रस

परिभाषा

Total Questions: 50

11. रस निष्पत्ति के सन्दर्भ में 'भुक्तिवाद' किस आचार्य का मत है? [UGC हिन्दी तृतीय प्रश्न-पत्र दिसम्बर, 2014]

Correct Answer: (c) भट्टनायक
Solution:रस निष्पत्ति के सन्दर्भ में 'भुक्तिवाद' मत भट्टनायक का है।

12. विभाव किसे कहते हैं? [BPSC, स्कूल टीचर परीक्षा-2023]

Correct Answer: (a) स्थायी भाव के उद्बोधक कारक
Solution:स्थायी भाव के उद्बोधक कारक को 'विभाव' कहते हैं। जो व्यक्ति, पदार्थ अथवा बाह्य विकार अन्य व्यक्ति के हृदय में भावोद्रेक करता हो, उन कारणों को विभाव कहते हैं।

13. जो भाव मन में स्थायी रूप से स्थित रहता है, उसे कहते हैं- [M.P. Professional Exam.14.12.2017]

Correct Answer: (c) स्थायी भाव
Solution:भरतमुनि के रस सूत्र 'विभावनुभावव्यभिचरिसंयोगद्रसिनिष्पत्तिः' के सन्दर्भ में भट्टनायक ने भुक्तिवाद सिद्धान्त प्रतिपादन किया है, जो सांख्य दर्शन पर आधारित है। इन्होंने निष्पत्ति का अर्थ भुक्ति माना तथा संयोग का अर्थ भोज्य-भोजक सम्बन्ध माना है।

14. भरतमुनि ने 'रस सूत्र' का विवेचन अपने किस ग्रन्थ में किया है? [T.G.T. परीक्षा, 2011]

Correct Answer: (b) नाट्यशास्त्र
Solution:भरतमुनि ने 'रस सूत्र' का विवेचन अपने 'नाट्यशास्त्र' नामक ग्रन्थ में किया है। यह 36 अध्यायों में विभक्त ग्रन्थ है। इसके छठें अध्याय में रससूत्र तथा सातवें अध्याय में विभाव, अनुभाव, संचारी भाव और स्थायी भाव की व्याख्या की गई है। 'भरतमुनि' ने भावों की कुल संख्या 49 माना है। जिसमें आठ अनुभाव, आठ स्थायी भाव तथा 33 संचारी या व्यभिचारी भाव हैं। इन्हीं आठ स्थायी भावों के आधार पर रसों की संख्या भी आठ माना है।

15. रस-निरूपण के प्रथम व्याख्याता थे- [P.G.T. परीक्षा, 2010]

Correct Answer: (a) भरतमुनि
Solution:रस-निरूपण के प्रथम व्याख्याता भरतमुनि थे। आचार्य भरतमुनि ने ग्रन्थ 'नाट्यशास्त्र' में रस-सूत्र का सिद्धान्त दिया है, जिसके चार प्रारम्भिक व्याख्याता हैं- भट्ट लोल्लट-उत्पत्तिवाद, शंकुक-अनुमितिवाद, भट्ट नायक-भुक्तिवाद तथा अभिनव गुप्त-अभिव्यक्तिवाद।

16. 'वाक्यं रसात्मकं काव्यम्' कहने वाले आचार्य हैं- [Revenue Insp. Exam-2014 (IInd Paper, Part-I)]

Correct Answer: (b) विश्वनाथ
Solution:आचार्य विश्वनाथ ने अपने ग्रन्थ 'साहित्य दर्पण' में 'वाक्यं रसात्मकं काव्यम्' सूत्र वाक्य का प्रयोग किया। रस को साहित्य की आत्मा मानने वाले वे पहले संस्कृत आचार्य हैं।

17. सही विकल्प चुनेंः [MPSI (SI) Exam, 26th oct 2017 (09:00 AM)]

रस ..... ब्रह्म है।

 

Correct Answer: (c) आनन्द स्वरूप
Solution:रस आनन्द स्वरूप ब्रह्म है। काव्य को पढ़ने, सुनने से उत्पन्न होने वाली आनन्द की अनुभूति को ही रस कहा जाता है।

18. आचार्य भरत ने रसों की संख्या कितनी मानी है? [U.P. SI-2021 P.G.T. परीक्षा, 2011, आश्रम पद्धति (प्रवक्ता) परीक्षा, 2012, G.I.C. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2015, Revenue Insp. Exam-2014 (Ind Paper, Part-I)]

Correct Answer: (d) आठ
Solution:आचार्य भरत ने रसों की संख्या 8 मानी है।

19. रति, हास, शोक, क्रोध, भय आदि भावों की गिनती इनमें से किस भाव के अन्तर्गत होती है? [उत्तराखण्ड P.G.T. (परीक्षा)-2020]

Correct Answer: (c) स्थायीभाव
Solution:रति, हास, शोक, क्रोध तथा भय क्रमशः श्रृंगार, हास्य, करुण रौद्र तथा भयानक रस के 'स्थायीभाव' हैं।

20. विभाव के कितने प्रकार होते हैं - [उत्तराखण्ड P.G.T. (परीक्षा)-2020]

Correct Answer: (a) दो
Solution:विभाव दो प्रकार के होते हैं