Solution:भारत में 'ग्रामीण सहकारी क्रेडिट प्रणाली' की प्रमुख भूमिका कृषि क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराना है। इस प्रणाली में अल्पावधि और दीर्घावधि क्रेडिट संरचनाएं शामिल हैं। अल्पावधि सहकारी क्रेडिट संरचना 3-टियर प्रणाली के रूप में कार्य करती है जैसे ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटी (PACS), जिला स्तर पर केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCB) तथा राज्य स्तर पर राज्य सहकारी बैंक (SCB)। प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटी बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के दायरे से बाहर है, इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक इसका विनियमन नहीं करता है। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक संबंधित राज्य के राज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम के उपबंधों के तहत पंजीकृत किए गए हैं तथा रिजर्व बैंक द्वारा इनका विनियमन किया जाता है। बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 35क के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) को राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों के निरीक्षण करने के लिए शक्तियां प्रदान की गई हैं।प्राथमिक सहकारी बैंक, जो शहरी सहकारी बैंकों के नाम से भी जाने जाते हैं, शहरी और नगरी क्षेत्रों के ग्राहकों की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। शहरी सहकारी बैंकों को या तो संबंधित राज्य के राज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम के तहत पंजीकृत किए जाते हैं। या बहु राज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के अंतर्गत पंजीकृत होते हैं, जब बैंक एक से अधिक राज्य में परिचालनरत हो। विविधता स्वरूप होने के कारण इस क्षेत्र के बैंकों का विषमतापूर्ण भौगोलिक फैलाव है। यद्यपि इनमें कई बैंक किसी शाखा नेटवर्क के बिना इकाई बैंक के रूप में कार्य करते हैं, फिर भी, कुछ बैंकों के आकार बड़े हैं तथा वे एक से अधिक राज्य में स्थित हैं।
यद्यपि बैंककारी विनिमय अधिनियम वर्ष 1949 में लागू किया है, तथापि बैंककारी विनियमन अधिनियम में संशोधन करते हुए बैंकिंग विधि को सहकारी समितियों पर वर्ष 1966 से लागू किया गया। उस दिन से इन बैंकों पर दुहरा नियंत्रण का प्रभाव है, जैसे बैंकिंग से संबंधित कार्य रिजर्व बैंक विनियमन करता है तथा प्रबंधन के कार्य संबंधित राज्य के राज्य सरकार/केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित करती है।
राज्य सहकारी बैंक/जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक / शहरी सहकारी बैंकों के बैंकिंग कार्य का विनियमन रिजर्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 22 व 23 के उपबंधों के अंतर्गत करता है। रिजर्व बैंक के अनुमोदन से शहरी सहकारी बैंक इक्विटी शेयर तथा अधिमान शेयर जारी कर सकते हैं। अतः कथन (2) एवं (3) सही है, जबकि कथन (1) गलत है।