रोजगार, बेरोजगारी एवं कल्याणकारी योजनाएं = भाग = 3

Total Questions: 50

41. निम्नलिखित में से कौन एक संस्था ग्रामीण अवस्थापना विकास कोष के अर्थ प्रबंध को संचालित करती है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (b) नाबार्ड
Note:

ग्रामीण अवस्थापना विकास कोष की स्थापना वर्ष 1995-96 में ग्रामीण आधारभूत ढांचे के वित्तीयन हेतु की गई थी। वर्ष 1982 में स्थापित नाबार्ड (NABARD: National Bank for Agriculture and Rural Development) द्वारा इसके अर्थ प्रबंध का संचालन किया जाता है।

 

42. जवाहर रोजगार योजना आरंभ की गई- [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (b) सातवीं पंचवर्षीय योजना में
Note:

तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगारों को रोजगार देने हेतु 1 अप्रैल, 1989 को जवाहर रोजगार योजना प्रारंभ करने की घोषणा की थी। अतः जवाहर रोजगार योजना सातवीं पंचवर्षीय योजनावधि (1985-90) में प्रारंभ की गई थी। अप्रैल, 1999 में जवाहर रोजगार योजना को जवाहर ग्राम समृद्धि योजना (JGSY) के रूप में बदल दिया गया।

 

43. जवाहर रोजगार योजना के विषय में निम्नलिखित में से क्या सही है? [I.A.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (d) इस योजना के अधीन जनित रोजगार का 30% स्त्रियों के लिए आरक्षित है।
Note:

पहले से संचालित दो योजनाओं यथा 'राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम' (NREP) तथा 'ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम' (RLEGP) के समामेलन से अप्रैल, 1989 से अस्तित्व में आई, जवाहर रोजगार योजना (JRY) के तहत जनित कुल रोजगार का 30% महिलाओं के लिए आरक्षित था। जवाहर रोजगार योजना को मजदूरी एवं रोजगार के अवसरों को सभी गांवों तक पहुंचाने और मजदूरी ढूंढ़ने वाले सभी लोगों को गांवों के आस-पास ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। अतः इसे लागू करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई थी।

जवाहर रोजगार योजना का प्राथमिक उद्देश्य ग्रामीण बेरोजगारों और अल्प- रोजगार में लगे लोगों के लिए अतिरिक्त लाभप्रद रोजगार के अवसर सृजित करना था।

जवाहर रोजगार योजना के द्वितीयक उद्देश्य थे (क) गरीबों के प्रत्यक्ष और सतत लाभ के लिए उत्पादक सामुदायिक परिसंपत्तियों का निर्माण करना और ग्रामीण आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाना जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास हो और जिसके फलस्वरूप गरीबों की आय में वृद्धि हो। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन के हर क्षेत्र में सुधार हो। इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-

इस कार्यक्रम के लिए व्यय में केंद्र और राज्य सरकार की भागीदारी 80:20 के अनुपात में थी।

अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को प्राथमिकता दी गई। महिलाओं के लिए 30 फीसदी तक रोजगार के अवसर आरक्षित किए गए थे।

मजदूरी के रूप में खाद्यान्न को सस्ती दरों पर दिया जाना था। गैर-मजदूरी घटक अथवा सामग्री घटक को कुल परियोजना लागत के

50 फीसदी से अधिक तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान नहीं की गई आदि थी।

नोट - इस योजना को अप्रैल, 1999 से जवाहर ग्राम समृद्ध योजना (JGSY) के रूप में पुनर्गठित किया गया।

 

44. जवाहर रोजगार योजना का उद्देश्य है- [U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2008]

Correct Answer: (d) उपरोक्त सभी।
Note:

पहले से संचालित दो योजनाओं यथा 'राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम' (NREP) तथा 'ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम' (RLEGP) के समामेलन से अप्रैल, 1989 से अस्तित्व में आई, जवाहर रोजगार योजना (JRY) के तहत जनित कुल रोजगार का 30% महिलाओं के लिए आरक्षित था। जवाहर रोजगार योजना को मजदूरी एवं रोजगार के अवसरों को सभी गांवों तक पहुंचाने और मजदूरी ढूंढ़ने वाले सभी लोगों को गांवों के आस-पास ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। अतः इसे लागू करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई थी।

