राजकोषीय नीति एवं राजस्व (भाग-3)(आर्थिक विकास)

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21. संसद में बजट संबंधित प्रक्रिया के विषय में 'मांग की राशि को घटाकर एक रुपया करना है', को कहा जाता है- [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (b) नीति कटौती प्रस्ताव
Solution:आम बजट में अनुदान मांग पर संसद के सदस्यों द्वारा अनुदान की मांग में कटौती का प्रस्ताव लाया जा सकता है, जिसका उद्देश्य विशिष्ट मद की ओर सदन का ध्यान आकृष्ट कराना होता है। कटौती प्रस्ताव के तीन रूप हो सकते हैं- (1) नीति कटौती प्रस्ताव-इसमें प्रस्तावक कहता है कि अनुदान मांग को घटाकर 1 रुपये की जाए, (2) मितव्ययिता कटौती-इसमें प्रस्तावक कहता है कि 'मांग की राशि कुछ रुपया' (एक निर्दिष्ट रकम) कम किया जाए तथा (3) सांकेतिक कटौती-इसमें प्रस्तावक कहता है कि 'मांग की राशि 100 रु. कम की जाए'।

22. निम्नलिखित प्रस्तावों में से किसका संदर्भित संबंध संघीय बजट से है? [U.P. P.C.S. (Pre) 2002 U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2003]

Correct Answer: (c) कटौती प्रस्ताव
Solution:कटौती प्रस्ताव का संबंध संघीय बजट से है। जिस प्रस्ताव के द्वारा सरकार या उसके किसी विभाग द्वारा धन के लिए प्रस्तावित मांग में कटौती का प्रस्ताव किया जाता है, उसे कटौती प्रस्ताव कहते हैं। कटौती प्रस्ताव तीन प्रकार के होते हैं- (i) नीतिगत कटौती प्रस्ताव, (ii) अर्थगत कटौती प्रस्ताव और (iii) प्रतीकात्मक कटौती प्रस्ताव।

23. निम्नलिखित में से कौन सही सुमेलित नहीं है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (d) लेखानुदान - बजट मांगों को पूर्ण रूप से वित्तीय वर्ष के लिए पारित करना
Solution:विनियोग विधेयक के पारित होने के बाद ही समेकित कोष से कोई रकम निकाली जा सकती है, किंतु यदि सरकार के वित्तीय वर्ष के अंत में बदलाव आए या नई सरकार विनियोग विधेयक तुरंत नहीं लाए या किसी अन्य कारण से विनियोग विधेयक के पारित होने के पहले ही रुपये की आवश्यकता हो, तो अनुच्छेद 116 (क) के तहत लोक सभा, लेखानुदान (Vote on Account) पारित कर सरकार के लिए एक | अग्रिम राशि मंजूर कर सकती है। अन्य सभी विकल्प सही सुमेलित हैं।

24. लेखानुदान बना है- [60th to 62nd B.P.S.C. (Pre) 2016]

Correct Answer: (c) बजट पारित लंबित होने के कारण निधि आबंटन हेतु
Solution:विनियोग विधेयक के पारित होने के बाद ही समेकित कोष से कोई रकम निकाली जा सकती है, किंतु यदि सरकार के वित्तीय वर्ष के अंत में बदलाव आए या नई सरकार विनियोग विधेयक तुरंत नहीं लाए या किसी अन्य कारण से विनियोग विधेयक के पारित होने के पहले ही रुपये की आवश्यकता हो, तो अनुच्छेद 116 (क) के तहत लोक सभा, लेखानुदान (Vote on Account) पारित कर सरकार के लिए एक | अग्रिम राशि मंजूर कर सकती है। अन्य सभी विकल्प सही सुमेलित हैं।

25. वित्त मंत्रालय (भारत सरकार) ने वर्ष 2005 के बजट से परिणाम (आउटकम) बजट का विचार लागू किया है। इसके अंतर्गत परिणामों की यथार्थता सत्यापित करने का दायित्व निम्न में से किसका होगा ? [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (c) वित्त मंत्रालय और योजना आयोग का संयुक्त रूप से
Solution:परिणाम बजट (Outcome Budget) नागरिकों हेतु सरकार की कार्यशैली, का परिचायक होता है। विभिन्न मंत्रालयों से मिलने वाले आंकड़ों का सत्यापन वित्त मंत्रालय एवं योजना आयोग (अब समाप्त) दोनों द्वारा किया जाता है। अतः विकल्प (c) अभीष्ट उत्तर है।

