राज्यपाल (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

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31. किसी राज्य के राज्यपाल द्वारा जारी आर्डिनेन्स का अनुमोदन होना आवश्यक है- [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]

Correct Answer: (b) राज्य की विधायिका द्वारा
Solution:भारतीय संविधान के अनु. 213 (1) के अनुसार, उस समय को छोड़कर जब किसी राज्य की विधानसभा सत्र में है या विधान परिषद वाले राज्य में विधानमंडल के दोनों सदन सत्र में हैं, यदि किसी समय राज्यपाल को लगता है कि ऐसी परिस्थितियां विद्यमान हैं, जिसके कारण तुरंत कार्रवाई आवश्यक है, तो वह अध्यादेश (Ordinance) प्रख्यापित कर सकेगा। अनुच्छेद 213(2) (क) के अनुसार, इस अध्यादेश को राज्य विधानमंडल के पुनः समवेत होने पर उससे स्वीकृति मिलना आवश्यक है, अन्यथा विधानमंडल के पुनः समवेत होने के 6 सप्ताह के बाद उसकी वैधता समाप्त हो जाती है।

32. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राज्यपाल को विधानमंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की शक्ति प्राप्त है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (d) 213
Solution:भारतीय संविधान के अनु. 213 (1) के अनुसार, उस समय को छोड़कर जब किसी राज्य की विधानसभा सत्र में है या विधान परिषद वाले राज्य में विधानमंडल के दोनों सदन सत्र में हैं, यदि किसी समय राज्यपाल को लगता है कि ऐसी परिस्थितियां विद्यमान हैं, जिसके कारण तुरंत कार्रवाई आवश्यक है, तो वह अध्यादेश (Ordinance) प्रख्यापित कर सकेगा। अनुच्छेद 213(2) (क) के अनुसार, इस अध्यादेश को राज्य विधानमंडल के पुनः समवेत होने पर उससे स्वीकृति मिलना आवश्यक है, अन्यथा विधानमंडल के पुनः समवेत होने के 6 सप्ताह के बाद उसकी वैधता समाप्त हो जाती है।

33. निम्न में से किसकी नियुक्ति राज्य का राज्यपाल नहीं करता? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (c) उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 217(1) के अनुसार, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जबकि राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है और राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों तथा महाधिवक्ता की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की सलाह पर की जाती है।

34. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए तथा नीचे दिए गए फूट से अपना उत्तर चुनिए- [U.P. P.C.S. (Pre) 2017]

1. राज्यपाल को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति का अधिकार नहीं है।

2. वह विधानमंडल का हिस्सा नहीं है।

3. उन्हें विधान परिषद में कुछ सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार है।

4. उनके पास कोई न्यायिक शक्ति नहीं है।

Correct Answer: (b) 1 और 3 सही हैं।
Solution:राज्यपाल को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति का अधिकार नहीं है, क्योंकि अनुच्छेद 217 (1) के अनुसार, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 171 के अनुसार, विधान परिषद की सदस्य संख्या के लगभग 1/6 भाग को साहित्य, विज्ञान, कला, सहकारिता और समाज सेवा में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले व्यक्तियों में से राज्यपाल द्वारा मनोनीत किया जाता है। अनुच्छेद 168(1) के अंतर्गत राज्यपाल राज्य विधानमंडल का हिस्सा है तथा अनुच्छेद 161 के अनुसार, राज्यपाल को क्षमा, आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार और लघुकरण की शक्ति (न्यायिक शक्ति) प्राप्त है।

35. राज्यपालों के संदर्भ में निम्न में से कौन-सा एक कथन सत्य नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2005]

Correct Answer: (b) वह मृत्युदंड को क्षमा कर सकता है।
Solution:राज्यपाल अनु. 168 के तहत राज्य की विधायिका का अंग होता है. राज्यों के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति अनु. 217 के तहत राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, तथा राज्यपाल के पास राष्ट्रपति की तरह आपातकालीन शक्तियां नहीं हैं। इस प्रकार कथन (a), (c) एवं (d) सत्य हैं। वस्तुतः अनु. 161 के तहत राज्य की कार्यपालिका शक्ति के विस्तार वाले विषयों संबंधी किसी विधि के विरुद्ध किसी अपराध के लिए दोषसिद्ध ठहराए गए व्यक्ति के दंड का राज्यपाल प्रविलंबन, विराम, परिहार, लघुकरण या उसे क्षमा कर सकता है अथवा दंडादेश (जिसमें मृत्यु दंडादेश-Death Sentence शामिल है) • निलंबन, परिहार या लघुकरण कर सकता है, परंतु मृत्यु दंडावेश थे यह क्षमा नहीं कर सकता है। मृत्यु दंडादेश को क्षमा करने की शक्ति केवल राष्ट्रपति को अनु. 72 के तहत प्राप्त है।

36. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं। [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]

एक को कथन (A) एवं दूसरे को कारण (R) का नाम दिया गया है। दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर चुनिए :

कथन (A) : राष्ट्रपति और राज्यपालों पर उनके किसी भी कार्य के लिए न्यायालय में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।

कारण (R) : राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाया जा सकता है और राज्यपालों को असंवैधानिक कृत्यों के करने पर पदच्युत किया जा सकता है।

Correct Answer: (d) (A) गलत है, किंतु (R) सही है।
Solution:संविधान के अनुच्छेद 361 (1) के तहत राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल को उनके द्वारा किए गए शासकीय कार्यों के लिए विधिक कार्यवाही से उन्मुक्ति प्राप्त है। अनुच्छेद 361 (2) के अनुसार, अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति या राज्यपालों के विरुद्ध किसी भी न्यायालय में आपराधिक (दांडिक) मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है, परंतु अनुच्छेद 361(4) के प्रावधान के तहत उनके द्वारा व्यक्तिगत हैसियत से किए गए कार्य के संबंध में उनके विरुद्ध अनुतोष का दावा करने वाला दीवानी (सिविल) मुकदमा तत्संबंधी विस्तृत लिखित सूचना उन्हें या उनके कार्यालय में देने के दो माह पश्चात चलाया जा सकता है। इस प्रकार प्रश्नगत कथन सही नहीं है, जबकि कारण संवैधानिक प्रावधानों के तहत सही है। अतः अभीष्ट उत्तर विकल्प (d) है।

37. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2018]

1. किसी राज्य के राज्यपाल के विरुद्ध उसकी पदावधि के दौरान किसी न्यायालय में कोई दांडिक कार्यवाही संस्थित नहीं की जाएगी।

2. किसी राज्य के राज्यपाल की परिलब्धियां और भत्ते उसकी पदावधि के दौरान कम नहीं किए जाएंगे।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:कथन 1 संविधान के अनुच्छेद 361 के संदर्भ में तथा कथन 2 अनुच्छेद 158 के संदर्भ में सही है। अनुच्छेद 361 के खंड (2) में यह उपबंधित है कि राष्ट्रपति या राज्यपाल के विरुद्ध उसकी पदावधि के दौरान किसी न्यायालय में किसी भी प्रकार की दांडिक कार्यवाही संस्थित नहीं की जाएगी या चालू नहीं रखी जाएगी। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 158 'राज्यपाल के पद के लिए शर्तें' विषय से संबंधित है। इसके खंड (4) के प्रावधानानुसार राज्यपाल की उपलब्धियां और भत्ते उसकी पदावधि के दौरान कम नहीं किए जाएंगे। इस प्रकार प्रश्नगत दोनों कथन सही हैं।

38. निम्नलिखित में से क्या सत्य नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2016]

Correct Answer: (d) मंत्रियों द्वारा राष्ट्रपति या राज्यपाल को दिए गए सलाह को जांचने के लिए न्यायालय अधिकृत हैं।
Solution:संविधान के अनुच्छेद 74(2) के अनुसार, इस प्रश्न की किसी न्यायालय में जांच नहीं की जाएगी कि क्या मंत्रियों ने राष्ट्रपति को कोई सलाह दी और यदि दी तो क्या दी। ऐसी ही व्यवस्था राज्यपाल के संदर्भ में अनुच्छेद 163 (3) में प्रदान की गई है। अन्य सभी विकल्पों के कथन सही हैं।

39. भारत के संविधान में निम्न में से किसके विरुद्ध अभियोग चलाने का प्रावधान नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (b) राज्य के राज्यपाल के विरुद्ध
Solution:राज्य के राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत (अर्थात जब तक राष्ट्रपति की संवैधानिक इच्छा है) पद धारण करते हैं जबकि राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति एवं भारत के मुख्य न्यायाधीश को पदावधि से पूर्व हटाने के लिए संसद में अभियोग चलाना या निर्धारित प्रक्रियानुसार संकल्प पारित करना आवश्यक है।

40. भारत में किसी राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली महिला - [M.P.P.C.S. (Pre) 1995 Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (c) सरोजिनी नायडू
Solution:सरोजिनी नायडू भारत की प्रथम महिला हैं, जिन्हें राज्यपाल पद पर नियुक्त किया गया। वह 15 अगस्त, 1947 से 2 मार्च, 1949 तक उत्तर प्रदेश (तत्कालीन संयुक्त प्रांत) की राज्यपाल रही थीं।