मूल कर्तव्य (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 40

1. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से भारतीय नागरिक के मूल कर्तव्यों के विषय में सही है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2017]

1. इन कर्तव्यों को प्रवर्तित करने के लिए एक विधायी प्रक्रिया दी गई है।

2. ये विधिक कर्तव्यों के साथ परस्पर संबंधित हैं।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (d) न तो 1, न ही 2
Solution:भारतीय संविधान के भाग 4 क के तहत अनुच्छेद 51क के अंतर्गत मूल कर्तव्यों का प्रावधान है। स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा मूल कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया है। नागरिक इन कर्तव्यों का पालन करने के लिए नैतिक रूप से बाध्य हैं। हालांकि इन कर्तव्यों को प्रवर्तित करने के लिए कोई भी विधायी प्रक्रिया नहीं है। नीति निदेशक सिद्धांतों की तरह ये भी न्यायोचित नहीं हैं अर्थात इनके उल्लंघन या अनुपालन न होने पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हो सकती। अतः कथन (1) गलत है। इसके अलावा मूल कर्तव्य, विधिक कर्तव्यों के साथ परस्पर संबंधित नहीं होते हैं। अतः कथन (2) भी गलत है। इस प्रकार विकल्प (d) सही उत्तर है।

2. निम्नलिखित में से किसकी संस्तुति पर भारतीय संविधान में मूल कर्तव्य शामिल किया गया? [U.P.P.C.S. (Pre) 2012 Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002]

Correct Answer: (c) स्वर्ण सिंह समिति की
Solution:भारतीय संविधान के भाग 4 क के तहत अनुच्छेद 51क के अंतर्गत मूल कर्तव्यों का प्रावधान है। स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा मूल कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया है। नागरिक इन कर्तव्यों का पालन करने के लिए नैतिक रूप से बाध्य हैं। हालांकि इन कर्तव्यों को प्रवर्तित करने के लिए कोई भी विधायी प्रक्रिया नहीं है। नीति निदेशक सिद्धांतों की तरह ये भी न्यायोचित नहीं हैं अर्थात इनके उल्लंघन या अनुपालन न होने पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हो सकती। अतः कथन (1) गलत है। इसके अलावा मूल कर्तव्य, विधिक कर्तव्यों के साथ परस्पर संबंधित नहीं होते हैं। अतः कथन (2) भी गलत है। इस प्रकार विकल्प (d) सही उत्तर है।

3. निम्न में से किस एक कमेटी /आयोग ने संविधान में मूल कर्तव्यों को सम्मिलित करने हेतु संस्तुति की थी? [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]

Correct Answer: (a) स्वर्ण सिंह कमेटी
Solution:भारतीय संविधान के भाग 4 क के तहत अनुच्छेद 51क के अंतर्गत मूल कर्तव्यों का प्रावधान है। स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा मूल कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया है। नागरिक इन कर्तव्यों का पालन करने के लिए नैतिक रूप से बाध्य हैं। हालांकि इन कर्तव्यों को प्रवर्तित करने के लिए कोई भी विधायी प्रक्रिया नहीं है। नीति निदेशक सिद्धांतों की तरह ये भी न्यायोचित नहीं हैं अर्थात इनके उल्लंघन या अनुपालन न होने पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हो सकती। अतः कथन (1) गलत है। इसके अलावा मूल कर्तव्य, विधिक कर्तव्यों के साथ परस्पर संबंधित नहीं होते हैं। अतः कथन (2) भी गलत है। इस प्रकार विकल्प (d) सही उत्तर है।

4. संविधान में मूल कर्तव्यों को जिसकी सिफारिश पर सम्मिलित किया गया, वह है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (a) स्वर्ण सिंह समिति
Solution:भारतीय संविधान के भाग 4 क के तहत अनुच्छेद 51क के अंतर्गत मूल कर्तव्यों का प्रावधान है। स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा मूल कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया है। नागरिक इन कर्तव्यों का पालन करने के लिए नैतिक रूप से बाध्य हैं। हालांकि इन कर्तव्यों को प्रवर्तित करने के लिए कोई भी विधायी प्रक्रिया नहीं है। नीति निदेशक सिद्धांतों की तरह ये भी न्यायोचित नहीं हैं अर्थात इनके उल्लंघन या अनुपालन न होने पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हो सकती। अतः कथन (1) गलत है। इसके अलावा मूल कर्तव्य, विधिक कर्तव्यों के साथ परस्पर संबंधित नहीं होते हैं। अतः कथन (2) भी गलत है। इस प्रकार विकल्प (d) सही उत्तर है।

