मूल अधिकार (भारतीय राजव्यवस्था) (भाग-I)

Total Questions: 30

11. भारत में मौलिक अधिकारों के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है? [JE मैकेनिकल परीक्षा 22 मार्च, 2021 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) वे अलंघनीय या स्थायी हैं।
Solution:

भारत में मौलिक अधिकारों के संबंध में गलत कथन वे अलंघनीय या स्थायी हैं
स्पष्टीकरण:

  • मौलिक अधिकार स्थायी (Permanent) नहीं हैं और अलंघनीय (Inviolable) भी नहीं हैं।
  • संसद संवैधानिक संशोधन अधिनियम के माध्यम से उन्हें कम कर सकती है या हटा सकती है, बशर्ते कि संशोधन संविधान के मूल ढांचे (Basic Structure) को प्रभावित न करे (केशवानंद भारती मामला, 1973)।
  • राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) के दौरान, अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर, अन्य मौलिक अधिकारों को निलंबित किया जा सकता है।

12. 'कानून का शासन' की अवधारणा का प्रतिपादन किसने स किया? [MTS (T-I) 11 सितंबर, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (d) ए.वी. डायसी
Solution:

'कानून का शासन' (Rule of Law) की अवधारणा का प्रतिपादन ए.वी. डायसी (A.V. Dicey) ने किया था।

ब्रिटिश न्यायविद् ए.वी. डायसी ने अपनी पुस्तक Introduction to the Study of the Law of the Constitution (1885) में इस अवधारणा को लोकप्रिय बनाया।

उनके अनुसार, कानून के शासन में तीन मुख्य तत्व हैं:

  1. कानून के समक्ष समानता।
  2. कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।
  3. व्यक्तिगत अधिकारों की सर्वोच्चता जो संवैधानिक कानूनों का स्रोत हैं।

13. निम्नलिखित में से किसने उस नौ-न्यायाधीशों की सवैधानिक पीठ का नेतृत्व किया, जिसने निजता (Privacy) के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया था? [CHSL (T-I) 15 अक्टूबर, 2020 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) जे.एस. खेहर
Solution:

नौ-न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ का नेतृत्व, जिसने निजता (Privacy) के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया था, जे.एस. खेहर (J.S. Khehar) ने किया था।

  • यह ऐतिहासिक निर्णय के.एस. पुट्टास्वामी बनाम भारत संघ (2017) मामले में आया था।
  • इस फैसले ने घोषणा की कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) के तहत एक मौलिक अधिकार है।

14. भारत के संविधान का निम्नलिखित में से कौन-सा अनुच्छेद कहता है कि राज्य-निधि से पूर्णतः पोषित किसी शिक्षण संस्थान में कोई भी धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी? [Phase-XI 27 जून, 2023 (II-पाली), दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 30 नवंबर, 2023 (I-पाली), CGL (T-I) 26 जुलाई, 2023 (IV-पाली)]

Correct Answer: (d) अनुच्छेद 28
Solution:

भारत के संविधान का वह अनुच्छेद जो कहता है कि राज्य-निधि से पूर्णतः पोषित किसी शिक्षण संस्थान में कोई भी धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी, वह है अनुच्छेद 28

  • अनुच्छेद 28 शिक्षण संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थिति की स्वतंत्रता से संबंधित है।
  • इसके तहत, राज्य के पूर्ण वित्त पोषण वाले संस्थानों में धार्मिक शिक्षा पूरी तरह से निषिद्ध है।

15. मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए कितने प्रकार की प्रादेश/रिट जारी की जा सकती हैं? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 22 नवंबर, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) 5
Solution:

मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए 5 प्रकार की प्रादेश/रिट (Writs) जारी की जा सकती हैं।

ये रिट सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) द्वारा जारी की जाती हैं।
पाँच रिट हैं:

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. प्रतिषेध (Prohibition)
  4. उत्प्रेषण (Certiorari)
  5. अधिकार पृच्छा (Quo-Warranto)

16. मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सरकार को आदेश और निर्देश कौन दे सकता है? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 20 नवंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय
Solution:

मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सरकार को आदेश और निर्देश सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय दे सकते हैं।

  • सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 के तहत रिट जारी करने की शक्ति प्राप्त है।
  • उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत रिट जारी करने की शक्ति प्राप्त है।
  • इन दोनों न्यायालयों को 'मौलिक अधिकारों का संरक्षक और प्रत्याभूतिदाता' कहा जाता है।

17. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus), न्यायालय द्वारा जारी आज्ञापत्र है जो निम्नलिखित में से किसे न्यायालय के समक्ष लाने के लिए होता है? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 29 नवंबर, 2023 (II-पाली), CHSL (T-I) 11 अगस्त, 2021 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में लिए गए व्यक्ति
Solution:

बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) न्यायालय द्वारा जारी वह आज्ञापत्र है जो निम्नलिखित में से गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में लिए गए व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष लाने के लिए होता है।

  • इस रिट का शाब्दिक अर्थ है "आपके पास शरीर होना चाहिए"।
  • यह गैर-कानूनी निरोध से स्वतंत्रता का सबसे मजबूत बचाव है और यह राज्य (कार्यकारी) और निजी व्यक्तियों दोनों के विरुद्ध जारी की जा सकती है।

18. निम्नलिखित में से कौन-सा रिट जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करता है? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 1 दिसंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) बन्दी प्रत्यक्षीकरण
Solution:

जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करने वाली रिट बन्दी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) है।

  • जैसा कि ऊपर बताया गया है, यह रिट किसी भी व्यक्ति को गैर-कानूनी ढंग से हिरासत में लिए जाने पर जारी की जाती है।
  • यह व्यक्ति की दैहिक स्वतंत्रता (personal liberty) की रक्षा करती है, जो अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) का मूल आधार है।

19. निम्नलिखित में से कौन-सी रिट केवल न्यायिक और अर्ध-न्यायिक निकायों के विरुद्ध जारी की जाती है? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 22 नवंबर, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) निषेधाज्ञा और उत्प्रेषण-लेख
Solution:

केवल न्यायिक और अर्ध-न्यायिक निकायों के विरुद्ध जारी की जाने वाली रिट निषेधाज्ञा (Prohibition) और उत्प्रेषण-लेख (Certiorari) हैं।

  • निषेधाज्ञा (Prohibition): यह किसी उच्च न्यायालय द्वारा निचली अदालत या न्यायाधिकरण को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकने के लिए जारी की जाती है।
  • उत्प्रेषण-लेख (Certiorari): यह किसी उच्च न्यायालय द्वारा निचली अदालत या न्यायाधिकरण को जारी की जाती है, या तो लंबित मामले को स्थानांतरित करने के लिए, या उनके द्वारा दिए गए फैसले को रद्द करने के लिए, जब उन्होंने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया हो या कानूनी त्रुटि की हो।

20. निम्नलिखित में से कौन-सा आज्ञापत्र किसी लोक सेवक को उसके आधिकारिक कर्तव्यों को ठीक से करने या शक्ति का दुरुपयोग न करने का आदेश देने के लिए न्यायालय द्वारा जारी किया जाता है? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 17 नवंबर, 2023 (II-पाली), C.P.O.S.I. (T-I) 5 जुलाई, 2017 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) परमादेश (Mandamus)
Solution:

वह आज्ञापत्र जो किसी लोक सेवक को उसके आधिकारिक कर्तव्यों को ठीक से करने या शक्ति का दुरुपयोग न करने का आदेश देने के लिए न्यायालय द्वारा जारी किया जाता है, वह है परमादेश (Mandamus)

  • परमादेश का शाब्दिक अर्थ है "हम आदेश देते हैं"।
  • यह रिट तब जारी की जाती है जब कोई सार्वजनिक अधिकारी, निगम, या अधीनस्थ न्यायालय अपने सार्वजनिक कर्तव्य का पालन करने से इनकार करता है या विफल रहता है।
  • यह निजी व्यक्तियों या संस्थानों के विरुद्ध जारी नहीं की जा सकती।