मौर्योत्तर काल (UPPCS)

Total Questions: 50

21. विक्रम एवं शक संवतों में कितना अंतर (वर्षों में) है? [U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006]

Correct Answer: (c) 135 वर्ष
Note:

वर्तमान कैलेंडर से 57 जोड़ देने पर विक्रम संवत् (प्रारंभ 57 ई.पू.) तथा 78 घटा देने पर शक संवत् (प्रारंभ 78 ई.) प्राप्त होता है; अर्थात 2019 विक्रम संवत् 2019 + 57 = 2076 तथा शक संवत् 2019-78 = 1941 है। अतः विक्रम संवत् और शक संवत् में अंतर 2076-1941 135 वर्ष। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।

 

22. शक संवत् पर आधारित राष्ट्रीय पंचांग (कैलेंडर) का 1 चैत्र, ग्रेगोरियन कैलेंडर पर आधारित 365 दिन के सामान्य वर्ष की निम्नलिखित तिथियों में किस एक के तद्नुरूप है? [I.A.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (a) 22 मार्च (अथवा 21 मार्च)
Note:

चैत्र भारतीय राष्ट्रीय पंचांग का प्रथम माह होता है। राष्ट्रीय कैलेंडर की तिथियां ग्रेगोरियन कैलेंडर की तिथियों से स्थायी रूप से मिलती-जुलती हैं। सामान्यतः '1 चैत्र' 22 मार्च को होता है और लीप वर्ष में 21 मार्च को।

 

23. विक्रम संवत् कब से प्रारंभ हुआ? [U.P.P.C.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (b) 57 ई.पू.
Note:

विक्रम संवत् के दो अन्य नाम भी मिलते हैं-कृत संवत् तथा मालव संवत्। जैन साहित्य में महावीर के निर्वाण तथा विक्रम संवत् के बीच 470 वर्षों का अंतर पाया जाता है। महावीर की निर्वाण तिथि 527 ई.पू. मानी जाती है। तद्नुसार विक्रम संवत् के प्रारंभ की तिथि 527-470 ई. पू. = 57 ई.पू. निर्धारित होती है।

24. निम्नलिखित में कौन-सा वर्ष दिसंबर, 2009 में शक संवत् का वर्ष होगा ? [U.P. P.C.S. (Mains) 2007]

Correct Answer: (a) 1931
Note:

दिसंबर, 2009 में शक संवत् का वर्ष 2009 78 = 1931 होगा।

 

25. कनिष्क के समकालीन निम्नलिखित नामों का अध्ययन करें और निम्नांकित उत्तर कोड के अनुसार अपना उत्तर इंगित करें- [U.P.P.C.S. (Pre) 1994]

(1) अश्वघोष

(II) वसुमित्र

(III) कालिदास

(IV) कंबन

उत्तर कोड :

Correct Answer: (c) I और II
Note:

'अश्वघोष' कनिष्क के राजकवि थे। वसुमित्र भी कनिष्क के आश्रित विद्वान थे, इन्होंने चतुर्थ बौद्ध संगीति की अध्यक्षता भी की थी। कालिदास गुप्तकाल में हुए थे, जबकि कंबन कनिष्क के समकालीन नहीं थे।

 

26. अश्वघोष किसका समकालीन था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (c) कनिष्क का
Note:

'अश्वघोष' कनिष्क के राजकवि थे। वसुमित्र भी कनिष्क के आश्रित विद्वान थे, इन्होंने चतुर्थ बौद्ध संगीति की अध्यक्षता भी की थी। कालिदास गुप्तकाल में हुए थे, जबकि कंबन कनिष्क के समकालीन नहीं थे।

 

27. निम्नलिखित में से कौन एक कनिष्क के दरबार से संबद्ध नहीं था? [U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2008 3]

Correct Answer: (d) पतंजलि
Note:

अश्वघोष, नागार्जुन, पार्श्व तथा चरक ये चारों ही कनिष्क के दरबार से संबंधित थे, जबकि पतंजलि कनिष्क के दरबार से संबंधित नहीं थे। पतंजलि ने पाणिनि की अष्टाध्यायी पर महाभाष्य की रचना की थी। महर्षि पतंजलि पुष्पमित्र शुंग के पुरोहित थे।

28. निम्नलिखित में से कौन कनिष्क प्रथम के दरबार में नहीं गया था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2005]

Correct Answer: (d) विशाखदत्त
Note:

अश्वघोष, नागार्जुन, पार्श्व तथा चरक ये चारों ही कनिष्क के दरबार से संबंधित थे, जबकि पतंजलि कनिष्क के दरबार से संबंधित नहीं थे। पतंजलि ने पाणिनि की अष्टाध्यायी पर महाभाष्य की रचना की थी। महर्षि पतंजलि पुष्पमित्र शुंग के पुरोहित थे।

29. 29. निम्नलिखित नगरों में से किसका उल्लेख कनिष्क के रबतक अभिलेख में नहीं है? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2014]

Correct Answer: (b) कौशाम्बी
Note:

'रबतक अभिलेख' अफगानिस्तान के बगलान प्रांत के सुर्ख कोटल के निकट रबतक नामक स्थान से वर्ष 1993 में प्राप्त किए गए। ये ग्रीक लिपि तथा बैक्ट्रियन भाषा में लिखे गए हैं। ये कुषाण वंश के शासक कनिष्क से संबंधित हैं। इस अभिलेख में चार शहरों के नाम उल्लेखित हैं, जो हैं-साकेत, कौशाम्बी, पाटलिपुत्र तथा श्री चम्पा; अर्थात इसमें श्रावस्ती का उल्लेख नहीं है।

 

30. इनमें से किस आयुर्वेदाचार्य ने तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की थी? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]

Correct Answer: (e) (c&d)
Note:

वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रावलपिंडी जिले में स्थित तक्षि शला प्राचीन समय में गांधार राज्य की राजधानी थी। तक्षशिला की इतिहास में प्रसिद्धि का कारण उसका ख्याति प्राप्त शिक्षा केंद्र होना था। यहां अध्ययन के लिए दूर-दूर से विद्यार्थी आते थे, जिनमें राजा तथा सामान्यजन दोनों ही सम्मिलित थे। कोशल के राजा प्रसेनजित, बिंबिसार का राजवैद्य जीवक, चाणक्य आदि ने यहीं शिक्षा प्राप्त की थी। अतः स्पष्ट है कि इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (c) और (d) दोनों हो सकते हैं।