मौर्य साम्राज्य (UPPCS)

Total Questions: 51

11. कौटिल्य की पुस्तक अर्थशास्त्र किस विषय पर आधारित है? [63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]

Correct Answer: (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
Note:

कौटिल्य (चाणक्य) द्वारा मौर्य काल में रचित अर्थशास्त्र शासन के सिद्धांतों और अभ्यास की पुस्तक है। इसमें राज्य के लिए मंडल सिद्धांत हैं, जो विदेश नीति की व्याख्या करता है। इसके अलावा इसमें सप्तांग सिद्धांत - स्वामी, अमात्य, जनपद, दुर्ग, कोष, दंड एवं मित्र की व्याख्या मिलती है। अर्थशास्त्र में तत्कालीन प्रशासन एवं कृषि, शिल्प एवं व्यापार व्यवस्था की भी विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है।

12. कौटिल्य का अर्थशास्त्र है, एक- [U.P. P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (d) शासन के सिद्धांतों की पुस्तक
Note:

कौटिल्य (चाणक्य) द्वारा मौर्य काल में रचित अर्थशास्त्र शासन के सिद्धांतों और अभ्यास की पुस्तक है। इसमें राज्य के लिए मंडल सिद्धांत हैं, जो विदेश नीति की व्याख्या करता है। इसके अलावा इसमें सप्तांग सिद्धांत - स्वामी, अमात्य, जनपद, दुर्ग, कोष, दंड एवं मित्र की व्याख्या मिलती है। अर्थशास्त्र में तत्कालीन प्रशासन एवं कृषि, शिल्प एवं व्यापार व्यवस्था की भी विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है।

13. निम्नलिखित में से राज्य के सप्तांग सिद्धांत के अनुसार, राज्य का सातवां अंग कौन-सा था? [U.P. P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015]

Correct Answer: (c) मित्र
Note:

सुहृद (मित्र) राज्य के सप्तांग सिद्धांत के अनुसार, राज्य का सातवां अंग है। सुहृद (मित्र) राज्य के कान हैं। राजा के मित्र शांति एवं युद्धकाल दोनों में ही उसकी सहायता करते हैं। इस संबंध में कौटिल्य सहज (आदर्श) तथा कृत्रिम मित्र में भेद करते हैं। सहज मित्र, कृत्रिम मित्र से अधिक श्रेष्ठ होता है। जिस राजा के मित्र लोभी, कामी तथा कायर होते हैं, उसका विनाश अवश्यंभावी है।

 

14. कौटिल्य के 'अर्थशास्त्र' में किस पहलू पर प्रकाश डाला गया है? [45th B.P.S.C. (Pre) 2001]

Correct Answer: (b) राजनीतिक नीतियां
Note:

कौटिल्य के 'अर्थशास्त्र' द्वारा चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल की बहुत-सी बातों का ज्ञान प्राप्त होता है। यह वस्तुतः ऐतिहासिक ग्रंथ नहीं है, अपितु राजनीति शास्त्र का एक अद्वितीय ग्रंथ है। इसमें मुख्यतः राजनीतिक नीतियों पर प्रकाश डाला गया है।

 

15. कौटिल्य अर्थशास्त्र के अनुसार, निम्नलिखित में कौन-से सही हैं? [I.A.S. (Pre) 2022]

1. न्यायिक दंड के परिणामस्वरूप कोई व्यक्ति दास हो सकता था।

2. स्त्री दास अपने मालिक के संसर्ग से पुत्र जनन पर कानूनी तौर पर मुक्त हो जाती थी।

3. यदि स्त्री दास का मालिक उस स्त्री से पैदा हुए पुत्र का पिता हो, तो उस पुत्र को मालिक का पुत्र होने का कानूनी हक मिलता था।

Correct Answer: (a) केवल 1 और 2
Note:

अर्थशास्त्र के तीसरे अधिकरण के 65वें प्रकरण में दास- कल्प अध्याय है। इसके अनुसार, न्यायिक दंड के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति को दास बनाया जा सकता है। स्त्री दास को अपने मालिक से संसर्ग से संतान होने पर स्त्री और बच्चा दोनों को दासता से मुक्त हो जाने का प्रावधान था; परंतु बालक को पिता के पुत्र होने का कानूनी हक नहीं मिलता था। अतः कथन 1 और 2 सत्य हैं, जबकि कथन 3 असत्य है।

 

16. निम्नांकित में से किसकी तुलना मैक्यावेली के 'प्रिंस' से की जा सकती है? [U.P.P.C.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (b) कौटिल्य का अर्थशास्त्र
Note:

'अर्थशास्त्र' राजनीति शास्त्र का एक अद्वितीय ग्रंथ है। इसकी तुलना 'मैक्यावेली' के 'द प्रिंस' (इल प्रिंसिपे) से की जाती है।

 

17. किसके शासनकाल में डीमेकस भारत आया था? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]

Correct Answer: (b) बिंदुसार
Note:

स्ट्रैबो के अनुसार, सीरिया के राजा एंटियोकस प्रथम ने डीमेकस (डाइमेकस) नामक अपना एक राजदूत बिंदुसार की राज सभा में भेजा था। यह मेगस्थनीज के स्थान पर आया था।

 

18. बिंदुसार के शासनकाल में अशोक ने अवंति महाजनपद जीतकर मौर्य साम्राज्य में मिला लिया था। इसका उल्लेख किस ग्रंथ में मिलता है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (a) बुद्धघोष की समंत पासादिका
Note:

बिंदुसार के शासनकाल में अशोक ने अवंति महाजनपद जीतकर मौर्य साम्राज्य में मिला लिया था। इसका उल्लेख बुद्धघोष की 'समंत पासादिका' नामक ग्रंथ में मिलता है। दिव्यावदान से ज्ञात होता है कि बिंदुसार के शासनकाल में अशोक अवंति (उज्जयिनी) का उपराजा (वायसराय) था। बुद्धकाल में अवंति महाजनपद भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। यह महाजनपद मालवा क्षेत्र में अवस्थित था। इसके दो भाग थे-उत्तरी अवंति जिसकी राजधानी उज्जयिनी, जबकि दक्षिणी अवंति जिसकी राजधानी माहिष्मती थी।

 

19. पाटलिपुत्र में स्थित चंद्रगुप्त का महल मुख्यतः बना था- [41st B.P.S.C. (Pre) 1996]

Correct Answer: (c) लकड़ी का
Note:

बिहार में पटना (पाटलिपुत्र) में स्थित बुलंदीबाग एवं कुम्रहार में की गई खुदाई से चंद्रगुप्त मौर्य के लकड़ी के विशाल भवनों के अवशेष प्रकाश में आए हैं। इन्हें प्रकाश में लाने का श्रेय स्पूनर महोदय को है। बुलंदीबाग से नगर के परकोटे के अवशेष तथा कुम्रहार से राजप्रासाद के अवशेष प्राप्त हुए हैं।

 

20. किस प्राचीन नगर के अवशेष कुम्रहार स्थल से प्राप्त हुए हैं? [U.P.P.C.S. (Mains) 2011]

Correct Answer: (b) पाटलिपुत्र
Note:

बिहार में पटना (पाटलिपुत्र) में स्थित बुलंदीबाग एवं कुम्रहार में की गई खुदाई से चंद्रगुप्त मौर्य के लकड़ी के विशाल भवनों के अवशेष प्रकाश में आए हैं। इन्हें प्रकाश में लाने का श्रेय स्पूनर महोदय को है। बुलंदीबाग से नगर के परकोटे के अवशेष तथा कुम्रहार से राजप्रासाद के अवशेष प्राप्त हुए हैं।