मुद्रा एवं बैंकिंग (भाग-8)(आर्थिक विकास)

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51. उपभोक्ता अपने हिसाब से कीमत तय करते हैं, जिसे व्यवसाय स्वीकार या अस्वीकार करता है, उस मॉडल को कहा जाता है। [M.P.P.C.S. (Pre), 2021]

Correct Answer: (c) C2B
Solution:बिजनेस मॉडल लक्षित ग्राहक (या खरीददार), उपलब्ध संसाधनों और विक्रेताओं तथा ग्राहक दोनों की क्षमताओं के आधार पर भिन्न होते हैं- B2B या बिजनेस-टू-बिजनेस मॉडल में दो व्यावसायिक संस्थाओं के बीच व्यापार किया जाता है। जैसे एक थोक व्यापारी और खुदरा विक्रेता । B2C मॉडल मुख्य रूप से उन व्यावसायिक संस्थाओं (खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और निर्माताओं) से संबंधित है, जो अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं को बेचना चाहते हैं।

जैसे- लक्मे इंडिया (Lakme India) एक उत्पाद आधारित B2C FMCG कंपनी है।

C2B मॉडल में व्यक्ति (ग्राहक) अपने उत्पाद या सेवाओं को किसी व्यवसायी को बेचते हैं। इसमें उपभोक्ता अपने हिसाब से कीमत तय करते हैं, जिसे व्यवसाय स्वीकार या अस्वीकार करता है।

52. सब्जी वाली फसलों के लिए कैसा बाजार उपयुक्त होता है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]

Correct Answer: (b) अति अल्पकालीन
Solution:समय के दृष्टिकोण से बाजार निम्न प्रकार के हो सकते हैं-

(a) दैनिक अथवा अति अल्पकालीन बाजार - यह वह बाजार होता है जिसमें विक्रेता को वस्तु की पूर्ति बढ़ाने का समय नहीं मिल पाता। अतः इस प्रकार के बाजार में मूल्य केवल मांग से प्रभावित होता है। सामान्यतया नष्ट होने वाली वस्तुओं; जैसे-साग-सब्जी, मछली आदि का बाजार अति अल्पकालीन होता है।

(b) अल्पकालीन बाजार-ये ऐसे बाजार होते हैं जिनमें दैनिक बाजार की अपेक्षा वस्तु की पूर्ति में वृद्धि कुछ सीमा तक ही की जा सकती है।

(c) दीर्घकालीन बाजार-इसमें मांग के घटने पर उत्पादक वस्तु की पूर्ति कम और मांग बढ़ने पर पूर्ति बढ़ा सकता है।

(d) अति दीर्घकालीन बाजार-इसमें उत्पादक उपभोक्ता के स्वभाव, रुचि और फैशन के अनुसार वस्तु बना सकता है।

53. पूर्तिपक्ष अर्थशास्त्र अधिक जोर देता है- [I.A.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (a) उत्पादक के दृष्टिकोण पर
Solution:पूर्तिपक्ष अर्थशास्त्र से तात्पर्य वस्तुओं की आपूर्ति (उत्पादन) करने वालों अर्थात उत्पादकों के आर्थिक दृष्टिकोण के अध्ययन से है।

54. जब कुल उत्पाद स्थिर होता है, तो सीमांत उत्पादन क्या होगा ? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]

Correct Answer: (a) शून्य
Solution:जब कुल उत्पाद स्थिर होता है, तो सीमांत उत्पादन शून्य होता है। ऐसी अवस्था में कुल उत्पाद अपने उच्चतम स्तर पर भी पहुंच जाता है।

55. एक उपभोक्ता साम्यावस्था में कहा जाएगा, यदि- [I.A.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (a) वह आय के एक निश्चित स्तर पर अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो
Solution:उपभोक्ता के साम्यावस्था के लिए आवश्यक शर्त यह होती है कि एक निश्चित आय स्तर पर उसे अधिकतम संतुष्टि का स्तर प्राप्त हो। इस दृष्टि से कहा जा सकता है, कि उपभोक्ता साम्यावस्था में तब कहा जाएगा जब वह आय के एक निश्चित स्तर पर अपनी आवश्यकताओं (मांग) को पूरा करने में सक्षम हो।

56. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2021]

अन्य बातें अपरिवर्तित रहने पर भी किसी वस्तु के लिए बाजार मांग बढ़ सकती है, यदि

1. इसकी स्थानापन्न वस्तु की कीमत में वृद्धि हो

2. इसकी पूरक वस्तु की कीमत में वृद्धि हो

3. वस्तु घटिया किस्म की है और उपभोक्ताओं की आय में वृद्धि होती है

4. इसकी कीमत घटती है

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

Correct Answer: (a) केवल 1 और 4
Solution:मांग के नियम के अनुसार, अन्य बातें समान रहने पर, किसी वस्तु की कीमत और उसकी मांग के बीच व्युत्क्रम संबंध होता है।

