राजनीतिक दल (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 54

51. किस राज्य में साम्यवादी दलों ने संयुक्त रूप से 'भू-पोर्तम' आंदोलन चलाया है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2007]

Correct Answer: (a) आंध्र प्रदेश
Solution:आंध्र प्रदेश में साम्यवादी दलों ने संयुक्त रूप से 'भू-पोर्तम' आंदोलन चलाया। साम्यवादी दलों का आरोप था कि कांग्रेस ने सरकार में आने पर गरीबों को भूमि तथा घर देने का अपना वादा नहीं निभाया। साम्यवादी दलों ने भूमि के लिए अपने इस संघर्ष को भू-पोर्तम का नाम दिया था।

52. निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ग भारत में कम्युनिस्ट पार्टी के सामाजिक आधार में सम्मिलित नहीं है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (b) व्यापारी वर्ग
Solution:व्यापारी वर्ग भारत में कम्युनिस्ट पार्टी के सामाजिक आधार में सम्मिलित नहीं है। कम्युनिस्ट पार्टी पूंजीवाद का विरोध करती है, जबकि व्यापारी वर्ग कहीं-न-कहीं पूंजीवाद का समर्थक होता है। अतः यह वर्ग इस पार्टी का सामाजिक आधार नहीं बनाता है।

53. 'कामराज योजना' का उद्देश्य था- [U.P.P.C.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (c) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को जीवन्त बनाना
Solution:1963 में कामराज योजना, कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष के. कामराज द्वारा तैयार की गई थी। यह योजना भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को जीवन्त बनाने एवं राष्ट्रीय विकास के योगदान में वृद्धि हेतु तैयार की गई।

54. चुनावी बॉण्ड योजना, 2018 के बारे में निम्न कथनों पर विचार करें- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]

(A) राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना इस योजना का उद्देश्य है।

(B) चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त केवल वही राजनीतिक दल चुनावी बॉण्ड प्राप्त कर सकेंगे, जिन्होंने पिछले लोक सभा या राज्य की विधानसभा के चुनावों में न्यूनतम दो प्रतिशत मत प्राप्त किए हैं।

(C) चुनावी बॉण्ड जारी होने की तिथि से पंद्रह कैलेंडर दिवस तक वैध रहेंगे।

(D) पात्र राजनीतिक दल द्वारा अपने खाते में जमा कराए गए चुनावी बॉण्ड का भुगतान उसी दिन किया जाएगा। उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?

Correct Answer: (d) केवल (A), (C) और (D)
Solution:2 जनवरी, 2018 को केंद्र सरकार ने 'चुनावी बॉण्ड योजना' की अधिसूचना जारी की थी। वित्त मंत्री ने वर्ष 2017-18 के बजट भाषण के के लिए चुनावी बॉण्ड जारी करने की घोषणा की थी। इस योजना तहत चुनावी बॉण्ड के माध्यम से निर्वाचन आयोग के पास पंजीकृत सभा या विधानसभा चुनाव में कम-से-कम एक प्रतिशत मत प्राप्त कि हो। चुनावी बॉण्ड जारी होने के बाद पंद्रह दिनों तक वैध रहते थे में देश में राजनीतिक दलों को मिलने वाली फंडिंग को पारदर्शी बनाने केवल वही राजनीतिक दल ही चंदा ले सकते थे, जिन्होंने पिछले लोक राजनीतिक दल चुनावी बॉण्ड को अपने खाते में जमा करके उस दिन भुगतान प्राप्त कर सकते थे। उल्लेखनीय है कि फरवरी, 202 में उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्णय में 'चुनावी बॉण्ड योजना' द सूचना के अधिकार का उल्लंघन मानते हुए असंवैधानिक करार दिया