26. निष्पादन बजट की अवधारणा ली गई है- [U.P.P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (d) संयुक्त राज्य अमेरिका से
Solution:हूवर आयोग (1949) की संस्तुति पर निष्पादन बजट का सबसे पहले प्रयोग यू.एस.ए. में कृषि क्षेत्र में किया गया। इस प्रकार का बजट लागत-लाभ विश्लेषण को निरूपित करता है।

27. भारत में बजट घाटे को पूरा करने की तदर्थ ट्रेजरी बिल प्रणाली को समाप्त कर दिया गया - [56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]

Correct Answer: (d) 31 मार्च, 1997 को
Solution:एडहॉक ट्रेजरी बिल्स की भारत में शुरुआत वर्ष 1955 में हुई थी। ये रिजर्व बैंक के नाम से ही निर्गमित होती थी तथा सरकार की अत्यंत ही अस्थायी फंड संबंधी आवश्यकता की पूर्ति के लिए निर्गमित की जाती थी। इनका प्रत्यक्ष तथा तत्काल मौद्रीकरण हो जाता था, क्योंकि इनके निर्गमित होने के साथ ही रिजर्व बैंक की संपत्ति बढ़ जाती थी और अनुषंगी रूप में मुद्रा दायित्व में वृद्धि होती थी। एडहॉक ट्रेजरी बिल्स का निर्गमन 31 मार्च, 1997 से बंद कर दिया गया है और इसके स्थान पर अर्थोपाय अग्रिम की योजना लागू की गई है।

28. बजट के हिसाब-किताब की जांच भारतीय संसद किसके द्वारा करती है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (b) सार्वजनिक लेखा समिति
Solution:बजट के हिसाब-किताब की जांच 'सार्वजनिक (लोक) लेखा समिति' (PAC) द्वारा की जाती है। इस समिति में 22 सदस्य (15 लोक सभा + 7 राज्य सभा) होते हैं। विपक्षी दल का कोई सदस्य ही इस समिति का अध्यक्ष होता है। यह संसद की सबसे पुरानी वित्तीय समिति है।

29. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2018]

1. राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफ.आर.बी.एम.) समीक्षा समिति के प्रतिवेदन में सिफारिश की गई है कि वर्ष 2023 तक केंद्र एवं राज्य सरकारों को मिलाकर ऋण जी. डी.पी. अनुपात 60% रखा जाए, जिसमें केंद्र सरकार के लिए यह 40% तथा राज्य सरकारों के लिए 20% हो।

2. राज्य सरकारों के जी.डी.पी. के 49% की तुलना में केंद्र सरकार के लिए जी.डी.पी. का 21% घरेलू देयताएं हैं।

3. भारत के संविधान के अनुसार, यदि किसी राज्य के पास केंद्र सरकार की बकाया देयताएं हैं, तो उसे कोई भी ऋण लेने से पहले केंद्र सरकार से सहमति लेना अनिवार्य है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (c) केवल 1 और 3
Solution:पूर्व राजस्व एवं व्यय सचिव और पूर्व सांसद तथा वर्तमान में 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह की अध्यक्षता वाली राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (FRBM) समिति ने अपनी रिपोर्ट जनवरी, 2017 में पेश की। इस समिति के प्रतिवेदन में सिफारिश की गई है कि वर्ष 2023 तक केंद्र एवं राज्य सरकारों को मिलाकर ऋण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुपात 60 प्रतिशत रखा जाए, जिसमें केंद्र सरकार के लिए यह 40 प्रतिशत तथा राज्य सरकारों के लिए यह 20 प्रतिशत हो। वर्ष 2013 में ओईसीडी (OECD) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकारों के जीडीपी के 21 प्रतिशत की तुलना में केंद्र सरकार के लिए जीडीपी का 49.23 प्रतिशत घरेलू देयताएं हैं अर्थात राज्य सरकारों की तुलना में केंद्र सरकार की घरेलू देयताएं बहुत ही अधिक हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 293 की उपधारा (3) के अनुसार, यदि किसी राज्य के पास केंद्र सरकार की बकाया देयताएं हैं, तो उसे कोई भी ऋण लेने से पहले केंद्र सरकार से सहमति लेना अनिवार्य है। उपरोक्त व्याख्या के आधार पर स्पष्ट है कि दिए गए कथनों में कथन (1) एवं (3) सत्य हैं। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।

30. राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम भारत वर्ष में कब पारित किया गया था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (d) 2003
Solution:वर्ष 1991 के पश्चात राजकोषीय सुदृढ़ीकरण का अनुसरण किया गया और इन सुधारों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम (FRBMA-2003) 26 अगस्त, 2003 को अधिनियमित किया गया, जो 5 जुलाई, 2004 से प्रभावी है। इसका उद्देश्य सरकार में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करना है।