मृदा अपरदन एवं सुधार

Total Questions: 14

11. निम्नलिखित पद्धतियों में से कौन-सी कृषि में जल संरक्षण में सहायता कर सकती है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2017]

1. भूमि की कम या शून्य जुताई

2. खेत में सिंचाई के पूर्व जिप्सम का प्रयोग

3. फसल अवशेष को खेत में ही रहने देना

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :

Correct Answer: (d) 1, 2 और 3
Solution:भूमि की कम या शून्य जुताई, खेत में सिंचाई के पूर्व जिप्सम का प्रयोग फसल अवशेष को खेत में ही रहने देना ऐसी पद्धतियां हैं, जो कृषि में जल संरक्षण में सहायता कर सकती हैं।

12. कौन-सा तरीका मिट्टी की उर्वरता प्राप्त करने का नहीं है? [M.P. P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (c) बीज संशोधन
Solution:बीज संशोधन की विधि से उपज पर प्रभाव पड़ेगा, किंतु मृदा की उर्वरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जबकि फसल चक्र, मिश्रित खेती और बहुफसली खेती के द्वारा मृदा की उर्वरता को पोषित किया जा सकता है।

13. फसल चक्र आवश्यक है- [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) मृदा की उर्वरा शक्ति में वृद्धि हेतु
Solution:किसी स्थान पर कई वर्षों तक लगातार एक ही फसल के बोने से वहां की मृदा में कुछ विशिष्ट पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। फसल चक्र अर्थात फसलों में परिवर्तन के द्वारा मृदा की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है तथा साथ ही यह कीट नियंत्रण में भी मदद करता है।

14. मृदा संरक्षण के संदर्भ में निम्नलिखित प्रचलित पद्धतियों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2010]

1. शस्यावर्तन (फसलों का हेरफेर)

2. बालू की बाड़

3. वेदिका निर्माण (टैरेसिंग)

4. वायुरोध

भारत में मृदा संरक्षण के लिए उपर्युक्त में से कौन-सी विधियां उपयुक्त समझी जाती हैं?

Correct Answer: (c) केवल 1, 3 और 4
Solution:मृदा संरक्षण के संबंध में प्रचलित पद्धतियों में शस्यावर्तन, वेदिका निर्माण और वायुरोध को भारत में उपयुक्त माना जाता है।