मुद्रा एवं बैंकिंग (भाग – 2)(आर्थिक विकास)

Total Questions: 50

11. निम्नलिखित में से कौन 'औद्योगिक कर्मकारों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक' (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स नंबर फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स) निकालता है? [I.A.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) श्रम ब्यूरो
Solution:औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक का संकलन श्रम ब्यूरो द्वारा किया जाता है। इसके अतिरिक्त यह कृषि श्रमिकों हेतु उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तथा ग्रामीण श्रमिकों हेतु उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का संकलन भी करता है। उल्लेखनीय है कि, 'श्रम ब्यूरो' अखिल भारतीय स्तर पर श्रम के विभिन्न पहलुओं पर आंकड़ों के संग्रहण, संकलन, विश्लेषण एवं वितरण में कार्यरत है। श्रम ब्यूरो आंकड़ों के समाकलन, संग्रहण, प्रकाशन तथा मजदूरी उपार्जन, उत्पादकता, अनुपस्थिति, श्रम आवर्त, औद्योगिक संबंधों, कार्यकारी एवं निर्वाह स्थितियों से संबंधित सूचना तथा विभिन्न श्रम अधिनियमों के कार्यान्वयन के मूल्यांकन आदि के लिए भी उत्तरदायी है।

12. औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार को वर्ष 1982 से स्थानांतरित किया गया है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (b) 2001
Solution:औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) का संकलन 'श्रम ब्यूरो' द्वारा वर्ष 1944 से किया जा रहा है। समय-समय पर इसके द्वारा सूचकांक की आधार श्रृंखला में संशोधन किया जाता रहा है। श्रम ब्यूरो द्वारा आधार श्रृंखला में अब तक किए गए संशोधन निम्न हैं- वर्ष 1944 से वर्ष 1949, वर्ष 1949 से वर्ष 1960, वर्ष 1960 से वर्ष 1982, वर्ष 1982 से वर्ष 2001 तथा वर्ष 2001 से वर्ष 2016 । आधार वर्ष 2016 सितंबर, 2020 से प्रभावी है।

13. औद्योगिक उपभोक्ता मूल्य सूचकोंक वर्ष 1960 को किस आधार वर्ष में परिवर्तित किया गया? [U.P.P.C.S. (Pre) 1990]

Correct Answer: (c) 1982
Solution:औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) का संकलन 'श्रम ब्यूरो' द्वारा वर्ष 1944 से किया जा रहा है। समय-समय पर इसके द्वारा सूचकांक की आधार श्रृंखला में संशोधन किया जाता रहा है। श्रम ब्यूरो द्वारा आधार श्रृंखला में अब तक किए गए संशोधन निम्न हैं- वर्ष 1944 से वर्ष 1949, वर्ष 1949 से वर्ष 1960, वर्ष 1960 से वर्ष 1982, वर्ष 1982 से वर्ष 2001 तथा वर्ष 2001 से वर्ष 2016 । आधार वर्ष 2016 सितंबर, 2020 से प्रभावी है।

14. निम्नलिखित कीमत सूचकांकों में से केंद्र सरकार के कर्मचारियों की मजदूरी में क्षतिपूर्ति हेतु किसका प्रयोग किया जाता है? [U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]

Correct Answer: (b) औद्योगिक कर्मियों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक
Solution:केंद्रीय सरकार अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन में महंगाई के कारण होने वाली क्षति पूर्ति हेतु औद्योगिक कर्मियों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक (CPI-IW) प्रयोग करती है।

15. भारत में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के निर्धारण का आधार है- [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007 U.P.P.C.S. (Mains) 2008 U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) उपभोक्ता कीमत सूचकांक
Solution:भारत में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowances of Employees) का निर्धारण औद्योगिक कर्मियों के उपभोक्ता कीमत सूचकांक (Consumer Price Index-Industrial Workers) के आधार पर किया जाता है। वर्तमान में भारत में निम्नलिखित 4 वर्गों में उपभोक्ता कीमत सूचकांक (CPI) का संकलन किया जाता है-

