Solution:स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), आपस में अपनापन रखने वाले एक जैसे सूक्ष्म उद्यमियों का ऐसा समूह है, जो अपनी आय से सुविधाजनक तरीके से बचत करने और उसको समूह के सम्मिलित फंड में शामिल करने और उसे समूह के सदस्यों को उनकी उत्पादक और उपभोग जरूरतों के लिए समूह द्वारा तय ब्याज, अवधि और अन्य शर्तों पर दिए जाने के लिए आपस में सहमत होते हैं। स्वयं सहायता समूह के निम्नलिखित उद्देश्य होते हैं-औपचारिक प्रणाली की तकनीकी और प्रशासनिक क्षमता और वित्तीय संसाधनों के साथ अनौपचारिक ऋण प्रणाली के अनुरूप लचीली, संवेदी और समयानुकूल निर्धनों की क्रेडिट आवश्यकताओं को पूरा करना,
• बैंकरों और ग्रामीण जनता के बीच आपसी विश्वास का वातावरण बनाना,
• वित्तीय संस्थाएं समाज के जिन वर्गों तक नहीं पहुंच पाती हैं समाज के उन वर्गों में बचत की आदत और ऋण की सुविधा के प्रयोग को प्रोत्साहित करना।
प्रश्नगत कथनों में कथन 1 असत्य है, क्योंकि स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम मूलतः भारतीय स्टेट बैंक द्वारा नहीं बल्कि नाबार्ड (NAB- ARD) द्वारा वित्तीय रूप से वंचितों को लघु ऋण प्रदान करने के लिए प्रारंभ किया गया था। कथन 2 सत्य है, क्योंकि किसी स्वयं सहायता समूह के सभी सदस्य उस ऋण के लिए उत्तरदायी होते हैं, जो ऋण कोई अकेला सदस्य लेता है। कथन 3 भी सत्य है, क्योंकि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक ये दोनों ही स्वयं सहायता समूह के वित्तीयन हेतु मुख्य स्रोत हैं।