मौर्य साम्राज्य (UPPCS) PART 3

Total Questions: 36

11. मौर्य काल में 'सीता' से तात्पर्य है- [U.P. P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (c) राजकीय भूमि से प्राप्त आय
Note:

मौर्य काल में राजकीय भूमि की व्यवस्था 'सीताध्यक्ष' द्वारा होती थी। इससे प्राप्त होने वाली आय को 'सीता' कहा जाता था।

 

12. मौर्य मंत्रिपरिषद में निम्न में से कौन राजस्व इकट्ठा करने से 1 संबंधित था? [U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2008]

Correct Answer: (a) समाहर्ता
Note:

मौर्य मंत्रिपरिषद में राजस्व एकत्र करने का कार्य समाहर्ता के द्वारा किया जाता था। अंतपाल सीमा रक्षक या सीमावर्ती दुर्गों की देखभाल करता था, जबकि प्रदेष्टा मंडल स्तर का प्रशासक था।

 

13. निम्नलिखित में से कौन मौर्ययुगीन अधिकारी तौल-माप का प्रभारी था? [U.P. P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (a) पौतवाध्यक्ष
Note:

मौर्ययुगीन अधिकारी 'पौतवाध्यक्ष' तौल-माप (Weights and Measures) का प्रभारी था। पण्याध्यक्ष वाणिज्य विभाग तथा सूनाध्यक्ष बूचड़खाने के प्रभारी थे।

 

14. मौर्य काल में 'एग्रोनोमोई' अधिकारी निम्नलिखित में से किस क्षेत्र से संबंधित थे? [U.P.P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (c) मार्ग निर्माण
Note:

मौर्य काल में 'एग्रोनोमोई' अधिकारी राजस्व का संग्रह, सिंचाई सुविधाओं का पर्यवेक्षण, न्यायिक प्रशासन और भूमि की माप, सड़कों पर 10 स्टेडिया की दूरी पर पत्थर लगवाना, सड़कों का रख-रखाव से संबंधित था। इस तरह मार्ग निर्माण उसका प्रमुख कार्य प्रतीत होता है।

 

15. 'पंकोदकसन्निरोधे' मौर्य प्रशासन द्वारा लिया जाने वाला जुर्माना था- [R.A.S./R.T.S. (Pre) (Re-Exam) 2013]

Correct Answer: (b) सड़क पर कीचड़ फैलाने पर
Note:

'पंकोदकसन्निरोधे' मौर्य प्रशासन में सड़क पर जल और कीचड़ इकट्ठा

करने या कीचड़ फेंकने के कारण लिया जाने वाला जुर्माना था।

16. सूची-1 को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए। [U.P. P.C.S. (Pre) 2022]

सूची-I (अधिकारी) सूची-II (कार्य)
A. तलार  ग्रामीण कर वसूली करने वाला अधिकारी
B. पट्टकोल  चोरी-डकैती के मुकदमे का अधिकारी
C. साहसाधिपति  रात्रि सुरक्षाकर्मियों का अधिकारी
D. बलाधिप  चुंगी का सुरक्षक
A B C D
(A) 2 1 4 3
(b) 3 4 2 1
(c) 1 2 3 4
(d) 4 3 1 2

 

Correct Answer: (b)
Note:

दिए गए विकल्पों का सही सुमेलन इस प्रकार है-

सूची-I (अधिकारी) सूची-II (कार्य)
तलार रात्रि सुरक्षाकर्मियों का अधिकारी
पट्टकोल ग्रामीण कर वसूली करने वाला अधिकारी
साहसाधिपति चोरी-डकैती के मुकदमे का अधिकारी
बलाधिप चुंगी का सुरक्षक

17. मौर्य काल में शिक्षा का सर्वाधिक प्रसिद्ध केंद्र था- [47th B.P.S.C. (Pre) 2005 Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) तक्षशिला
Note:

वैशाली वर्तमान में बिहार का एक जिला है। प्राचीन काल में वैशाली बुद्ध एवं जैन धर्म से जुड़ा रहा। यह छठी शताब्दी ई.पू. में वज्जि संघ के अंतर्गत एक प्रमुख गणराज्य था। महावीर स्वामी का जन्म वैशाली के कुंडग्राम में हुआ था।

नालंदा बौद्ध शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र था। सर्वप्रथम यहां बौद्ध विहार की स्थापना गुप्तकाल में करवाई गई थी।

तक्षशिला मौर्य काल में हिंदू एवं बौद्ध शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। यहां विश्वभर से लोग पढने आते थे।

18. कौटिल्य के 'अर्थशास्त्र' के अनुसार, मौर्यकालीन न्याय व्यवस्था में निम्नलिखित न्यायालय अस्तित्व में थे- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2014]

(1) धर्ममहामात्र

(2) धर्मस्थीय

(3) रज्जुक

(4) कंटकशोधन

सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (d) 2 एवं 4
Note:

कौटिल्य के 'अर्थशास्त्र' के अनुसार, मौर्यकालीन न्याय व्यवस्था में न्यायालय मुख्यतः दो प्रकार के थे-धर्मस्थीय तथा कंटकशोधन । धर्मस्थीय दीवानी तथा कंटकशोधन फौजदारी न्यायालय था। 'प्रदेष्टा' फौजदारी न्यायालय का न्यायाधीश तथा 'व्यावहारिक' दीवानी न्यायालय का न्यायाधीश था। कौटिल्य के 'अर्थशास्त्र' में उल्लेख है कि जो अमात्य 'धर्मोपधाशुद्ध' अर्थात धार्मिक प्रलोभन द्वारा शुद्ध चरित्र वाले सिद्ध होते थे, उन्हें ही न्यायाधीश बनाया जाता था। লাশ ইয়াজ

 

19. भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में इतिवृत्तों, राजवंशीय इतिहासों तथा वीरगाथाओं को कंठस्थ करना निम्नलिखित में से किसका व्यवसाय था? [I.A.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) मागध
Note:

भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में इतिवृत्तों, राजवंशीय इतिहासों तथा वीरगाथाओं को कंठस्थ करने का व्यवसाय मागध एवं सूत वर्गों का था।

 

20. गांवों के शासन को स्वायत्तशासी पंचायतों के माध्यम से संचालित करने की व्यवस्था का सूत्रपात किसने किया? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (b) द्रविड़ों ने
Note:

गांवों के शासन को स्वायत्तशासी पंचायतों के माध्यम से संचालित करने की व्यवस्था का सूत्रपात द्रविड़ों (चोल) ने किया। यह व्यवस्था उस समय गांवों के प्रशासन का आधार थी।