जवाहर रोजगार योजना का प्राथमिक उद्देश्य ग्रामीण बेरोजगारों और अल्प- रोजगार में लगे लोगों के लिए अतिरिक्त लाभप्रद रोजगार के अवसर सृजित करना था।

जवाहर रोजगार योजना के द्वितीयक उद्देश्य थे (क) गरीबों के प्रत्यक्ष और सतत लाभ के लिए उत्पादक सामुदायिक परिसंपत्तियों का निर्माण करना और ग्रामीण आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाना जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास हो और जिसके फलस्वरूप गरीबों की आय में वृद्धि हो। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन के हर क्षेत्र में सुधार हो। इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-

इस कार्यक्रम के लिए व्यय में केंद्र और राज्य सरकार की भागीदारी 80:20 के अनुपात में थी।

अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को प्राथमिकता दी गई। महिलाओं के लिए 30 फीसदी तक रोजगार के अवसर आरक्षित किए गए थे।

मजदूरी के रूप में खाद्यान्न को सस्ती दरों पर दिया जाना था। गैर-मजदूरी घटक अथवा सामग्री घटक को कुल परियोजना लागत के

50 फीसदी से अधिक तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान नहीं की गई आदि थी।

नोट - इस योजना को अप्रैल, 1999 से जवाहर ग्राम समृद्ध योजना (JGSY) के रूप में पुनर्गठित किया गया।

 

45. जवाहर रोजगार योजना का मुख्य बल निम्नांकित पर है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (b) ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी परक रोजगार के अतिरिक्त अवसरों का सृजन
Note:

पहले से संचालित दो योजनाओं यथा 'राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम' (NREP) तथा 'ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम' (RLEGP) के समामेलन से अप्रैल, 1989 से अस्तित्व में आई, जवाहर रोजगार योजना (JRY) के तहत जनित कुल रोजगार का 30% महिलाओं के लिए आरक्षित था। जवाहर रोजगार योजना को मजदूरी एवं रोजगार के अवसरों को सभी गांवों तक पहुंचाने और मजदूरी ढूंढ़ने वाले सभी लोगों को गांवों के आस-पास ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। अतः इसे लागू करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई थी।

जवाहर रोजगार योजना का प्राथमिक उद्देश्य ग्रामीण बेरोजगारों और अल्प- रोजगार में लगे लोगों के लिए अतिरिक्त लाभप्रद रोजगार के अवसर सृजित करना था।

जवाहर रोजगार योजना के द्वितीयक उद्देश्य थे (क) गरीबों के प्रत्यक्ष और सतत लाभ के लिए उत्पादक सामुदायिक परिसंपत्तियों का निर्माण करना और ग्रामीण आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाना जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास हो और जिसके फलस्वरूप गरीबों की आय में वृद्धि हो। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन के हर क्षेत्र में सुधार हो। इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-

इस कार्यक्रम के लिए व्यय में केंद्र और राज्य सरकार की भागीदारी 80:20 के अनुपात में थी।

अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को प्राथमिकता दी गई। महिलाओं के लिए 30 फीसदी तक रोजगार के अवसर आरक्षित किए गए थे।

मजदूरी के रूप में खाद्यान्न को सस्ती दरों पर दिया जाना था। गैर-मजदूरी घटक अथवा सामग्री घटक को कुल परियोजना लागत के

50 फीसदी से अधिक तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान नहीं की गई आदि थी।

नोट - इस योजना को अप्रैल, 1999 से जवाहर ग्राम समृद्ध योजना (JGSY) के रूप में पुनर्गठित किया गया।

 

46. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2005]

कार्यक्रम प्रारंभ का वर्ष
(a) ट्राइसेम अगस्त, 1979
(b) एन.आर.ई.पी. अक्टूबर, 1980
(c) जे.आर.वाई. अप्रैल, 1995
(d) एस.जी.एस.वाई. अप्रैल, 1999
Correct Answer: (c)
Note:

JRY (Jawahar Rojgar Yojana) 1 अप्रैल, 1989 को प्रारंभ की गई थी। इसके अंतर्गत दो कार्यक्रम शामिल थे- NREP (National Rural Employment Program) एवं RLEGP (Rural Landless Employee Guarantee Programme)। अतः विकल्प (c) को छोड़कर अन्य सभी विकल्प सुमेलित हैं।

