मुद्रा एवं बैंकिंग (भाग – 7)(आर्थिक विकास)

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31. भूमि विकास बैंक का कौन-सा कार्य सत्य है? [U.P.P.C.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (a) दीर्घकालीन ऋण कृषकों को उपलब्ध कराना
Solution:भूमि विकास बैंक किसानों को कृषि में स्थायी सुधार हेतु ऋण प्रदान करता है तथा इस हेतु भूमि विकास बैंक द्वारा प्रदान किया जाने वाला ऋण दीर्घावधिक प्रकृति (Long term) का होता है।

32. निम्न में से कौन-सा बैंक कृषि हेतु दीर्घकालीन ऋण देता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (d) भूमि विकास बैंक
Solution:भूमि विकास बैंक किसानों को कृषि में स्थायी सुधार हेतु ऋण प्रदान करता है तथा इस हेतु भूमि विकास बैंक द्वारा प्रदान किया जाने वाला ऋण दीर्घावधिक प्रकृति (Long term) का होता है।

33. भूमि विकास बैंक भाग है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (d) सहकारी साख संरचना का
Solution:5 भूमि विकास बैंक सहकारी साख संरचना का एक भाग है। सहकारी साख संरचना के अंतर्गत राज्य सहकारी बैंक, सहकारी भूमि विकास बैंक तथा प्राथमिक कृषि ऋण समितियां शामिल हैं।

34. केंद्रीय सहकारी बैंकों का कार्यक्षेत्र है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2004]

Correct Answer: (a) जनपद स्तर पर
Solution:भारत में सहकारी बैंकों का ढांचा त्रि-स्तरीय (Three Tier) है। प्रथम स्तर पर राज्य के राज्य सहकारी बैंक होते हैं। द्वितीय स्तर पर केंद्रीय सहकारी बैंक होते हैं जो जनपद स्तर पर कार्य करते हैं, इसीलिए इन्हें जिला सहकारी बैंक भी कहा जाता है। तृतीय स्तर पर ग्रामीण ऋण समितियां या प्राथमिक ऋण समितियां होती हैं, जो ग्राम स्तर पर कार्य करती हैं।

35. सहकारी साख समितियों का ढांचा है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (c) त्रि-स्तरीय
Solution:भारत में सहकारी बैंकों का ढांचा त्रि-स्तरीय (Three Tier) है। प्रथम स्तर पर राज्य के राज्य सहकारी बैंक होते हैं। द्वितीय स्तर पर केंद्रीय सहकारी बैंक होते हैं जो जनपद स्तर पर कार्य करते हैं, इसीलिए इन्हें जिला सहकारी बैंक भी कहा जाता है। तृतीय स्तर पर ग्रामीण ऋण समितियां या प्राथमिक ऋण समितियां होती हैं, जो ग्राम स्तर पर कार्य करती हैं।

36. निम्न में से कौन जनपद स्तर पर कार्यरत है? [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]

Correct Answer: (b) केंद्रीय सहकारी बैंक
Solution:भारत में सहकारी बैंकों का ढांचा त्रि-स्तरीय (Three Tier) है। प्रथम स्तर पर राज्य के राज्य सहकारी बैंक होते हैं। द्वितीय स्तर पर केंद्रीय सहकारी बैंक होते हैं जो जनपद स्तर पर कार्य करते हैं, इसीलिए इन्हें जिला सहकारी बैंक भी कहा जाता है। तृतीय स्तर पर ग्रामीण ऋण समितियां या प्राथमिक ऋण समितियां होती हैं, जो ग्राम स्तर पर कार्य करती हैं।

37. भारत में 'शहरी सहकारी बैंकों' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2021]

1. राज्य सरकारों द्वारा स्थापित स्थानीय मंडलों द्वारा उनका पर्यवेक्षण एवं विनियमन किया जाता है।

2. वे इक्विटी शेयर और अधिमान शेयर जारी कर सकते हैं।

3. उन्हें वर्ष 1966 में एक संशोधन के द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के कार्य-क्षेत्र में लाया गया था।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/ हैं?

Correct Answer: (b) केवल 2 और 3
Solution:भारत में 'ग्रामीण सहकारी क्रेडिट प्रणाली' की प्रमुख भूमिका कृषि क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराना है। इस प्रणाली में अल्पावधि और दीर्घावधि क्रेडिट संरचनाएं शामिल हैं। अल्पावधि सहकारी क्रेडिट संरचना 3-टियर प्रणाली के रूप में कार्य करती है जैसे ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटी (PACS), जिला स्तर पर केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCB) तथा राज्य स्तर पर राज्य सहकारी बैंक (SCB)। प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटी बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के दायरे से बाहर है, इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक इसका विनियमन नहीं करता है। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक संबंधित राज्य के राज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम के उपबंधों के तहत पंजीकृत किए गए हैं तथा रिजर्व बैंक द्वारा इनका विनियमन किया जाता है। बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 35क के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) को राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों के निरीक्षण करने के लिए शक्तियां प्रदान की गई हैं।

