रासायनिक एवं भौतिक परिवर्तन, विलयन आदि

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1. भौतिक परिवर्तन का एक उदाहरण है? [38th B.P.S.C. (Pre) 1992]

Correct Answer: (d) पानी में चीनी का घुलना
Solution:भौतिक प्रक्रिया वह प्रक्रिया है, जिसमें कारक को हटा देने पर भौतिक प्रक्रिया में भाग लेने वाला पदार्थ पुनः अपनी पूर्ववर्ती अवस्था में आ जाता है। भौतिक प्रक्रिया अस्थायी एवं उत्क्रमणीय होती है। पानी में चीनी का घुलना एक भौतिक परिवर्तन है, क्योंकि वाष्पन द्वारा चीनी को पुनः प्राप्त किया जा सकता है।

2. जल का वाष्प में परिवर्तन कहलाता है- [U.P. P.C.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (b) भौतिक
Solution:

भौतिक परिवर्तन वह कारक है जिसमें वस्तु अपनी पुरानी अवस्था को छोड़कर नए रूप में परिवर्तित हो जाती है, लेकिन कारक हटा लेने पर वह पुनः अपना वास्तविक रूप धारण कर लेती है। जल का वाष्प में परिवर्तन भौतिक परिवर्तन है।

3. निम्न में से कौन-सा रासायनिक परिवर्तन का उदाहरण है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (b) सब्जियों को पकाने पर उनका मुलायम हो जाना
Solution:रासायनिक प्रक्रिया वह प्रक्रिया है जिसमें कारक को हटा देने पर रासायनिक प्रक्रिया में भाग लेने वाला पदार्थ अपनी पूर्ववर्ती अवस्था में नहीं आ सकता अर्थात रासायनिक प्रक्रिया स्थायी एवं सामान्यतः अनुत्क्रमणीय होती है। अतः सब्जियों को पकाने पर उनका मुलायम हो जाना एक रासायनिक प्रक्रिया है

4. निम्नलिखित में से कौन-सा/से रासायनिक परिवर्तन का/के उदाहरण है? [I.A.S. (Pre) 2014]

1. सोडियम क्लोराइड का क्रिस्टलन

2. बर्फ का गलन

3. दुग्ध आस्कंदन

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (b) केवल 3
Solution:

सोडियम क्लोराइड का क्रिस्टलन एवं बर्फ का गलन भौतिक परिवर्तन के उदाहरण हैं। ऊर्ध्वपातन (Sublimation) भी भौतिक परिवर्तन का उदाहरण है। 'वाष्पन' (Evaporation) भी भौतिक परिवर्तन के अंतर्गत आता है। दूध का आस्कंदन, लोहे में जंग लगना, दूध से दही बनना तथा कागज जलना रासायनिक परिवर्तन के उदाहरण है।

5. कथन (A): उच्चतर तापमानों पर रासायनिक अभिक्रिया तीव्रतर हो जाती है। [I.A.S. (Pre) 2001]

कारण (R): उच्चतर तापमानों पर आणविक गत्ति और द्रुत हो जाती है।

कूट :

Correct Answer: (a) (A) और (R) दोनों सही है, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
Solution:उच्चतर तापमान पर आणविक गति तीव्र हो जाती है। रासायनिक अभिक्रिया की गति-प्रतिकारकों के सान्द्रण, ताप, भौतिक अवस्था एवं प्रतिकारकों की प्रकृति पर निर्भर करती है। सामान्यतः प्रतिकारकों का ताप जितना अधिक होता है, उनकी प्रतिक्रिया उतनी ही तीव्र होती है।

6. जल-अपघटन में ऊर्जा किस रूप में उत्पन्न होती है? [M.P.P.C.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (b) ऊष्मा के रूप में
Solution:जल अपघटन (Hydrolysis) वह प्रतिक्रिया है, जिसमें लवण के आयन और जल के आयन या अणु परस्पर संयोग करके अम्लीय या क्षारीय घोल बनाते हैं। इसमें ऊर्जा, ऊष्मा के रूप में निकलती है।

7. पाश्चुराइजेशन एक प्रक्रिया है जिसमें- [38th B.P.S.C. (Pre) 1992]

Correct Answer: (c) दूध को पहले बहुत देर तक गर्म किया जाता है और एक निश्चित समय में अचानक ठंडा कर लिया जाता है।
Solution:दुरीकरण (Pasteurization) द्रव खाद्य सामग्री के संरक्षण की विधि है। इस विधि की खोज लुई पाश्चर ने की थी इसलिए उन्हीं के नाम पा इसका नाम पाश्चुरीकरण पड़ा। इसमें दूध को 145°F से 150°F तापमान पर 30 मिनट तक गर्म किया जाता है, उसके पश्चात उसे 557 तक ठंडा कर लिया जाता है। इस पाश्चुरीकरण प्रक्रिया से दूध में उपस्थित हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।

8. पास्तुरीकरण संबंधित है- [M.P.P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (a) दुग्ध के निर्जर्मीकरण से
Solution:पाश्चुरीकरण या पास्तुरीकरण (Pasteurization) एक ऐसी प्रक्रिया है. जिससे किसी तरल या दूध का निर्जर्मीकरण करके उसकी भंडारण क्षमता में सुधार किया जाता है। पाश्चुरीकरण की प्रक्रिया में दूध को 16 सेकंड तक 70°C से 85°C तक के तापक्रम पर रखते हैं, उसके पश्चात उसे शीघ्रता से ठंडा करके संरक्षित कर लेते है। इस प्रक्रिया की खोज फ्रांसीसी वैज्ञानिक लुई पाश्चर ने की थी। अतः इसे पाश्चुरीकरण कहते हैं।

9. निम्नलिखित में से कौन-सा सुमेलित नहीं है? [U.P. P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (d) पाश्च्युरीकरण - चाय
Solution:

पाश्च्युरीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे दूध का निर्जर्मीकरण (रोगजनक सूक्ष्मजीवों को नष्ट करना) करके उसकी भंडारण क्षमता में सुधार किया जाता है। इस प्रक्रिया की खोज फ्रांसीसी वैज्ञानिक 'लुई पाश्चर' ने की यी। चाय की क्यूरिंग होती है न कि पाश्च्युरीकरण।

10. फॉस्फेटेज परीक्षण किसके विश्लेषण हेतु उपयोग में लिया जाता है? [M.P.P.C.S. (Pre), 2021]

Correct Answer: (d) उपरोक्त सभी
Solution:एल्कालाइन फॉस्फेटेज (Alkaline Phosphatase) कच्चे दूध में प्राकृतिक रूप से उपस्थित एक एंजाइम होता है, जिसका उपयोग दूध के उचित पाश्चुरीकरण (Pasteurization) के एक संकेतक के रूप में किया जाता है। एल्कालाइन फॉस्फेटेज परीक्षण (ALP) का उपयोग यह सूचित करने के लिए किया जाता है कि दूध पर्याप्त रूप से पाश्चुरीकृत हुआ है या नहीं और क्या वह पाश्चुरीकरण प्रक्रिया के पश्चात कच्चे दूध (Raw milk) से दूषित हुआ है। फॉस्फेटेज परीक्षण का उपयोग जल के प्रदूषण की जांच हेतु भी किया जाता है। ALP परीक्षण दूध की चाय (Milk tea) की गुणवत्ता की जांच हेतु भी किया जा सकता है।