 

47. 'समन्वित ग्रामीण विकास योजना' (I.R.D.P.) का मुख्य लक्ष्य है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993, 1998, 1999]

Correct Answer: (d) ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को रोजगार दिलाना
Note:

समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP) को सूक्ष्म स्तर पर वर्ष 1978-79 में लाया गया, किंतु 2 अक्टूबर, 1980 से इसे देश के सभी ब्लॉकों में क्रियान्वित किया गया। समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP) का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण निर्धन परिवारों को स्व-रोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें रोजगार प्रदान करना था, जिससे सहायता प्राप्त परिवार गरीबी रेखा से ऊपर उठ सके। 1 अप्रैल, 1999 से इसे स्वर्ण जयंती ग्राम स्व-रोजगार योजना में मिला दिया गया।

 

48. समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम (आई.आर.डी.पी.) कब शुरू हुआ था? [Uttarakhand Lower Sub. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) 1980
Note:

समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP) को सूक्ष्म स्तर पर वर्ष 1978-79 में लाया गया, किंतु 2 अक्टूबर, 1980 से इसे देश के सभी ब्लॉकों में क्रियान्वित किया गया। समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP) का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण निर्धन परिवारों को स्व-रोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें रोजगार प्रदान करना था, जिससे सहायता प्राप्त परिवार गरीबी रेखा से ऊपर उठ सके। 1 अप्रैल, 1999 से इसे स्वर्ण जयंती ग्राम स्व-रोजगार योजना में मिला दिया गया।

 

49. निम्नलिखित कार्यक्रमों में से कौन स्वर्ण जयंती ग्राम स्व-रोजगार योजना में सम्मिलित नहीं किया गया है ? [U.P.P.C.S. (Pre) 2001, 2003 U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002]

Correct Answer: (d) जे.आर.वाई
Note:

1 अप्रैल, 1999 से प्रारंभ स्वर्ण जयंती ग्राम स्व-रोजगार योजना (SGSY) में पूर्व में चल रही जिन छः योजनाओं का विलय किया। गया था, वे निम्नलिखित हैं- (i) एकीकृत ग्रामीण विकास योजना (IRDP), (ii) ट्राइसेम, (iii) ग्रामीण महिला एवं बाल विकास योजना (DWACRA), (iv) दस लाख कूप योजना (MWS), (v) ग्रामीण कारीगरों को उन्नत टूल किट आपूर्ति (SITRA) योजना एवं (vi) गंगा कल्याण योजना। कालांतर में SGSY को 'राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन ' (NRLM) नाम से पुनर्गठित किया गया। मार्च, 2016 में इस योजना का पुनर्नामकरण करते हुए दीन दयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) कर दिया गया।

 

50. स्वर्ण जयंती ग्राम स्व-रोजगार योजना (SGSY)- [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002]

1. के अंतर्गत उस समय मौजूद छः कार्यक्रमों की समाप्ति हो गई।

2. समूह रीति अपनाने पर बल देती है।

3. चयनित स्वरोजगारों के हुनर की उन्नति करने का प्रयास करती है।

4. ग्रामीण युवकों को गरीबी की रेखा से ऊपर खींचने पर संकेंद्रित है।

नीचे दिए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए-

 

Correct Answer: (d) सभी चारों
Note:

पूर्व में संचालित छः योजनाओं के सम्मिलन से 1 अप्रैल, 1999 को अस्तित्व में आई स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार (SGSY) योजना का उद्देश्य गांवों में रहने वाले गरीबों के लिए स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर सहायता प्राप्त प्रत्येक परिवार को 3 वर्ष की अवधि में गरीबी रेखा से ऊपर उठाना था। इस प्रकार इस योजना का केंद्र बिंदु समूह अभिगम था। जून, 2011 में स्वर्ण जयंती ग्राम स्व-रोजगार योजना (SGSY) का पुनर्गठन करके 'राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के रूप में परिवर्तित किया गया लेकिन यह नई योजना पूर्ण रूप से 1 अप्रैल, 2013 से प्रभावी हुई। 29 मार्च, 2016 को 'राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन' (NRLM) का पुनर्नामकरण करते हुए 'दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) कर दिया गया।