यदि किसी वस्तु की कीमत गिरती है तो उसकी बाजार में मांग बढ़ सकती है, क्योंकि किसी वस्तु की कीमत और उसकी मांग की मात्रा के बीच व्युत्क्रम संबंध होता है। अतः कथन 4 सही है।

घटिया वस्तु के मामले में, आय में वृद्धि से वस्तु की मांग की मात्रा में गिरावट आती है। अतः कथन 3 गलत है।

स्थानापन्न वस्तुएं वे वस्तुएं हैं जिनका उपयोग एक-दूसरे के स्थान पर समान रूप से आसानी से किया जा सकता है। किसी वस्तु की मांग का उसकी स्थानापन्न वस्तु की कीमत से सीधा संबंध होता है।

इसलिए, एक वस्तु की मांग बढ़ सकती है यदि उसके स्थानापन्न की कीमत बढ़ जाती है। अतः कथन 1 सही है।

पूरक वस्तुएं वे वस्तुएं हैं जिनकी उपयोगिता दोनों वस्तुओं की एक साथ उपलब्धता पर निर्भर करती है। किसी वस्तु की मांग का उसकी पूरक वस्तुओं की कीमत के साथ विपरीत संबंध होता है। पूरक वस्तु की कीमत कम होने पर वस्तु की मांग में वृद्धि होगी। अतः कथन 2 गलत है।

57. स्थिर मांग के साथ आपूर्ति में वृद्धि से पदार्थों की कीमत की संभावना सामान्यतः होगी- [U.P. P.C.S (Mains) 2016]

Correct Answer: (c) घटने की
Solution:वस्तु की मांग तथा वस्तु की कीमत में समानुपात, जबकि वस्तु की पूर्ति तथा वस्तु की कीमत में व्युत्क्रमानुपात होता है। अतः सामान्य बाजार और सामान्य वस्तु के संदर्भ में यदि स्थिर मांग के साथ आपूर्ति में वृद्धि हो, तो कीमत घटने की संभावना होगी। इस संदर्भ में कुछ स्थितियां निम्नलिखित हैं -

(i) यदि मांग बढ़ती है तथा पूर्ति स्थिर रहती है, तो कीमत बढ़ेगी। (ii) यदि मांग घटती है तथा पूर्ति स्थिर रहती है, तो कीमत घटेगी। (iii) यदि पूर्ति घटती है तथा मांग स्थिर रहती है, तो कीमत बढ़ेगी।

58. सामान्य कीमत-स्तर में बढ़ोत्तरी निम्नलिखित में से किस/किन कारण/कारणों से हो सकती है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2013]

1. द्रव्य की पूर्ति में वृद्धि

2. उत्पादन के समग्र स्तर में गिरावट

3. प्रभावी मांग में वृद्धि

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (d) 1, 2 और 3
Solution:उत्पादन के स्तर में गिरावट, वस्तु की प्रभावी मांग में वृद्धि तथा मुद्रा की पूर्ति में वृद्धि सामान्य कीमत स्तर में वृद्धि ला देगी।

59. द्रव्य की पूर्ति यथावत रहने पर यदि द्रव्य की मांग में वृद्धि होती है, तो- [I.A.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (b) ब्याज की दर में वृद्धि हो जाएगी
Solution:द्रव्य की पूर्ति यथावत रहने पर यदि द्रव्य की मांग में वृद्धि हो जाए, तो ब्याज दर में वृद्धि हो जाएगी, क्योंकि बैंक अब ऊंची ब्याज दर पर ऋण देंगे।

60. कथन (A) : सभी व्यापारी मूल्य-बढ़ोत्तरी से लाभ कमाते हैं। कारण (R) : मूल्य बढ़ोत्तरी के कारण ग्राहक को अपनी आवश्यकताओं में कटौती करनी पड़ती है। [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002 U.P.P.C.S (Pre) 2003]

उपरोक्त दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?

कूट:

Correct Answer: (b) (A) और (R) दोनों सही हैं परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
Solution:मूल्य में वृद्धि से व्यापारी वर्ग को लाभ तथा उपभोक्ता वर्ग को हानि होती है। पुनः वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य में वृद्धि होने से मुद्रा की क्रय शक्ति घट जाती है जिसके कारण उतनी ही मुद्रा से पूर्व की अपेक्षा कम वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय किया जा सकता है। स्पष्ट है। कि ऐसी दशा में उपभोक्ताओं को अपनी आवश्यकता में कटौती करनी पड़ेगी। इस प्रकार कथन एवं कारण दोनों सही हैं परंतु कारण, कथन की सही व्याख्या नहीं है।