राज्य की नीति के निदेशक तत्व (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

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1. राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों को भारतीय संविधान में शामिल किए जाने का उद्देश्य है- [I.A.S. (Pre) 2002]

Correct Answer: (d) सामाजिक और आर्थिक प्रजातंत्र को स्थापित करना
Solution:

राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों को भारतीय संविधान में शामिल किए जाने का उद्देश्य है सामाजिक और आर्थिक प्रजातंत्र को स्थापित करना। यह उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना में सहायक है, जिसका संविधान निर्माता एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए प्रावधान करना चाहते थे।

2. निम्नलिखित में से कौन एक राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का उद्देश्य नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2017 U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]

Correct Answer: (c) एक धार्मिक राज्य की स्थापना करना।
Solution:भारतीय संविधान के भाग 4 में, अनुच्छेद 36 से 51 तक में 'राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों' का वर्णन किया गया है। भारत के संविधान निर्माताओं का लक्ष्य इन सिद्धांतों के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र एवं कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना था। इन सिद्धांतों का उद्देश्य धार्मिक राज्य की स्थापना करना नहीं है।

3. राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत किस प्रकार मौलिक अधिकारों से भिन्न हैं? [I.A.S. (Pre) 2009]

Correct Answer: (c) निदेशक सिद्धांत प्रवर्तनीय नहीं हैं, जबकि मौलिक अधिकार प्रवर्तनीय हैं
Solution:राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत मौलिक अधिकारों से भिन्न हैं, क्योंकि नीति निदेशक सिद्धांत प्रवर्तनीय नहीं हैं, जबकि मौलिक अधिकार न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय हैं। नीति निदेशक सिद्धांत संविधान के भाग 4 में वर्णित हैं और कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए दिए गए निर्देश हैं, जबकि भाग 3 में वर्णित मौलिक अधिकार व्यक्तियों को राज्य कृत्य के विरुद्ध दी गई सुरक्षा की गारंटी हैं।

4. 'निदेशक तत्व' क्या हैं? [M.P.P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (b) अ-वाद योग्य
Solution:भारतीय संविधान में सामाजिक-आर्थिक एजेंडे को साकारित करने के लिए वाद योग्य और अ-वाद योग्य दोनों तरह की व्यवस्थाएं समाहित हैं, जिसमें मौलिक अधिकार 'वाद योग्य' और नीति निदेशक तत्व 'अ-वाद योग्य' हैं।

5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए [I.A.S. (Pre) 2017]

भारत के संविधान के संदर्भ में राज्य की नीति के निदेशक तत्व

1. विधायिका के कृत्यों पर निर्बंधन करते हैं।

2. कार्यपालिका के कृत्यों पर निर्बंधन करते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है / हैं?

Correct Answer: (d) न तो 1, न ही 2
Solution:राज्य के नीति निदेशक तत्व, विधायिका, कार्यपालिका और संवैधानिक मामलों में राज्य के लिए सिफारिशें हैं। एम.सी. सीतलवाड़ के अनुसार, निदेशक तत्व कोई विधिक अधिकार एवं कानूनी उपचार नहीं बताते, ये सभी राज्य क्रियाओं की विधायिका या कार्यपालिका के लिए प्रभुत्व पृष्ठभूमि का निर्माण करते हैं। अतः राज्य के नीति निदेशक तत्व न तो विधायिका के कृत्यों पर निर्बंधन हैं और न ही कार्यपालिका के कृत्यों पर निर्बंधन ।

6. भारत के संविधान के भाग IV में अंतर्विष्ट प्रावधानों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2020]

1. वे न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय होंगे।

2. वे किसी भी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे।

3. इस भाग में अधिकथित सिद्धांत राज्य के द्वारा कानून बनाने को प्रभावित करेंगे।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए -

