मुद्रा एवं बैंकिंग (भाग – 5)(आर्थिक विकास)

Total Questions: 50

1. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2015]

1. बैंक-दर

2. खुली बाजार कार्रवाई (ओपेन मार्केट ऑपरेशन)

3. लोक ऋण (पब्लिक डेब्ट)

4. लोक राजस्व (पब्लिक रेवेन्यू)

उपर्युक्त में से कौन-सा/से मौद्रिक नीति का/के घटक है/हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2
Solution:बैंक दर और खुली बाजार कार्यवाही (Open market operations) मौद्रिक नीति के घटकों में शामिल हैं।

2. भारतीय रिजर्व बैंक के ओपेन मार्केट ऑपरेशन से आशय है- [U.P. Lower Sub. (Pre) 2008 U.P.P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (a) सिक्योरिटीज में व्यापार करना।
Solution:भारतीय रिजर्व बैंक, 'खुले बाजार की कार्यवाही' (Open market oper- ations) के तहत सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) एवं ट्रेजरी बिल का क्रय-विक्रय करता है। अर्थव्यवस्था से मुद्रा की अपेक्षित मात्रा निकालने के लिए प्रतिभूतियों का विक्रय, जबकि अर्थव्यवस्था में मुद्रा की अपेक्षित मात्रा डालने के लिए प्रतिभूतियों का क्रय किया जाता है।

3. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, 'खुला बाजार प्रचालन' किसे निर्दिष्ट करता है? [I.A.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (c) RBI द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय और विक्रय
Solution:भारतीय रिजर्व बैंक, 'खुले बाजार की कार्यवाही' (Open market oper- ations) के तहत सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) एवं ट्रेजरी बिल का क्रय-विक्रय करता है। अर्थव्यवस्था से मुद्रा की अपेक्षित मात्रा निकालने के लिए प्रतिभूतियों का विक्रय, जबकि अर्थव्यवस्था में मुद्रा की अपेक्षित मात्रा डालने के लिए प्रतिभूतियों का क्रय किया जाता है।

4. चर आरक्षण अनुपात और खुला बाजार कार्यवाही किसके साधन हैं? [I.A.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (b) मुद्रा नीति
Solution:चर आरक्षण अनुपात या परिवर्तनीय कोष अनुपात (Variable Reserve Ratio: VRR) जिसके द्वारा RBI बैंकों के पास रखे जाने वाले तरल कोष में परिवर्तन करती है तथा खुले बाजार की कार्यवाही जिसके द्वारा RBI प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय करती है। ये दोनों RBI की परिमाणात्मक साख नियंत्रण की विधियां हैं जो मौद्रिक नीति के अंतर्गत आती हैं।

5. भारतीय रिजर्व बैंक की निम्नलिखित में से किस एक गतिविधि को 'बंघ्यकरण' (स्टेरिलाइजेशन) के एक भाग के रूप में माना जाता है? [I.A.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (a) 'खुला बाजार कार्रवाई' का संचालन
Solution:दिए गए विकल्पों में से 'खुले बाजार कार्रवाई' ('Open Market Op- erations') के संचालन को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा अपनाए गए बंध्यकरण (sterilization) की गतिविधि का एक भाग माना जाता है। खुले बाजार की कार्रवाई (OMO) का प्रयोग भारतीय रिजवा बैंक द्वारा साख नियंत्रण के उपकरण (Instrument) के रूप में किया जाता है। इस गति विधि के तहत सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय तथा विक्रय किया जाता है। इस गतिविधि का मुख्य उद्देश्य होता है चलन में तरलता (मुद्रा) का डालना या निकालना। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जब प्रतिभूतियों को क्रय किया जाएगा तो चलन में मुद्रा की मात्रा बढ़ जाएगी तथा जब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रतिभूतियों का विक्रय किया जाएगा तो चलन में मुद्रा की कमी होगी। साख नियंत्रण के रूप में खुले बाजार की कार्रवाई (OMO) तरलता के समायोजन से संबंधित है।

