1. रॉलेट सत्याग्रह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ पहला अखिल भारतीय संघर्ष साबित हुआ, हालांकि वह काफी हद तक शहरों तक ही सीमित था।
2. रॉलेट एक्ट ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों पर अंकुश लगाया और पुलिस की शक्तियों को मजबूत किया।
नीचे दिए गए सही विकल्प का चयन करें।
कूट :
Correct Answer: (a) कथन 1 और 2 दोनों सही हैं।
Solution:प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) को वरदान मानते हुए भारत में क्रांतिकारी गतिविधियां पुनः सक्रिय हो गईं थी। अतः भारत में बढ़ती क्रांतिकारी गतिविधियों को कुचलने के लिए सितंबर, 1917 को ब्रिटिश न्यायाधीश सर सिडनी आर्थर टेलर रॉलेट की अध्यक्षता में सेडीशन समिति गठित की गई। इस समिति के सुझावों पर मार्च, 1919 में पारित कानून को रॉलेट एक्ट कहा गया। इस कानून के द्वारा राजद्रोहात्मक कार्यों के संदेह मात्र से ही किसी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए दो वर्षों के लिए कैद किया जा सकता था या किसी स्थान पर नजर बंद किया जा सकता था। इस एक्ट के तहत प्रतिबंधित पुस्तकों या दस्तावेजों को रखने मात्र पर ही गिरफ्तार किया जा सकता था साथ ही मुकदमें की सुनवाई विशेष अदालत में गुप्त रूप से करने की व्यवस्था थी और अपील का अधिकार भी समाप्त कर दिया गया। इस कानून ने न केवल अभिव्यक्ति की आजादी को प्रतिबंधित किया, बल्कि पुलिस की शक्तियों को और मजबूत किया। अब पुलिस को तलाशी, गिरफ्तारी एवं जमानत मांगने का असीमित अधिकार दे दिया गया। इस काले कानून (रॉलेट एक्ट) के विरुद्ध गांधी जी ने देशव्यापी रॉलेट सत्याग्रह आंदोलन चलाया जिसके लिए उन्होंने तीन राजनीतिक मंचों का उपयोग किया-होमरूल लीग, खिलाफत और सत्याग्रह सभा। भौगोलिक दृष्टि से रॉलेट सत्याग्रह काफी व्यापक रहा, जिसके प्रमुख केंद्र-पंजाब, दिल्ली, गुजरात, बंबई, मध्य प्रांत, संयुक्त प्रांत, बिहार, बंगाल, मद्रास आदि थे। इसलिए इसे ब्रिटिश सरकार के खिलाफ पहला अखिल भारतीय संघर्ष कहा जा सकता है। सुरेंद्रनाथ बनर्जी के अनुसार रॉलेट सत्याग्रह ही असहयोग आंदोलन का जन्मदाता था। यह आंदोलन काफी हद तक शहरों तक सीमित था, जिसमें औद्योगिक कामगारों की तुलना में निम्न मध्यवर्गीय समूहों एवं कारीगरों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण रही। अतः दोनों कथन सही हैं।