मुद्रा एवं बैंकिंग (भाग – 5)(आर्थिक विकास)

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31. ब्याज की वह दर जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पावधि कोष उधार देता है,________कहलाती है- [U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]

Correct Answer: (a) रेपो दर
Solution:ब्याज की वह दर जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक उधार देता है, 'रेपो दर' कहलाती है।

32. वह दर जिस पर बैंक रिजर्व बैंक को उधार देते हैं,_________जानी जाती है- [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]

Correct Answer: (c) रिवर्स रेपो दर
Solution:रिवर्स रेपो दर, रेपो दर के विपरीत है। इस दर पर आरबीआई विभिन्न बैंकों से अल्पकालिक अवधि के लिए उधार लेता है। आरबीआई अपने सरकारी बॉण्ड्स विभिन्न बैंकों को बेचता है और भविष्य में उन्हें वापस खरीदने का वादा करता है।

33. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए [I.A.S. (Pre) 2007]

1. रेपो दर ऐसी दर है जिस पर अन्य बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से धनराशि उधार लेते हैं।

2. किसी देश के गिनी गुणांक के 1 के मान का अभिप्राय है कि उस देश की जनता में प्रत्येक की आय पूर्णतः समान है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (a) केवल 1
Solution:'रेपो दर' (Repo Rate) वह दर है, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को अल्पकालिक उधार देता है। यह भी कह सकते हैं कि रेपो दर वह दर है, जिस पर अन्य बैंक रिजर्व बैंक से अल्पकालीन उधार लेते हैं। अतः कथन 1 सही है। गिनी गुणांक आय वितरण में असमानता का मापक होता है। इसे 0 से 1 के बीच के मूल्य अनुपात से परिभाषित किया जाता है। 0 मूल्य का अर्थ होता है पूर्ण आय समानता अर्थात सभी की आय समान है, जबकि 1 मूल्य का अर्थ है पूर्ण आय असमानता अर्थात संपूर्ण आय किसी एक के पास है और अन्य सभी के पास शून्य आय है। स्पष्ट है कि दूसरा कथन असत्य है।

34. निम्न कथनों पर विचार कीजिए- [56th to 59th B. P. S.C. (Pre) 2015]

1. बैंक दर वह ब्याज दर है, जो भारतीय रिजर्व बैंक अपने ग्राहकों से उनके अल्पकालिक उधार पर लेता है। से उनके दीर्घकालिक उधार पर लेता है।

2. रेपो दर वह ब्याज दर है, जो भारतीय रिजर्व बैंक अपने ग्राहकों

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से गलत है/हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:बैंक दर (Bank Rate) वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों के बिलों की पुनर्कटौती करता है। व्यावहारिक अर्थों में वाणिज्यिक बैंकों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक से जिस ब्याज पर दीर्घकालीन ऋण प्राप्त किया जाता है, उसे बैंक दर कहा जाता है। बैंक दर RBI की मौद्रिक नीति का एक महत्वपूर्ण भाग है। 'रेपो रेट' (Repo Rate) पर भारतीय रिजर्व बैंक, व्यापारिक बैंकों को अल्पकालीन ऋण प्रदान करता है। अतः कथन 1 एवं 2 दोनों गलत हैं।

35. उपभोक्ता कीमत सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर बढ़ती है, यदि- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) वैधानिक तरलता अनुपात बढ़ा दिया जाता है।
Solution:उपभोक्ता कीमत सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति में मांग पक्ष महत्वपूर्ण होता है। मौद्रिक नीति के प्रश्नगत चारों उपकरणों के साथ मुद्रास्फीति का व्युत्क्रमानुपाती संबंध होता है। अतः रेपो दर तथा वैधानिक तरलता अनुपात में वृद्धि होना मुद्रास्फीति में कमी लाएगा, जबकि रिवर्स रेपो दर एवं बैंक दर में कमी मुद्रास्फीति की दर को बढ़ाएगी। अतः विकल्प (a) एवं विकल्प (c) दोनों सही उत्तर होंगे। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा विकल्प (d) को सही माना गया था, जो सामान्य संदर्भों में सही नहीं है, क्योंकि इससे मुद्रा आपूर्ति में कमी आती है।