Correct Answer: (d) केवल 2 और 3
Solution:भारतीय संविधान का भाग IV (अनुच्छेद 36-51) राज्य नीति के निदेशक तत्वों से संबंधित है। अनुच्छेद 37 के अनुसार, इस भाग के प्रावधान किसी भी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय (Enforceable) नहीं होते हैं। इसका अर्थ यह है कि यह संविधान का एक हिस्सा है, जिसे न्यायपालिका द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता है। यद्यपि भाग-IV के उपबंध न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं तथापि इस भाग में दिए गए सिद्धांत राष्ट्र के संचालन में मूलभूत हैं तथा ये सिद्धांत राज्य के द्वारा कानून बनाने को प्रभावित करते हैं। समय-समय पर सरकार ने कुछ नीति निदेशक तत्वों को लागू करने का प्रयास किया है। जमींदारी उन्मूलन कानून, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, फैक्ट्री अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी निर्धारण, कुटीर और लघु उद्योगों को प्रोत्साहन, मनरेगा, 6 से 14 वर्ष आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के उन्नयन के लिए आरक्षण आदि इन प्रयासों को दर्शाते हैं।

7. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में यह उल्लेखित है कि राज्य के नीति निदेशक तत्वों को किसी भी न्यायालय द्वारा लागू नहीं किया जा सकता है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (d) अनुच्छेद 37
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 37 के अनुसार भाग-4 (राज्य की नीति के निदेशक तत्व) में अंतर्विष्ट उपबंध किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे, किंतु फिर भी इनमें अधिकथित तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और विधि बनाने में इन तत्वों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा।

8. राज्य के नीति निदेशक तत्व के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : [U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2023]

1. वे न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं।

2. कानून निर्माण में इन सिद्धांतों को लागू करना राज्य का कर्त्तव्य होगा।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :

Correct Answer: (b) 1 और 2 दोनों
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 37 के अनुसार भाग-4 (राज्य की नीति के निदेशक तत्व) में अंतर्विष्ट उपबंध किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे, किंतु फिर भी इनमें अधिकथित तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और विधि बनाने में इन तत्वों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा।

9. राज्य की नीति के निदेशक तत्वों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2015]

1. ये तत्व देश के सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र की व्याख्या करते हैं।

2. इन तत्वों में अंतर्विष्ट उपबंध किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय (एनफोर्सिएबल) नहीं हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:राज्य की नीति के निदेशक तत्व देश के सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र की व्याख्या करते हैं। राज्य की नीति के निदेशक तत्वों में अंतर्विष्ट उपबंध न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं।

10. कल्याणकारी राज्य की संकल्पना का समावेश भारत के संविधान में है [41st B.P.S.C. (Pre) 1994 Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002 U.P. Lower Sub. (Pre) 2004 I.A.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (a) राज्य के नीति निदेशक तत्वों में
Solution:कल्याणकारी राज्य की संकल्पना का समावेश भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदेशक तत्वों में किया गया है। ये संविधान में भाग 4 के तहत अनुच्छेद 36 से 51 के अंतर्गत शामिल किए गए हैं।

भारतीय संविधान की प्रस्तावना राजव्यवस्था के उद्देश्यों का उल्लेख करती है कि राज्य अपने नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता तथा प्रतिष्ठा एवं अवसर की समता उपलब्ध कराएगा, जो कि एक कल्याणकारी राज्य के आदर्श का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त नीति निदेशक तत्वों में कल्याणकारी राज्य की स्थापना हेतु राज्य को निर्देश दिए गए हैं। इस प्रकार प्रस्तावना एवं नीति निदेशक तत्व दोनों में कल्याणकारी राज्य का विचार पाया जाता है। तथापि यदि दोनों के चयन का विकल्प न हो, तो इसका उत्तर नीति निदेशक तत्व ही होगा। उल्लेखनीय है कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा अपनी उत्तर-कुंजी में इस प्रश्न का उत्तर नीति निदेशक तत्व ही दिया गया है।