1. CPI-IW: Consumer Price Index for Industrial workers

2. CPI-AL: Consumer Price Index for Agricultural Labourers

3. CPI-RL: Consumer Price Index for Rural Labourers

4. CPI (Rural + Urban): All India Consumer Price Index (Rural + Urban)

16. भारत में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आंकड़े निम्नलिखित में से कौन-सा संस्थापन/कार्यालय जारी करता है? [U.P. P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (b) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
Solution:वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग के आर्थिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा भारत में थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़े जारी किए जाते हैं।

17. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यू. पी. आई.) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : [I.A.S. (Pre) 2002]

1. 1993-94 = 100 को आधार मानते हुए नई डब्ल्यू.पी. आई. श्रृंखला अप्रैल, 1998 से प्रभावी हुई।

2. नई डब्ल्यू. पी. आई. श्रृंखला में, बुनियादी वस्तुओं का भारित महत्व 10 प्रतिशत अंकों तक कम हो गया है।

3. बिजली का भारित महत्व नई डब्ल्यू. पी. आई. श्रृंखला में बढ़ गया है।

इनमें से कौन-कौन से कथन सही हैं?

Correct Answer: (b) 2 और 3
Solution:- थोक मूल्य सूचकांक में परिवर्तन पर गठित हाशमी समिति ने सरकार को अपनी सिफारिशें नवंबर, 1999 में सौंपी। हाशमी समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए, सरकार ने 1 अप्रैल, 2000 से थोक मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष 1981-82 से परिवर्तित कर वर्ष 1993-94 कर दिया। वर्ष 1981-82 आधार वर्ष वाले WPI में बुनियादी वस्तुओं, ईंधन-विद्युत एवं स्नेहक तथा विनिर्मित वस्तुओं का भारांश क्रमशः 32.30%, 10.62% तथा 57.04% था जो वर्ष 1993-94 आधार वर्ष में परिवर्तित होकर बुनियादी वस्तुओं, ईंधन-विद्युत एवं स्नेहक तथा विनिर्मित वस्तुओं हेतु क्रमशः 22.02%, 14.23% तथा 63.75% हो गया। वर्ष 1993-94 आधार वर्ष वाले WPI में पूर्व में 447 मदों की अपेक्षा 435 मदों को ही शामिल किया गया था।

12 मई, 2017 को (अप्रैल, 2017 से प्रभावी) थोक मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष 2004-05 से बदल कर वर्ष 2011-12 कर दिया गया है। इसमें प्राथमिक वस्तुओं का भारांश 22.62%, ईंधन एवं विद्युत समूह का 13.15% तथा विनिर्मित उत्पादों का 64.23% है।

थोक मूल्य सूचकांक की तुलनात्मक स्थिति

मदों की संख्या /भारांश (%)

वस्तुएंआधार वर्ष 1993-94 (साप्ताहिक आधार पर)आधार वर्ष 2004-05 (मासिक आधार पर)आधार वर्ष 2011-12 (मासिक आधार पर)
सभी वस्तुएं435 (100.00)676 (100.00)697 (100.00)
प्राथमिक (बुनियादी) वस्तुएं98 (22.02)102 (20.12)117 (22.62)
ईंधन और विनिर्मित उत्पाद318 (63.75)555 (64.97)564 (64.23)

18. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) की गणना में विनिर्मित उत्पाद का महत्व (प्रतिशत में) कितना है? [Chhatisgarh P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (b) 64.23%
Solution:- थोक मूल्य सूचकांक में परिवर्तन पर गठित हाशमी समिति ने सरकार को अपनी सिफारिशें नवंबर, 1999 में सौंपी। हाशमी समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए, सरकार ने 1 अप्रैल, 2000 से थोक मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष 1981-82 से परिवर्तित कर वर्ष 1993-94 कर दिया। वर्ष 1981-82 आधार वर्ष वाले WPI में बुनियादी वस्तुओं, ईंधन-विद्युत एवं स्नेहक तथा विनिर्मित वस्तुओं का भारांश क्रमशः 32.30%, 10.62% तथा 57.04% था जो वर्ष 1993-94 आधार वर्ष में परिवर्तित होकर बुनियादी वस्तुओं, ईंधन-विद्युत एवं स्नेहक तथा विनिर्मित वस्तुओं हेतु क्रमशः 22.02%, 14.23% तथा 63.75% हो गया। वर्ष 1993-94 आधार वर्ष वाले WPI में पूर्व में 447 मदों की अपेक्षा 435 मदों को ही शामिल किया गया था।