36. बैंक दर में वृद्धि सामान्यतः इस बात का संकेत है कि- [I.A.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (d) केंद्रीय बैंक महंगी मुद्रा नीति का अनुसरण कर रहा है
Solution:जब अर्थव्यवस्था में साख की मात्रा घटाने की जरूरत होती है, तो केंद्रीय बैंक, बैंक दर में वृद्धि कर देता है जिससे बैंक, उपभोक्ताओं को उधार देने की दरें बढ़ा देते हैं। महंगे मुद्रा नीति के कारण बाजार में ब्याज की दर बढ़ जाती है, जिससे नए कर्जों के लिए उपभोक्ताओं का उत्साह भंग हो जाता है, परिणामस्वरूप साख की मात्रा घट जाती है और कीमतों की वृद्धि रुक जाती है, इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि केंद्रीय बैंक महंगी मुद्रा नीति का अनुसरण कर रहा है।

37. भारतीय रिजर्व बैंक के बैंक दर कम करने के फलस्वरूप - [I.A.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (a) बाजार की तरलता बढ़ जाती है।
Solution:बैंक दर (Bank Rate) वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वाणिज्यिक बैंकों की प्रतिभूतियों की पुनर्कटौती करता है। सामान्य अर्थ में यह वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण प्रदान करता है। यदि रिजर्व बैंक, बैंक दर को कम कर देता है, तो इससे वाणिज्यिक बैंकों को अपनी प्रतिभूतियों पर पहले की तुलना में कम बट्टा देना पड़ेगा अर्थात उनके पास निधियों की उपलब्धता बढ़ जाएगी एवं उसकी लागत कम हो जाएगी। इस प्रकार बैंक दर के कम होने पर साख सृजन अधिक होगा, अतः बाजार की तरलता बढ़ जाएगी।

38. बैंक दर ब्याज की वह दर है जिस पर - [I.A.S. (Pre) 1995 U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (d) भारतीय रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों के बिलों की पुनर्कटौती करता है।
Solution:बैंक दर (Bank Rate) वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वाणिज्यिक बैंकों की प्रतिभूतियों की पुनर्कटौती करता है। सामान्य अर्थ में यह वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण प्रदान करता है। यदि रिजर्व बैंक, बैंक दर को कम कर देता है, तो इससे वाणिज्यिक बैंकों को अपनी प्रतिभूतियों पर पहले की तुलना में कम बट्टा देना पड़ेगा अर्थात उनके पास निधियों की उपलब्धता बढ़ जाएगी एवं उसकी लागत कम हो जाएगी। इस प्रकार बैंक दर के कम होने पर साख सृजन अधिक होगा, अतः बाजार की तरलता बढ़ जाएगी।

39. बैंक दर का आशय है- [B.P.S.C. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) केंद्रीय बैंक द्वारा ली जाने वाली आधिकारिक ब्याज दर
Solution:बैंक दर (Bank Rate) वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वाणिज्यिक बैंकों की प्रतिभूतियों की पुनर्कटौती करता है। सामान्य अर्थ में यह वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण प्रदान करता है। यदि रिजर्व बैंक, बैंक दर को कम कर देता है, तो इससे वाणिज्यिक बैंकों को अपनी प्रतिभूतियों पर पहले की तुलना में कम बट्टा देना पड़ेगा अर्थात उनके पास निधियों की उपलब्धता बढ़ जाएगी एवं उसकी लागत कम हो जाएगी। इस प्रकार बैंक दर के कम होने पर साख सृजन अधिक होगा, अतः बाजार की तरलता बढ़ जाएगी।

40. बैंक दर से अभिप्राय उस ब्याज दर से है जो - [M.P.P.C.S. (Pre) 1993 U.P.P.C.S. (Pre) 2009 U.P.P.C.S (Mains) 2011]

Correct Answer: (d) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा व्यापारिक बैंकों को दिए जाने वाले ऋणों पर ली जाती है।
Solution:बैंक दर (Bank Rate) वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वाणिज्यिक बैंकों की प्रतिभूतियों की पुनर्कटौती करता है। सामान्य अर्थ में यह वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण प्रदान करता है। यदि रिजर्व बैंक, बैंक दर को कम कर देता है, तो इससे वाणिज्यिक बैंकों को अपनी प्रतिभूतियों पर पहले की तुलना में कम बट्टा देना पड़ेगा अर्थात उनके पास निधियों की उपलब्धता बढ़ जाएगी एवं उसकी लागत कम हो जाएगी। इस प्रकार बैंक दर के कम होने पर साख सृजन अधिक होगा, अतः बाजार की तरलता बढ़ जाएगी।