A.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) कर अपवंचन के कारण राजकोष में राजस्व की हानि
Solution:काली मुद्रा से तात्पर्य ऐसी मुद्रा से है जिस पर आय कर नहीं दिया गया होता है, जिससे सरकारी कोष में राजस्व की हानि होती है। यह अवैध रूप से उपार्जित ऐसी आय है, जिसे प्रायः उत्पादक क्षेत्रों में न लगाकर उच्च उपभोग हेतु प्रयोग किया जाता है। काली मुद्रा भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की दृष्टि से एक समस्या है।

सरकार काली मुद्रा को बाहर करने हेतु समय-समय पर कदम उठाती रही है, जैसे स्वैच्छिक आय घोषणा योजना (VDIS)। वित्त पर स्थायी समिति की रिपोर्ट 2019 के अनुसार, जिन क्षेत्रों में काले धन का सर्वाधिक सृजन हैं, उनमें रियल एस्टेट, खनन, फार्मास्यूटिकल्स, पान मसाला, गुटखा और तंबाकू उद्योग, सराफा और कमोडिटी बाजार, फिल्म उद्योग तथा शैक्षणिक संस्थान और पेशेवर शामिल हैं। कर चोरी के कारण राजकोष को राजस्व की हानि भारतीय अर्थव्यवस्था की एक बड़ी समस्या है। इसलिए, दिए गए प्रश्न का सबसे उपयुक्त उत्तर विकल्प (d) है।

23. निम्नलिखित में से भारत में विमुद्रीकरण का कौन औपचारिक उद्देश्य नहीं था ? [U.P. P.C.S. (mains) 2017]

Correct Answer: (d) जी. डी. पी. की विकास दर में वृद्धि करना।
Solution:सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को ऐतिहासिक घोषणा के तहत दो उच्चतम मूल्य 500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण कर दिया। एक झटके में ही अर्थव्यवस्था के परिचलन की 86 प्रतिशत मुद्रा अवैध घोषित हो गई। ये नोट 30 दिसंबर, 2016 तक बैंकों में जमा कराए जाने थे। इस कदम के चार मुख्य उद्देश्य थे-

(i) भ्रष्टाचार पर अंकुश।

(ii) नकली नोटों की छपाई पर लगाम ।

(iii) आतंकवादियों द्वारा इन उच्च मूल्य नोटों के प्रयोग पर लगाम तथा

(iv) विशेषकर कालाधन संचित करने पर रोक।

इनके अतिरिक्त कर आधार को बढ़ावा देने, संव्यवहार के अंकीय (डिजिटल) तरीकों का अधिक उपयोग तथा अर्थव्यवस्था में नकदी की मात्रा को कम करना इसके उद्देश्यों में शामिल थे।

24. भारत में कागजी मुद्रा प्रथम बार कब शुरू की गई थी? [U.P.P.C.S (Mains) 2011]

Correct Answer: (a) 1862 में
Solution:भारत में कागजी मुद्रा की शुरुआत सर्वप्रथम बैंक ऑफ हिन्दुस्तान (1770 ई.), जनरल बैंक ऑफ बंगाल एंड बिहार (1773 ई.) तथा बंगाल बैंक (1784 ई.) द्वारा की गई थी। 1861 के पेपर करेंसी एक्ट द्वारा भारत की तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने निजी और प्रेसीडेंसी बैंकों से कागजी मुद्रा के निर्गमन का अधिकार ले लिया। तत्पश्चात भारत सरकार द्वारा सर्वप्रथम कागजी मुद्रा जारी की गई, जो 1 मार्च, 1862 से प्रभावी है।

25. मुद्रा की दशमलव प्रणाली के साथ प्रचलित 'नया पैसा' कब 'पैसा' हो गया ? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (c) 1 जून, 1964 से
Solution:वर्ष 1957 में भारत में मुद्रा की दशमलव प्रणाली प्रचलन में आई। वर्ष 1957 से 1964 तक टकसाल से उत्पादित पैसा को 'नया पैसा' कहा गया। वर्ष 1964 में 'नया पैसा' में से 'नया' शब्द बाहर कर दिया गया तथा अब इसे 'पैसा' कहा गया। अतः मुद्रा की दशमलव प्रणाली के साथ प्रचलित 'नया पैसा' 1 जून, 1964 से 'पैसा' हो गया।

