Correct Answer: (c) 44वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1978
Note: संविधान के 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 (20-6-1979 से प्रभावी) द्वारा संपत्ति के मूल अधिकार का लोप किया गया तथा इसे विधिक या कानूनी अधिकार का दर्जा दिया गया। तत्समय मोरारजी देसाई जनता पार्टी शासन में प्रधानमंत्री थे।