Correct Answer: (b) प्राकृत
Note: अशोक का इतिहास हमें मुख्यतः उसके अभिलेखों से ही ज्ञात होता है। उसके अभिलेखों का विभाजन 3 वर्गों में किया जा सकता है-
(1) शिलालेख, (2) स्तंभलेख और (3) गुहालेख। ये शिलालेख ये 14 विभिन्न लेखों का एक समूह है, जो भिन्न-भिन्न स्थानों से प्राप्त किए गए हैं। इनमें शामिल प्रमुख स्थान हैं- (1) शाहबाजगढ़ी, (2) मानसेहरा, (3) कालसी, (4) गिरनार, (5) धौली, (6) जौगढ़, (7) एर्रागुडी तथा (8) सोपारा। अशोक के अधिकांश अभिलेख प्राकृत भाषा एवं ब्राह्मी लिपि में लिखे गए हैं। केवल दो अभिलेखों-शाहबाजगढ़ी एवं मानसेहरा की लिपि ब्राह्मी न होकर खरोष्ठी है। तक्षशिला से आरमेइक लिपि में लिखा गया एक भग्न अभिलेख, शर-ए-कुना नामक स्थान से ग्रीक तथा आरमेइक लिपियों में लिखा गया द्विभाषीय (ग्रीक एवं आरमेइक भाषा) अभिलेख तथा लघमान नामक स्थान से आरमेइक लिपि में लिखा गया अशोक का अभिलेख प्राप्त हुआ है।