12 मई, 2017 को (अप्रैल, 2017 से प्रभावी) थोक मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष 2004-05 से बदल कर वर्ष 2011-12 कर दिया गया है। इसमें प्राथमिक वस्तुओं का भारांश 22.62%, ईंधन एवं विद्युत समूह का 13.15% तथा विनिर्मित उत्पादों का 64.23% है।

थोक मूल्य सूचकांक की तुलनात्मक स्थिति

मदों की संख्या /भारांश (%)

वस्तुएंआधार वर्ष 1993-94 (साप्ताहिक आधार पर)आधार वर्ष 2004-05 (मासिक आधार पर)आधार वर्ष 2011-12 (मासिक आधार पर)
सभी वस्तुएं435 (100.00)676 (100.00)697 (100.00)
प्राथमिक (बुनियादी) वस्तुएं98 (22.02)102 (20.12)117 (22.62)
ईंधन और विनिर्मित उत्पाद318 (63.75)555 (64.97)564 (64.23)

19. थोक मूल्य सूचकांक के मापन में निम्न में से किस एक क्षेत्र को सबसे अधिक भार (Weightage) दिया जाता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (d) विनिर्मित उत्पाद
Solution:- थोक मूल्य सूचकांक में परिवर्तन पर गठित हाशमी समिति ने सरकार को अपनी सिफारिशें नवंबर, 1999 में सौंपी। हाशमी समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए, सरकार ने 1 अप्रैल, 2000 से थोक मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष 1981-82 से परिवर्तित कर वर्ष 1993-94 कर दिया। वर्ष 1981-82 आधार वर्ष वाले WPI में बुनियादी वस्तुओं, ईंधन-विद्युत एवं स्नेहक तथा विनिर्मित वस्तुओं का भारांश क्रमशः 32.30%, 10.62% तथा 57.04% था जो वर्ष 1993-94 आधार वर्ष में परिवर्तित होकर बुनियादी वस्तुओं, ईंधन-विद्युत एवं स्नेहक तथा विनिर्मित वस्तुओं हेतु क्रमशः 22.02%, 14.23% तथा 63.75% हो गया। वर्ष 1993-94 आधार वर्ष वाले WPI में पूर्व में 447 मदों की अपेक्षा 435 मदों को ही शामिल किया गया था।

12 मई, 2017 को (अप्रैल, 2017 से प्रभावी) थोक मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष 2004-05 से बदल कर वर्ष 2011-12 कर दिया गया है। इसमें प्राथमिक वस्तुओं का भारांश 22.62%, ईंधन एवं विद्युत समूह का 13.15% तथा विनिर्मित उत्पादों का 64.23% है।

थोक मूल्य सूचकांक की तुलनात्मक स्थिति

मदों की संख्या /भारांश (%)

वस्तुएंआधार वर्ष 1993-94 (साप्ताहिक आधार पर)आधार वर्ष 2004-05 (मासिक आधार पर)आधार वर्ष 2011-12 (मासिक आधार पर)
सभी वस्तुएं435 (100.00)676 (100.00)697 (100.00)
प्राथमिक (बुनियादी) वस्तुएं98 (22.02)102 (20.12)117 (22.62)
ईंधन और विनिर्मित उत्पाद318 (63.75)555 (64.97)564 (64.23)

20. नई डब्ल्यू. पी.आई. श्रृंखला का प्रारंभ हुआ- [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (d) 14 सितंबर, 2010 को
Solution:प्रश्नकाल में नई थोक मूल्य सूचकांक (W.P.I.) श्रृंखला का प्रारंभ 14 सितंबर, 2010 से हुआ था, जिसका आधार वर्ष, वर्ष 1993-94 के स्थान पर वर्ष 2004-05 रखा गया। 12 मई, 2017 को आधार वर्ष 2011-12 वाली नई डब्ल्यू.पी.आई. श्रृंखला (अप्रैल, 2017 से प्रभावी) लाई गई।