6. नीचे दो कथन दिए गए हैं, जिनमें एक को अभिकथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) से चिह्नित किया गया है। [U.P.R.O/A.R.O. (Pre) (Re-Exam) 2016]

अभिकथन (A) : ऑपरेशन ट्विस्ट के अंतर्गत आर.बी.आई. एक ही समय में अल्पकालीन प्रतिभूतियों को बेचकर दीर्घकालीन प्रतिभूतियों को खरीदता है।

कारण (R) : इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य दीर्घकालीन निवेश को बढ़ाना है।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए।

Correct Answer: (a) दोनों (A) तथा (R) सत्य हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
Solution:जुलाई, 2020 में घरेलू मांग में तेजी लाने, निवेशकों को लुभाने तथा सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 'ऑपरेशन ट्विस्ट' (Operation Twist) शुरू किया। इसके तहत रिजर्व बैंक ने सरकार से 10 हजार करोड़ रुपये का दीर्घकालीन सरकारी बॉण्ड की खरीद की तथा उतनी ही रकम के अल्पकालीन ट्रेजरी बिलों की बिक्री की। इससे अर्थव्यवस्था में दीर्घकालीन निवेश को बढ़ावा मिला। वर्ष 2019 में रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 135 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की, लेकिन बैंकों ने इसका अत्यधिक लाभ लोगों तक नहीं पहुंचाया। यही कारण था कि भारतीय रिजर्व बैंक, 'ऑपरेशन ट्विस्ट' की मदद से आर्थिक सुस्ती दूर करने की कोशिश में लगा। 'ऑपरेशन ट्विस्ट' एक मौद्रिक नीति है, जिसे पहली बार अमेरिका फेडरल रिजर्व ने प्रयोग किया था।

7. निम्नलिखित उपायों में से किसके / किनके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति में वृद्धि होगी ? [I.A.S. (Pre) 2012]

1. केंद्रीय बैंक द्वारा लोगों से सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय

2. लोगों द्वारा वाणिज्यिक बैंकों में जमा की गई करेंसी

3. सरकार द्वारा केंद्रीय बैंक से लिया गया ऋण

4. केंद्रीय बैंक द्वारा लोगों को सरकारी प्रतिभूतियों का विक्रय

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए -

Correct Answer: (c) 1 और 3
Solution:अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आपूर्ति (Supply) बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा लोगों से सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय किया जाता है। मुद्रा की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा केंद्रीय बैंक से ऋण भी लिया जाता है। लोगों के द्वारा वाणिज्यिक बैंकों में जमा की गई करेंसी या केंद्रीय बैंक के द्वारा लोगों को सरकारी प्रतिभूतियों के विक्रय, से अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आपूर्ति में कमी होगी।

8. निम्नलिखित उपायों पर विचार करें, जिन्हें आर.बी.आई. अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग में लाता है। [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) (Re-Exam) 2016]

1. बैंक दर में वृद्धि

2. नकद आरक्षित अनुपात में वृद्धि

3. सांविधानिक तरलता अनुपात में वृद्धि

4. सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय

नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए।

Correct Answer: (b) केवल 1, 2 और 3
Solution:अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने हेतु भारतीय रिजर्व बैंक (R.B.I.) 'मौद्रिक नीति' का सहारा लेता है। मौद्रिक नीति के तहत वह बैंक दर में वृद्धि, रिजर्व अनुपात में वृद्धि तथा खुले बाजार में प्रतिभूतियों का विक्रय करता है। साथ ही अनेक चयनात्मक साख नियंत्रण के उपाय भी अपनाता है।
मौद्रिक नीति के उपकरण या साख नियंत्रण के साधन
परिमाणात्मक साखचयनात्मकता/गुणात्मक
नियंत्रणसाख नियंत्रण
बैंक दरन्यूनतम सीमा या मार्जिन निर्धारण
सीमांत स्थायी सुविधा दर  नैतिक दबाव
खुले बाजार की क्रियाएं  साख की राशनिंग
तरलता समायोजन सुविधा (रेपो, स्थायी जमा सुविधा तथा रिवर्स रेपो) उपभोक्ता उधार का नियमन
परिवर्तनीय कोष अनुपात (CRR तथा SLR)साख स्वीकृतिकरण योजना

9. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2022]

1. यदि मुद्रास्फीति अत्यधिक है, तो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) संभावित रूप से सरकारी प्रतिभूतियां खरीद सकता है।

2. यदि रुपये का तेजी से मूल्यह्रास हो रहा है, तो RBI बाज़ार में डॉलरों का संभावित रूप से विक्रय कर सकता है।

3. यदि USA या यूरोपीय संघ में ब्याज दरें गिरती होतीं, तो इससे संभावित रूप से RBI की डॉलरों की खरीद प्रेरित हो सकती है।

उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं?

Correct Answer: (b) केवल 2 और 3
Solution:मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए RBI द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों की खरीदी या बिक्री की जाती है। यदि मुद्रास्फीति अत्यधिक है, तो RBI सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री कर सकता है ताकि बाजार में मौजूद अतिरिक्त मुद्रा या तरलता को सोखा (absorb) जा सके। अतः कथन (1) गलत है।

भारत में प्रबंधित फ्लोटिंग विनिमय दर (Managed floating ex- change rate) प्रणाली है, जिसके अंतर्गत विदेशी मुद्रा का मूल्य मांग और पूर्ति द्वारा निर्धारित होता है। परंतु रुपये के मूल्य में अत्यधिक उच्चावचन की स्थिति में RBI हस्तक्षेप करता है। यदि रुपये का तेजी से मूल्यह्रास हो रहा है, तो RBI बाजार में डॉलर का विक्रय कर सकता है ताकि डॉलर की पूर्ति बढ़ाई जा सके। जिससे रुपये के मूल्य में स्थिरता प्राप्त हो सके। अतः कथन (2) सही है।

यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्याज दर घटती है, तो विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा भारत में निवेश बढ़ेगा। फलतः रुपये की मांग बढ़ जाएगी। RBI रुपये का मूल्य स्थिर रखने के लिए डॉलर की खरीद करेगा जिससे रुपये की पूर्ति बढ़ाई जा सके। अतः कथन (3) सही है।

10. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से 'सांविधिक आरक्षित आवश्यकताओं' का/के उद्देश्य है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2014]

1. केंद्रीय बैंक को, बैंकों द्वारा निर्मित की जा सकने वाली अग्रिम राशियों पर नियंत्रण रखने की सक्षमता प्रदान करना

2. बैंकों में जनता की जमा राशियों को सुरक्षित व तरल रखना

3. व्यावसायिक बैंकों को अत्यधिक लाभ कमाने से रोकना

4. बैंकों को दिन-प्रतिदिन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोष्ठ नकदी (वॉल्ट कैश) रखने को बाध्य करना

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (a) केवल 1
Solution:सांविधिक आरक्षित आवश्यकता (SRR - Statutory Reserve Requirements) मौद्रिक नीति का एक उपकरण है। इसके तहत वाणिज्यिक बैंकों को अपनी जमाओं का एक निश्चित प्रतिशत तरल रूप में रखना होता है। अतः सांविधिक आरक्षित आवश्यकता का उद्देश्य केंद्रीय बैंक को, बैंकों द्वारा निर्मित की जा सकने वाली अग्रिम राशियों पर नियंत्रण रखने की सक्षमता प्रदान करना है, जबकि वॉल्ट कैश रखने, व्यावसायिक बैंकों के लाभ पर नियंत्रण तथा बैंकों में जमा राशियों को सुरक्षित व तरल रखना इसके उद्देश्यों में शामिल नहीं है। नवीनतम नीतिगत दरें 5 अप्रैल, 2024 तक की स्थिति के अनुसार

बैंक दर                           -        6.75%

एमएसएफ दर                 -       6.75%

रेपो दर                           -        6.50%

स्थायी जमा सुविधा दर    -       6.25%

स्थिर रिवर्स रेपो दर         -       3.35%

सीआरआर                     -        4.50%

एसएलआर                    -        18.0%