प्राथमिक सहकारी बैंक, जो शहरी सहकारी बैंकों के नाम से भी जाने जाते हैं, शहरी और नगरी क्षेत्रों के ग्राहकों की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। शहरी सहकारी बैंकों को या तो संबंधित राज्य के राज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम के तहत पंजीकृत किए जाते हैं। या बहु राज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के अंतर्गत पंजीकृत होते हैं, जब बैंक एक से अधिक राज्य में परिचालनरत हो। विविधता स्वरूप होने के कारण इस क्षेत्र के बैंकों का विषमतापूर्ण भौगोलिक फैलाव है। यद्यपि इनमें कई बैंक किसी शाखा नेटवर्क के बिना इकाई बैंक के रूप में कार्य करते हैं, फिर भी, कुछ बैंकों के आकार बड़े हैं तथा वे एक से अधिक राज्य में स्थित हैं।

यद्यपि बैंककारी विनिमय अधिनियम वर्ष 1949 में लागू किया है, तथापि बैंककारी विनियमन अधिनियम में संशोधन करते हुए बैंकिंग विधि को सहकारी समितियों पर वर्ष 1966 से लागू किया गया। उस दिन से इन बैंकों पर दुहरा नियंत्रण का प्रभाव है, जैसे बैंकिंग से संबंधित कार्य रिजर्व बैंक विनियमन करता है तथा प्रबंधन के कार्य संबंधित राज्य के राज्य सरकार/केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित करती है।

राज्य सहकारी बैंक/जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक / शहरी सहकारी बैंकों के बैंकिंग कार्य का विनियमन रिजर्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 22 व 23 के उपबंधों के अंतर्गत करता है। रिजर्व बैंक के अनुमोदन से शहरी सहकारी बैंक इक्विटी शेयर तथा अधिमान शेयर जारी कर सकते हैं। अतः कथन (2) एवं (3) सही है, जबकि कथन (1) गलत है।

38. मार्च, 2012 में भारत में शहरी सहकारी बैंकों की संख्या कितनी थी? [U.P.P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (c) 1645
Solution:शहरी सहकारी बैंक क्षेत्र वर्ष 2005 के बाद से मजबूती से उभरा, जब रिजर्व बैंक ने इस क्षेत्र के पुनरुद्धार के लिए एक विजन दस्तावेज की कल्पना की। इस दस्तावेज के माध्यम से, रिजर्व बैंक ने व्यवहार्य शहरी सहकारी बैंकों के विलय / समामेलन (Merger/Amalgamation) और अलाभकारी शहरी सहकारी बैंकों की निकासी के उद्देश्य से एक बहुपरतीय विनियामक और पर्यवेक्षी दृष्टिकोण निर्धारित किया। समेकन (Consolidation) की इस प्रक्रिया के कारण शहरी सहकारी बैंकों की संख्या में निरंतर कमी आई। इस प्रवृत्ति के जारी रहने के कारण मार्चात, 2012 में शहरी सहकारी बैंकों (UCB) की कुल संख्या मार्चात, 2011 के 1,645 की तुलना में 1,618 ही रह गई। अतः दिए गए विकल्पों में से कोई भी विकल्प प्रश्न के सही उत्तर से मेल नहीं खाता है। यदि प्रश्न में मार्च, 2012 के स्थान पर मार्च, 2011 होता, तो सही उत्तर विकल्प (c) था। R.B.I. द्वारा जारी दिसंबर, 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार भारत में शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) की संख्या 1483 है, जिसमें 49 अनुसूचित और 1434 गैर-अनुसूचित हैं।

39. उपभोक्ता सहकारी भंडार स्थापित किए जाते हैं- [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2016]

Correct Answer: (a) सदस्यों द्वारा
Solution:उपभोक्ता सहकारी भंडार सदस्यों द्वारा स्थापित किए जाते हैं, जबकि इनका पंजीकरण सहकारी समितियों के निबंधक के द्वारा होता है।

40. निम्नलिखित में से कौन-सा प्रत्यक्ष वित्त का स्रोत नहीं है? [65th B.P.S.C. (Pre.), 2019]

Correct Answer: (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
Solution:विकल्पगत सभी संस्थाएं प्रत्यक्ष वित्त के स्रोत हैं। हालांकि नाबार्ड द्वारा नागरिकों को कोई प्रत्यक्ष वित्त नहीं उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन फूड पार्क, सहकारी बैंकों आदि को प्रत्यक्ष वित्त उपलब्ध कराया जाता है। अन्य संस्थाएं नागरिकों से लेकर छोटे, लघु तथा बड़े उद्यमों को भी प्रत्यक्ष वित्त उपलब्ध कराती हैं।