26. भारत में दाशमिक मुद्रा प्रणाली शुरू की गई- [U.P.P.C.S. (Mains)2005, 2010 U.P.P.C.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (c) वर्ष 1957 में
Solution:वर्ष 1957 में भारत में मुद्रा की दशमलव प्रणाली प्रचलन में आई। वर्ष 1957 से 1964 तक टकसाल से उत्पादित पैसा को 'नया पैसा' कहा गया। वर्ष 1964 में 'नया पैसा' में से 'नया' शब्द बाहर कर दिया गया तथा अब इसे 'पैसा' कहा गया। अतः मुद्रा की दशमलव प्रणाली के साथ प्रचलित 'नया पैसा' 1 जून, 1964 से 'पैसा' हो गया।

27. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन वैध मुद्रा (लीगल टेंडर मनी) के अर्थ को सही वर्णित करता है? [I.A.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (b) वह मुद्रा जो कोई ऋणदाता अपने दावों के निपटाने में स्वीकार करने के लिए बाध्य होता है
Solution:वैध मुद्रा (Legal Tender Money) वह मुद्रा (सिक्के एवं बैंक नोट) होती है, जिसे भुगतान हेतु सरकार की मान्यता प्राप्त होती है। अर्थात प्रत्येक व्यक्ति के लिए इसे स्वीकार करना कानूनी रूप से बाध्यकारी होता है। कोई भी ऋणदाता चाहे सरकार हो अथवा निजी व्यक्ति को अपने ऋणों का पुनर्भुगतान वैध मुद्रा में अनिवार्यतः स्वीकार करना होता है। यद्यपि किसी देश में चलन में धातु मुद्रा को वैध मुद्रा माना जा सकता है तथापि यह वैध मुद्रा की पूरी व्याख्या नहीं करता है, क्योंकि वैध मुद्रा के अंतर्गत प्रचलन में धातु एवं पत्र दोनों मुद्राएं आती हैं।

28. भारतीय रिजर्व बैंक को प्राप्त है। करेंसी नोट छापने का अधिकार [U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]

Correct Answer: (a) रु. 10,000 तक
Solution:भारतीय रिजर्व बैंक को रु. 10,000 तक करेंसी नोट छापने का अधिकार प्राप्त है। वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक प्रमुख रूप से रु. 10, 20, 50, 100 तथा 500 के करेंसी नोट छापने का कार्य कर रही है। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2 रुपये तथा 5 रुपये की करेंसी की भी छपाई का कार्य किया जाता है।

29. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नोट निर्गमन विभाग को न्यूनतम कितने मूल्य का स्वर्ण अपने स्टॉक में हमेशा रखना चाहिए? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) 115 करोड़ रु. का
Solution:नोट निर्गमन के लिए आनुपातिक कोष प्रणाली के स्थान पर वर्ष 1956 में न्यूनतम कोष प्रणाली (Minimum Reserve System) अपनाई गई, जिसके तहत 515 करोड़ रु. कोष (जिसमें 115 करोड़ रु. के स्वर्ण तथा 400 करोड़ रु. विदेशी प्रतिभूति) के रूप में रखना आवश्यक था। 31 अक्टूबर, 1957 के बाद रिजर्व बैंक एक्ट के संशोधन के अनुसार, इसे घटाकर केवल 200 करोड़ रु. कर दिया गया, जिसमें 115 करोड़ रु. स्वर्ण के रूप में रखना अनिवार्य है तथा शेष 85 करोड़ रु. की विदेशी प्रतिभूति रखना अनिवार्य है।

30. भारत में 'मुद्रा संबंधी नोटों की निर्गमन प्रणाली' आधारित है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2004, 2007 U.P.P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (b) न्यूनतम कोष प्रणाली पर
Solution:नोट निर्गमन के लिए आनुपातिक कोष प्रणाली के स्थान पर वर्ष 1956 में न्यूनतम कोष प्रणाली (Minimum Reserve System) अपनाई गई, जिसके तहत 515 करोड़ रु. कोष (जिसमें 115 करोड़ रु. के स्वर्ण तथा 400 करोड़ रु. विदेशी प्रतिभूति) के रूप में रखना आवश्यक था। 31 अक्टूबर, 1957 के बाद रिजर्व बैंक एक्ट के संशोधन के अनुसार, इसे घटाकर केवल 200 करोड़ रु. कर दिया गया, जिसमें 115 करोड़ रु. स्वर्ण के रूप में रखना अनिवार्य है तथा शेष 85 करोड़ रु. की विदेशी प्रतिभूति रखना अनिवार्य है।