रस (Part-2)

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31. निम्नलिखित पंक्तियों में कौन-सा रस है? हे सारथे! हे द्रोण क्या, देवेन्द्र भी आकर अड़ें, है खेल क्षत्रिय बालकों का, व्यूह-भेदन कर लड़े। मैं सत्य कहता हूँ सखे ! सुकुमार मत जानो मुझे, यमराज से भी युद्ध में प्रस्तुत सदा मानो मुझे। [V.D.O. परीक्षा, 2023]

Correct Answer: (a) वीर रस
Solution:प्रश्नान्तर्गत् पंक्तियों में 'वीर रस' है। पद्यानुसार अभिप्रेत है कि द्रोणाचार्य द्वारा रचित चक्रव्यूह का भेदन करने के लिए अभिमन्यु अत्यन्त उत्सुक हैं।

उद्धृत पद्यांश की रसगत् समीक्षा

आलम्बन - द्रोण तथा कौरव सेना

आश्रय - अभिमन्यु

अनुभाव - अभिमन्यु के वीरतापूर्ण वचन

संचारी - भाव अभिमन्यु की उग्रता

32. निम्नलिखित पंक्तियों में कौन-सा रस है? [UPSSSC आबकारी सिपाही परीक्षा, 2016 (द्वितीय पाली), P.G.T. परीक्षा, 2010]

'एक ओर अजगरहि लखि, एक ओर मृगराय । विकल बटोही बीच ही, पर्यो मूरछा खाय ।।'

 

Correct Answer: (a) भयानक
Solution:उपर्युक्त पंक्तियों में भयानक रस है। किसी भयानक दृश्य को देखने से उत्पन्न भय की परिपक्वावस्था को भयानक रस कहते हैं। इसका स्थायी भाव 'भय' होता है।

33. उधर गरजती सिन्धु लहरियाँ कुटिल काल के जालों-सी। चली आ रहीं फेन उगलती फन फैलाये व्यालों-सी। [M.P. Professional Exam. 18.12.2017]

इन पंक्तियों में निम्न में से कौन-सा रस है?

 

Correct Answer: (a) भयानक रस
Solution:'उधर गरजती..........व्यालों-सी' पंक्ति में भयानक रस है। इसका स्थायी भाव 'भय' है; अतः भय नामक स्थायी भाव से जब मन में डर, चिन्ता, व्याकुलता या अन्य भाव या रस उत्पन्न हो, तो वहाँ भयानक रस होता है।

34. अद्भुत रस का स्थायीभाव कौन-सा है? [उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल निरस्त परीक्षा, 2024]

Correct Answer: (c) विस्मय
Solution:'अद्भुत रस' का स्थायी भाव 'विस्मय' होता है। 'शोक' करुण रस का स्थायी भाव है। क्रोध रौद्र रस का स्थायी भाव है तथा निर्वेद या वैराग्य शान्त रस का स्थायी भाव है।

35. कबीर की उलटबाँसियों में कौन-सा रस प्रमुख है? [उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल (पुनर्परीक्षा), 24 अगस्त, 2024 शिफ्ट-II]

Correct Answer: (c) अद्भुत रस
Solution:'कबीर' की. उलटबाँसियों में अद्भुत रस की प्रमुखता होती है। उलटबाँसी की रचना प्रायः अटपटी वाणी में होती है, अतः सुनने या पढ़ने वाले इसके गूढ़ अर्थ से भ्रमित हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें असम्भव बातें भी रहती हैं, जो अ‌द्भुत रस की सृष्टि करती हैं।

36. वीभत्स रस का स्थायी भाव है- [T.G.T. परीक्षा, 2013, P.G.T. परीक्षा, 2004, Revenue Insp.-Exam-2014 (IInd paper, Part-I)]

Correct Answer: (c) जुगुप्सा
Solution:वीभत्स रस का स्थायीभाव 'जुगुप्सा' होता है। जब जुगुप्सा नामक स्थायी भाव, विभाव आदि भावों की परिपक्वता होती है, तब यह रस उत्पन्न होता है। 'शोक', करुण रस का स्थायी भाव है। इसी प्रकार 'विस्मय', अद्भुत रस का स्थायी भाव है।

37. किस रस का स्थायी भाव 'जुगुप्सा' है? [आश्रम पद्धति (प्रवक्ता) परीक्षा, 2009, डायट (प्रवक्ता) परीक्षा, 2014, T.G.T. परीक्षा, 2001, UPSSSC कनिष्ठ सहायक परीक्षा, 2016]

Correct Answer: (b) वीभत्स
Solution:वीभत्स रस का स्थायीभाव 'जुगुप्सा' होता है। जब जुगुप्सा नामक स्थायी भाव, विभाव आदि भावों की परिपक्वता होती है, तब यह रस उत्पन्न होता है। 'शोक', करुण रस का स्थायी भाव है। इसी प्रकार 'विस्मय', अद्भुत रस का स्थायी भाव है।

38. 'फाड़ि नखन शव आँतड़िन, रुधिर मवाद निकारि। लेपति अपने मुखनि पै, हरसि प्रेतगन नारि।।' उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा स्थायी भाव है? [T.G.T. परीक्षा, 2005]

Correct Answer: (b) जुगुप्सा
Solution:उपर्युक्त पंक्तियों में वीभत्स रस है, जिसका स्थायी भाव जुगुप्सा (घृणा) होता है।

39. "जहँ-तहँ मज्जा मांस रुचिर लखि परत बगारे। जित-जित छिटके हाड़, सेत कहुँ, कहुँ रतनारे।" [Revenue Insp. Exam-2014 (IInd Paper, Part-I)]

इस अवतरण में है -

 

Correct Answer: (a) वीभत्स रस
Solution:"जहँ-तहँ मज्जा मांस रुचिर लखि परत बगारे।

जित-जित छिटके हाड़, सेत कहुँ, कहुँ रतनारे।"

उपर्युक्त अवतरण में वीभत्स रस है।

'वीभत्स' रस का स्थायी भाव जुगुप्सा (घृणा) होता है।

40. उल्लिखित पंक्तियों में से वीभत्स रस वाली पंक्ति को चुनिए - [M.P. Professional Exam.15.12.2017]

Correct Answer: (c) स्वान अंगुरिन काटि काटि कै खात विदारत। सिर पर बैठ्यो काग आँख दोउ खात निकारत।
Solution:काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनन्द की प्राप्ति होती है, उसे 'रस' कहा जाता है। जब किसी काव्य को पढ़ने से जुगुप्सा/घृणा का बोध हो, वहाँ वीभत्स रस होता है। उपर्युक्त में से विकल्प (c) में वीभत्स रस है। इसी प्रकार विकल्प (a) में भयानक रस का तथा विकल्प (d) में हास्य रस का उदाहरण प्रस्तुत है।