Solution:उपर्युक्त प्रश्न के हिंदी और अंग्रेजी रूपों (Versions) में तात्विक अंतर है। हिंदी रूप में यह प्रश्न पूछा गया प्रतीत हो रहा है कि भारतीय संविधान में संघ की राजभाषा से संबंधित प्रावधानों (Provisions) में, संसद अपने सदस्यों के किस बहुमत द्वारा संशोधन करने के लिए सशक्त है। उल्लेखनीय है कि संविधान के भाग 17 के अंतर्गत अनुच्छेद 343, 344, 346 एवं 348 (1) (ख) के तहत संघ की राजभाषा के विषय से संबंधित प्रावधान दिए हुए हैं। दूसरी ओर, प्रश्न के अंग्रेजी रूप से यह प्रश्न पूछा गया प्रतीत हो रहा है कि संविधान के अंतर्गत संसद, अपने किस बहुमत द्वारा, संघ की राजभाषा संबंधी प्रावधान (Provision) का संशोधन करने के लिए अधिकृत है।प्रश्न के हिंदी रूप एवं अंग्रेजी रूप में, क्रमशः "भारत की आधिकारिक भाषा" एवं "Official Language of India" नामक पदावलियों का प्रयोग किया गया है, जो तकनीकी रूप से सही नहीं है। भारतीय संविधान में "भारत की राजभाषा" पदावली का प्रयोग नहीं हुआ है। उसमें "संघ की राजभाषा" एवं "The Official Language of Union" पदावलियों (terms) का प्रयोग हुआ है। अतएव, प्रश्न में "Official Language of India" या "भारत की आधिकारिक भाषा" पदावलियों के प्रयोग से भ्रम पैदा हो रहा है। इस दृष्टि से प्रश्न यदि गलत नहीं, तो अस्पष्ट (Vague) तो है ही।
यदि हम उपर्युक्त 'अस्पष्टता' को प्रश्नोत्तर के लिए नजरअंदाज करें तो यह प्रतीत होता है कि प्रश्न, "संघ की राजभाषा" से संबंधित है। जैसा कि इस व्याख्या के प्रथम पैराग्राफ में उल्लिखित है, प्रश्न के हिंदी एवं अंग्रेजी रूपों में अंतर होने के कारण, उत्तर भी अलग-अलग होगा। हिंदी रूप के अनुसार, विकल्प (b) सही है। संघ की राजभाषा संबंधी प्रावधानों वाले अनुच्छेद 343, 344, 346 और 348(1) (ख) में संशोधन, संसद द्वारा अनुच्छेद 368(2) में अधिकथित प्रक्रिया के अनुसार ही संभव है, अन्यथा नहीं। ये अनुच्छेद, अर्थात अनुच्छेद 343, 344, 346 एवं 348 (1) (ख), अनुच्छेद 368(2) के परंतुक (proviso) से शासित (govern) नहीं है, इसलिए इनमें संशोधन के लिए कम-से-कम आधे राज्य विधानमंडलों का अनुसमर्थन (ratification) नहीं चाहिए। दूसरी ओर यदि प्रश्न के अंग्रेजी रूप को स्वीकार किया जाए तो विकल्प (a) सही उत्तर होगा। संसद को अनुच्छेद 343(3) के अनुसार, अनुच्छेद 343(1) का अपवाद सृजित करते हुए, संघ की राजभाषा 'हिंदी' के स्थान पर या हिंदी के अतिरिक्त 'अंग्रेजी' को, संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए जारी रखने के लिए कानून बनाने की शक्ति है। अनुच्छेद 343(3) के तहत ऐसा कानून संसद द्वारा अपने साधारण बहुमत से बनाया जाएगा। संसद ने अपनी इस शक्ति का प्रयोग करते हुए राजभाषा अधिनियम, 1963 अधिनियमित किया है। इस अधिनियम की धारा 3 के अनुसार, हिंदी के अतिरिक्त, अंग्रेजी भी संघ की राजभाषा के रूप में 26 जनवरी, 1965 से प्रयुक्त होती रहेगी। संघ के कतिपय शासकीय प्रयोजनों के लिए तो अंग्रेजी, इस अधिनियम के अनुसार अनिवार्य है। स्पष्टतः उक्त अधिनियम में कोई भी संशोधन, संसद द्वारा अपने साधारण बहुमत से किया जा सकता है और तदनुसार संघ की राजभाषा में संविधान के अनुरूप संशोधन किया जा सकता है। प्रश्न के अंग्रेजी रूप में प्रयुक्त 'Provision' शब्द और 'Under The Constitution' शब्दों से अनुच्छेद 343(3) के तहत संसद को प्राप्त शक्ति का एवं शक्ति के प्रयोग में अधिनियमित राजभाषा अधिनियम का संदर्भ स्पष्ट हो रहा है। उपर्युक्त व्याख्या से स्पष्ट है कि एक ही प्रश्न के दो सुभिन्न उत्तर हैं।