5. किस संशोधन द्वारा भारतीय संविधान में नागरिकों के मूल कर्तव्यों को शामिल किया गया ? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (a) 42 वां संशोधन
Solution:भारतीय संविधान के भाग 4 क के तहत अनुच्छेद 51क के अंतर्गत मूल कर्तव्यों का प्रावधान है। स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा मूल कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया है। नागरिक इन कर्तव्यों का पालन करने के लिए नैतिक रूप से बाध्य हैं। हालांकि इन कर्तव्यों को प्रवर्तित करने के लिए कोई भी विधायी प्रक्रिया नहीं है। नीति निदेशक सिद्धांतों की तरह ये भी न्यायोचित नहीं हैं अर्थात इनके उल्लंघन या अनुपालन न होने पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हो सकती। अतः कथन (1) गलत है। इसके अलावा मूल कर्तव्य, विधिक कर्तव्यों के साथ परस्पर संबंधित नहीं होते हैं। अतः कथन (2) भी गलत है। इस प्रकार विकल्प (d) सही उत्तर है।

6. भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करने और उसे अक्षुण्ण रखने के मूल कर्तव्य को किस स्थान पर रखा गया है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) (Re-Exam) 2013]

Correct Answer: (d) तीसरे
Solution:भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करने और अक्षुण्ण रखने के मूल कर्तव्य को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51क के तहत तीसरे स्थान अर्थात उपखंड (ग) में रखा गया है।

7. मूल कर्तव्यों का उल्लेख संविधान में कब किया गया? [M.P.P.C.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (c) 42वें संविधान संशोधन में
Solution:42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा (3-1-1977 से) भारतीय नागरिकों के लिए भारतीय संविधान के भाग 4क (IVA) में अनुच्छेद 51क (51A) शामिल करके इसमें 10 मौलिक कर्तव्यों की व्यवस्था की गई। 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा इसमें एक मौलिक कर्तव्य बढ़ा दिया गया, जिससे इनकी संख्या 11 हो गई है।

8. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में 42वें संविधान संशोधन विधेयक द्वारा 'मूल कर्तव्यों' को सम्मिलित किया गया है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (b) अनुच्छेद 51A में
Solution:42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा (3-1-1977 से) भारतीय नागरिकों के लिए भारतीय संविधान के भाग 4क (IVA) में अनुच्छेद 51क (51A) शामिल करके इसमें 10 मौलिक कर्तव्यों की व्यवस्था की गई। 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा इसमें एक मौलिक कर्तव्य बढ़ा दिया गया, जिससे इनकी संख्या 11 हो गई है।

9. संविधान में मौलिक कर्तव्यों को कब सम्मिलित किया गया? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (a) 1976 में
Solution:42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा (3-1-1977 से) भारतीय नागरिकों के लिए भारतीय संविधान के भाग 4क (IVA) में अनुच्छेद 51क (51A) शामिल करके इसमें 10 मौलिक कर्तव्यों की व्यवस्था की गई। 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा इसमें एक मौलिक कर्तव्य बढ़ा दिया गया, जिससे इनकी संख्या 11 हो गई है।

10. संविधान में नागरिकों के मूल कर्तव्यों की व्यवस्था 42वें संविधान संशोधन के द्वारा किस वर्ष की गई? [Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006]

Correct Answer: (a) 1976
Solution:42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा (3-1-1977 से) भारतीय नागरिकों के लिए भारतीय संविधान के भाग 4क (IVA) में अनुच्छेद 51क (51A) शामिल करके इसमें 10 मौलिक कर्तव्यों की व्यवस्था की गई। 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा इसमें एक मौलिक कर्तव्य बढ़ा दिया गया, जिससे इनकी संख्या 11 हो गई है।