Solution:निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम' (DICGC) निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम, 1961 और निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम सामान्य नियमावली, 1961 के तहत नियंत्रित है, जिसे उक्त अधिनियम की धारा 50 की उपधारा (3) द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रयोग से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा तैयार किया गया है। निगम की प्राधिकृत पूंजी 50 करोड़ रुपये है, जो पूर्णतः भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी और अभिदत्त है। इसके निदेशक बोर्ड का अध्यक्ष भारतीय रिजर्व बैंक का उप-गवर्नर होता है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। प्रारंभ में निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम की धारा 16(1) के मूल प्रावधानों के अंतर्गत बीमा सुरक्षा प्रति जमाकर्ता उसके द्वारा बैंक की सभी शाखाओं में रखी गई जमाराशि को मिलाकर "समान अधिकार और क्षमता" में केवल 1500 रुपये तक सीमित रखी गई थी। तथापि यह अधिनियम निगम को यह अधिकार देता है कि वह केंद्र सरकार के पूर्वानुमोदन से इस सीमा को बढ़ाए।तद्नुसार, बीमा सीमा को समय-समय पर निम्नानुसार बढ़ाया गया-
1 जनवरी, 1968 से 5000 रुपये
1 अप्रैल, 1970 से 10000 रुपये
1 जनवरी, 1976 से 20000 रुपये
1 जुलाई, 1980 से 30000 रुपये
1 मई, 1993 से 100000 रुपये
4 फरवरी, 2020 और उससे आगे 500000 रुपये