मौर्योत्तर काल (UPPCS)

Total Questions: 50

11. उत्तरी तथा उत्तरी-पश्चिमी भारत में सर्वाधिक संख्या में तांबे के सिक्कों को जारी किया था- [U.P. P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (b) कुषाणों ने
Note:

उत्तर-पश्चिम भारत में स्वर्ण सिक्कों का प्रचलन इंडो-ग्रीक (हिंद-यवन) राजाओं ने करवाया था। जबकि इन्हें नियमित एवं पूर्णरूप से प्रचलित करवाने का श्रेय कुषाण शासकों को जाता है। कुषाण शासकों ने स्वर्ण एवं ताम्र दोनों ही प्रकार के सिक्कों को व्यापक पैमाने पर प्रचलित किया था। इनके द्वारा ताम्र (तांबा) निर्मित सिक्के उत्तरी तथा उत्तरी-पश्चिमी भारत में सर्वाधिक संख्या में जारी किए गए थे।

12. प्राचीन भारत में निम्न में से किस एक ने नियमित रूप से सोने के सिक्के चलाए? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]

Correct Answer: (c) कुषाण
Note:

उत्तर-पश्चिम भारत में स्वर्ण सिक्कों का प्रचलन इंडो-ग्रीक (हिंद-यवन) राजाओं ने करवाया था। जबकि इन्हें नियमित एवं पूर्णरूप से प्रचलित करवाने का श्रेय कुषाण शासकों को जाता है। कुषाण शासकों ने स्वर्ण एवं ताम्र दोनों ही प्रकार के सिक्कों को व्यापक पैमाने पर प्रचलित किया था। इनके द्वारा ताम्र (तांबा) निर्मित सिक्के उत्तरी तथा उत्तरी-पश्चिमी भारत में सर्वाधिक संख्या में जारी किए गए थे।

13. बुद्ध का किसके सिक्कों पर अंकन हुआ है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) कनिष्क
Note:

प्रश्नगत विकल्पों में कुषाण शासक कनिष्क के सिक्कों पर बुद्ध का अंकन मिलता है।

 

14. निम्नलिखित में से किस शासक को सर्वप्रथम सोने के सिक्के जारी करने का श्रेय दिया जाता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (b) विम कडफिसेज
Note:

प्रश्नगत विकल्पों में कुषाण शासकों में विम कडफिसेस ने सर्वप्रथम सोने के सिक्के जारी किए थे। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

 

15. निम्नलिखित में से किसने भारत में स्वर्ण सिक्कों का प्रचलन नियमित उपयोग के लिए किया था? [U.P. P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (a) विम कडफिसेस ने
Note:

कुषाण वंशीय शासक विम कडफिसेस जो कि कनिष्क प्रथम का पिता भी था, ने भारत में स्वर्ण सिक्कों का प्रचलन नियमित उपयोग के लिए किया था, जबकि कुजुल कडफिसेस ने तांबे के सिक्के प्रचलित कराए थे।

 

16. इनमें से किसने सर्वप्रथम व्यापक पैमाने पर स्वर्णमुद्रा का प्रचलन किया? [64th B.P.S.C. (Pre) 2018]

Correct Answer: (c) विम कडफिसेस
Note:

कुषाण शासकों द्वारा व्यापक पैमाने पर स्वर्णमुद्रा का प्रचलन प्रारंभ करना भारतीय उपमहाद्वीप में उनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान था। कुषाण शासक विम कडफिसेस को स्वर्ण मुद्राओं के व्यापक पैमाने पर प्रचलन का श्रेय प्राप्त है।

 

17. यौधेय सिक्कों पर किस देवता का अंकन मिलता है? [U.P.P.C.S. (Spl) (Mains) 2008]

Correct Answer: (d) कार्तिकेय
Note:

यौधेयों का प्रमाण पुराण, अष्टाध्यायी तथा वृहत्संहिता इत्यादि ग्रंथों से प्राप्त होता है। इनका साम्राज्य दक्षिण-पूर्वी पंजाब से राजस्थान के बीच था। इनके सिक्कों पर कार्तिकेय का अंकन मिलता है।

 

18. कनिष्क के सारनाथ बौद्ध प्रतिमा अभिलेख की तिथि क्या है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (b) 81 ई. सन्
Note:

कनिष्क के सारनाथ बौद्ध अभिलेख की तिथि 81 ई. सन् है। यह प्रतिमा मथुरा से लाकर कनिष्क के राज्यारोहण (78 ई. सन्) के तीसरे वर्ष सारनाथ में स्थापित की गई थी।

 

19. कुषाण शासक कनिष्क का राज्याभिषेक किस सन् में हुआ? [U.P.P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (d) 78 ए.डी.
Note:

कनिष्क के राज्याभिषेक की तिथि अत्यंत विवादास्पद है। इस समस्या पर विचार करने के लिए वर्ष 1913 तथा वर्ष 1960 में लंदन में दो अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किए गए। द्वितीय सम्मेलन में आम सहमति 78 ई. के पक्ष में ही बनी। इसी समय से शक संवत् का प्रारंभ माना गया है।

 

20. शक संवत् कब प्रारंभ किया गया? [U.P. P.C.S. (Pre) 1990 U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2013]

Correct Answer: (b) 78 ई.
Note:

जैन ग्रंथों के अनुसार, विक्रमादित्य (57 ई.पू.) के उत्तराधिकारी को 135 विक्रम संवत् में शकों ने पराजित कर इसके उपलक्ष्य में शक संवत् चलाया था। इस प्रकार इसकी प्रारंभिक तिथि 135-57 = 78 ई. आती है। अधिकांश इतिहासकारों ने कुषाण शासक कनिष्क को इसका प्रवर्तक माना है।