Solution:कैपिटल गेन टैक्स-कैपिटल गेन दो तरह के होते हैं- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन। जैसा कैपिटल गेन वैसा उसका टैक्स इम्पैक्ट होता है। अगर संपत्ति को तीन वर्ष से अधिक समय के बाद बेचा जाता है, तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन होता है। अगर इसे तीन वर्ष से कम समय में बेचें, तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन होता है। इस प्रकार यह संपत्ति विक्रय से संबंधित है।सेंट्रल एक्साइज़ ड्यूटी या केंद्रीय उत्पाद शुल्क - किसी भी कंपनी अथवा फैक्टरी द्वारा उत्पादित वस्तुओं के मूल्यों पर लगाया जाता है। यह एक अप्रत्यक्ष कर है।
सीमा शुल्क- यह भी एक अप्रत्यक्ष कर है, जिसे देश की सीमा से बाहर जाने वाली तथा देश में बाहर से आने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है अर्थात यह वस्तुतः निर्यात एवं आयात पर लगाया जाता है।
कॉर्पोरेट टैक्स- यह कंपनियों के लाभ पर लगाया जाता है। इसी कारण इसे 'कंपनी लाभ कर' भी कहा जाता है। यह आयकर की भांति एक प्रत्यक्ष कर है।