मौर्योत्तर काल

Total Questions: 30

1. मिनांडर को बौद्ध धर्म में किसने परिवर्तित किया ? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 21 नवंबर, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) नागसेन
Solution:मिनांडर हिंद-यूनानी शासक था जिसका वार्तालाप बौद्ध विद्वान नागसेन से हुआ था, जिसका उल्लेख मिलिंदपन्हो में मिलता है। नागसेन ने ही मिनांडर को बौद्ध धर्म में परिवर्तित किया।

2. निम्नलिखित में से कौन सबसे प्रसिद्ध शक शासक था, जिसने काठियावाड़ में सुदर्शन झील का जीर्णोद्धार करवाया था ? [CGL (T-I) 20 जुलाई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) रुद्रदामन-I
Solution:गुजरात में सुदर्शन झील वस्तुतः एक कृत्रिम जलाशय है, जो नौयों के शासन के दौरान बनाया गया था। इस झील का निर्माण चंद्रगुप्त मौर्य के प्रांतीय राज्यपाल पुष्यगुप्त वैश्य ने करवाया था। अशोक के राज्यपाल यवन तुषास्फ ने बाद में उसमे से नहर निकाली। रुद्रदामन के समय अतिवृष्टि से झील का बांध टूटने पर उसके राज्यपाल सुविशाख ने उसकी मरम्मत कराई थी।

3. निम्नलिखित में से कौन (130-150 ई.) भारत में एक शक शासक था ? [MTS (T-I) 15 मई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) रुद्रदामन
Solution:रुद्रदामन (130-150 ई.) भारत में एक शक शासक था। रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख गुजरात में गिरनार पर्वत पर प्राप्त हुआ है। ब्राह्मी लिपि में उत्कीर्ण संस्कृत भाषा का यह अभिलेख अब तक प्राप्त संस्कृत अभिलेखों में सर्वाधिक प्राचीन है।

4. 'शक' (Shaka) एक भारतीय शब्द है, जिसका प्रयोग सिथियन नामक लोगों के लिए किया जाता है, जो मूल रूप से ..... से संबंध रखते थे । [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 15 नवंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) मध्य-एशिया
Solution:शक मूलतः मध्य एशिया के निवासी थे, शक वंश का प्रमुख शासक रुद्रदामन था, जिसका जूनागढ़ अभिलेख संस्कृत भाषा में वर्णित है। यह गद्य और पद्य दोनों शैलियों (चंपू शैली) में लिखा गया था।

5. जूनागढ़ में मौर्य बांध की मरम्मत का संस्कृत में शिलालेख निम्नलिखित में से किसका था ? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 30 नवंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (b) रुद्रदामन
Solution:गुजरात के जूनागढ़ (गिरनार) से शक संवत् 72 (150 ई.) का शक महाक्षत्रप रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख प्राप्त हुआ है। संस्कृत में लिखित इस शिलालेख में मौर्यकाल में निर्मित बांध के रुद्रदामन द्वारा मरम्मत कराए जाने का उल्लेख प्राप्त होता है।

6. जूनागढ़ शिलालेख, निम्नलिखित शासकों में से किससे संबंधित है ? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 20 नवंबर, 2013 (I-पाली)]

Correct Answer: (b) रुद्रदामन प्रथम
Solution:जूनागढ़ अभिलेख शक शासक रुद्रदामन से संबंधित है। यह संस्कृत भाषा में लिखा गया है तथा इसमें सुदर्शन झील के बारे में चर्चा मिलती है।

7. किस प्रसिद्ध शासक को "द्वितीय अशोक (Second Ashoka)" के नाम से जाना जाता था ? [MTS (T-I) 19 जून, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) कनिष्क
Solution:प्रसिद्ध शासक कनिष्क को 'द्वितीय अशोक' (Second Ashoka) के नाम से जाना जाता था। कनिष्क सभी कुषाण राजाओं में सबसे प्रसिद्ध और महान राजा था। कनिष्क महायान बौद्ध धर्म का अनुयायी था।

8. लगभग 2000 साल पहले ..... कुषाणों की दूसरी राजधानी बनी । [MTS (T-I) 19 मई. 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) मथुरा
Solution:कुषाणों ने पेशावर (वर्तमान पाकिस्तान में) के बाद उत्तर प्रदेश के मथुरा को अपनी दूसरी राजधानी बनाया। मथुरा में रहने वाले कुछ उल्लेखनीय कुषाण शासकों में कनिष्क, हुविष्क और वासुदेव थे। कुजुल कडफिसेस कुषाण वंश का संस्थापक माना जाता है। उसने काबुल, कंधार, कश्मीर को जीतकर भारत में कुषाण सत्ता की स्थापना की।

9. गांधार कला किन दो कलाओं का संयोजन है ? [CGL (T-I) 31 अगस्त, 2016 (II-पाली)]

Correct Answer: (b) हिंद - यूनानी
Solution:भारतीय और यूनानी आकृति की सम्मिश्रित शैली 'गांधार शैली' है। इस कला शैली के प्रमुख संरक्षक शक एवं कुषाण थे। इस कला का विषय मुख्यतः बौद्ध एवं शिल्प शैली यूनानी होने के कारण इसे 'यूनानी बौद्ध' (Greco-Buddhist) शैली भी कहा जाता है। इस कला को इंडो-बीक (Indo-Greek) या ग्रीको-रोमन (Greco-Roman) शैली भी कहा जाता है। अतः ग्रीको-रोमन एवं 'बौद्ध आर्ट' को गांधार स्कूल के रूप में भी जाना जाता है।

10. 'गांधार' कला शैली निम्न में से किस यूरोपीय देश की कला से प्रभावित थी ? [C.P.O.S.L. (T-I) 23 नवंबर, 2020 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) यूनान
Solution:भारतीय और यूनानी आकृति की सम्मिश्रित शैली 'गांधार शैली' है। इस कला शैली के प्रमुख संरक्षक शक एवं कुषाण थे। इस कला का विषय मुख्यतः बौद्ध एवं शिल्प शैली यूनानी होने के कारण इसे 'यूनानी बौद्ध' (Greco-Buddhist) शैली भी कहा जाता है। इस कला को इंडो-बीक (Indo-Greek) या ग्रीको-रोमन (Greco-Roman) शैली भी कहा जाता है। अतः ग्रीको-रोमन एवं 'बौद्ध आर्ट' को गांधार स्कूल के रूप में भी जाना जाता है।