रस (Part-2)

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41. अद्भुत रस का स्थायी भाव है- [उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल परीक्षा 19 जून, 2018 (I-पाली) P.G.T. परीक्षा, 2013, P.G.T. परीक्षा, 2010]

Correct Answer: (c) विस्मय
Solution:अद्भुत रस का स्थायी भाव 'विस्मय' है। किसी विचित्र और अभूतपूर्व असाधारण वस्तु को देखकर हृदय में जो अचरज का भाव प्रकट होता है, उसे आश्चर्य कहते हैं।

42. "राग है कि, रूप है कि रस है कि, जस है कि तन है कि, मन है कि प्राण है कि, प्यारी है" [T.G.T. परीक्षा, 2004]

उपर्युक्त पंक्तियों में रस है-

 

Correct Answer: (c) अद्भुत
Solution:उपर्युक्त पंक्तियों में अद्भुत रस है। इसका स्थायी भाव विस्मय होता है।

43. देखरावा मातहि निज अद्भुत रूप अखण्ड । रोम-रोम प्रति लगे कोटि-कोटि ब्रह्माण्ड । इन पंक्तियों में निम्न में से कौन-सा रस है? [M.P. Professional Exam.12.12.2017]

Correct Answer: (c) अद्भुत रस
Solution:जब किसी जीव के मन में विचित्र अथवा आश्चर्यजनक वस्तुओं को देखकर विस्मय आदि का भाव उत्पन्न होता है, तो उसे 'अ‌द्भुत रस' कहते हैं। जैसा कि उपर्युक्त पंक्तियों से भाव स्पष्ट होता है।

44. विस्मय या आश्चर्य किस रस का स्थायीभाव है? [T.G.T. परीक्षा, 2009 UPSSSC (सम्मिलित सहा. लेखा परीक्षक (सा.च.) परीक्षा, 2015]

Correct Answer: (c) अद्भुत रस
Solution:विस्मय या आश्चर्य अद्भुत रस का स्थायी भाव होता है।

45. केसव कहि न जाय का कहिये'। [आश्रम पद्धति (प्रवक्ता) परीक्षा, 2012, 2009, G.I.C. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2012, Revenue Insp. Exam-2014 (IInd Paper, Part-I)]

देखत तव रचना विचित्र अति समुझि मनहिं मन रहिये। उपर्युक्त पंक्तियों में है-

 

Correct Answer: (d) अद्भुत रस
Solution:उपर्युक्त पंक्तियाँ तुलसीदास कृत 'विनय पत्रिका' से उद्धृत हैं, जिसमें आश्चर्य का भाव प्रतीत होता है। अतः इन पक्तियों में अद्भुत रस है।

46. जन्म-मरण से भय, वैराग्य-तत्त्वों और शास्त्रादि के चिन्तन से उत्पन्न होने वाले रस का नाम है- [उत्तराखण्ड P.G.T. (परीक्षा)-2020]

Correct Answer: (b) शान्त रस
Solution:'शान्त रस' जन्म-मरण से भय, वैराग्य-तत्त्वों और शास्त्राादि के चिन्तन से उत्पन्न होता है।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

अद्भुत रस का स्थायीभाव विस्मय, करुण रस का स्थायीभाव शोक तथा वीभत्स रस का स्थायीभाव जुगुत्सा या घृणा होता है।

47. 'अब लौ नसानी अब न नसैहों', इसमें कौन-सा रस है? [V.D.O. परीक्षा, 2023]

Correct Answer: (b) शान्त रस
Solution:प्रश्नोल्लिखित पंक्ति 'अब लौ नसानी अब न नसैहों, में शान्त रस है। शम या निर्वेद नामक स्थायी भाव का उत्कर्ष होने पर 'शान्त रस' की प्रतीति होती है। 'शम' का अर्थ 'शान्त हो जाना' और 'निर्वेद' का अर्थ 'वेदना रहित' होना है। ऐसी स्थिति में मनोविकार शान्त हो जाते हैं। यही मूलभूत कारण है कि नाटक में शान्त रस की स्थिति नहीं मानी गई है।

48. सही विकल्प बताएँः [MPSI (SI) Exam, 28th oct 2017 (02:00 PM)]

संसार की असारता के कारण उत्पन्न हुए वैराग्य से की उत्पत्ति होती है।

 

 

Correct Answer: (b) शान्त रस
Solution:संसार की असारता के कारण उत्पन्न हुए वैराग्य से शान्त रस की उत्पत्ति होती है। इसका स्थायी भाव निर्वेद (उदासीनता) होता है।

49. 'कबहुँक हों यहि रहनि रहौंगो [V.D.O. परीक्षा, 2023]

श्री रघुनाथ कृपालु कृपा ते सन्त सुभाव गहोंगो।

जथा लाभ सन्तोष सदा काहूँ सो कछु न चहौंगो।

परहित निरत निरन्तर मन-क्रम वचन नेम निवहोंगो।'

उपर्युक्त पंक्तियों में निहित रस कौन-सा है?

 

Correct Answer: (d) शान्त रस
Solution:'श्री रघुनाथ कृपालु नेम निवहोंगो।' वाक्य में शान्त रस है। शान्त रस का स्थायी भाव निर्वेद (वैराग्य) है।

50. 'जहाँ सुमति तहँ सम्पति नाना, जहाँ कुमति तहँ बिपति निदाना' पद में कौन-सा रस है? [UP. TET Exam IInd Paper (VI-VIII), 2016]

Correct Answer: (d) शान्त
Solution:उपर्युक्त पंक्ति में शान्त रस है। इसका अर्थ है-जहाँ आपसी प्रेम तथा सद्भाव रहता है, वहाँ सारे सुख और सम्पत्ति होते हैं और जहाँ द्वेष तथा वैमनस्य होते हैं, वहाँ कई तरह के दुःख एवं विपत्तियाँ आती हैं।