रौलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) (UPPCS)

Total Questions: 39

1. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, रौलेट एक्ट ने किस कारण से सार्वजनिक रोष उत्पन्न किया? [I.A.S. (Pre) 2009]

Correct Answer: (c) इसने लोगों को बिना मुकदमा चलाए जेल भेजने के लिए अधिकृत किया
Solution:भारत में बढ़ रही क्रांतिकारी गतिविधियों को कुचलने के लिए सरकार ने वर्ष 1917 में न्यायाधीश सिडनी रौलेट की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जिसका उद्देश्य आतंकवाद को कुचलने के लिए एक प्रभावी योजना का निर्माण करना था। इसके सुझावों पर मार्च, 1919 में पारित विधेयक रौलेट एक्ट के नाम से जाना गया। रौलेट अधिनियम के द्वारा अंग्रेजी सरकार जिसको चाहे जब तक चाहे, बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रख सकती थी, इसलिए इस कानून को 'बिना वकील, बिना अपील तथा बिना दलील' का कानून कहा गया।

2. रौलेट एक्ट लाने का क्या प्रयोजन था? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (b) राष्ट्रीय एवं क्रांतिकारी गतिविधियों पर रोक लगाना
Solution:भारत में बढ़ रही क्रांतिकारी गतिविधियों को कुचलने के लिए सरकार ने वर्ष 1917 में न्यायाधीश सिडनी रौलेट की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जिसका उद्देश्य आतंकवाद को कुचलने के लिए एक प्रभावी योजना का निर्माण करना था। इसके सुझावों पर मार्च, 1919 में पारित विधेयक रौलेट एक्ट के नाम से जाना गया। रौलेट अधिनियम के द्वारा अंग्रेजी सरकार जिसको चाहे जब तक चाहे, बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रख सकती थी, इसलिए इस कानून को 'बिना वकील, बिना अपील तथा बिना दलील' का कानून कहा गया।

3. रौलेट एक्ट भारत में लागू किया गया था- [U.P. P.C.S. (Pre) 1993, 48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) सन् 1919 में
Solution:भारत में बढ़ रही क्रांतिकारी गतिविधियों को कुचलने के लिए सरकार ने वर्ष 1917 में न्यायाधीश सिडनी रौलेट की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जिसका उद्देश्य आतंकवाद को कुचलने के लिए एक प्रभावी योजना का निर्माण करना था। इसके सुझावों पर मार्च, 1919 में पारित विधेयक रौलेट एक्ट के नाम से जाना गया। रौलेट अधिनियम के द्वारा अंग्रेजी सरकार जिसको चाहे जब तक चाहे, बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रख सकती थी, इसलिए इस कानून को 'बिना वकील, बिना अपील तथा बिना दलील' का कानून कहा गया।

4. रौलेट एक्ट का लक्ष्य था- [I.A.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (b) बिना मुकदमा चलाए बंदी बनाना और मुकदमों की सुनवाई संक्षिप्त प्रक्रिया द्वारा
Solution:भारत में बढ़ रही क्रांतिकारी गतिविधियों को कुचलने के लिए सरकार ने वर्ष 1917 में न्यायाधीश सिडनी रौलेट की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जिसका उद्देश्य आतंकवाद को कुचलने के लिए एक प्रभावी योजना का निर्माण करना था। इसके सुझावों पर मार्च, 1919 में पारित विधेयक रौलेट एक्ट के नाम से जाना गया। रौलेट अधिनियम के द्वारा अंग्रेजी सरकार जिसको चाहे जब तक चाहे, बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रख सकती थी, इसलिए इस कानून को 'बिना वकील, बिना अपील तथा बिना दलील' का कानून कहा गया।

5. रौलेट सत्याग्रह के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2015]

(1) रौलेट अधिनियम, 'सेडिशन कमेटी' की सिफारिश पर आधारित था।

(2) रौलेट सत्याग्रह में, गांधीजी ने होमरूल लीग का उपयोग करने का प्रयास किया।

(3) साइमन कमीशन के आगमन के विरुद्ध हुए प्रदर्शन रौलेट सत्याग्रह के साथ-साथ हुए।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (b) केवल 1 और 2
Solution:रौलेट एक्ट एक काला कानून था, जिसमें किसी भी व्यक्ति को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता था। रौलेट अधिनियम, सेडिशन कमेटी की सिफारिश पर आधारित था। इसका गठन भारत में क्रांतिकारी गतिविधियों को दबाने के लिए किया गया था। वर्ष 1919 में जब गांधीजी ने रौलेट एक्ट के खिलाफ सत्याग्रह की अपील की तो वे सभी लोग इसमें शामिल हो गए, जिन्हें होमरूल आंदोलन ने राजनीतिक रूप से जागरूक बनाया था। साइमन आयोग भारत में 3 फरवरी, 1928 को पहुंचा जिसके विरोध में सभी प्रमुख नगरों तथा कस्बों में हड़ताल रही तथा 'साइमन वापस जाओ' के नारे से इसका स्वागत हुआ।

6. जब रौलेट एक्ट पारित हुआ था, उस समय भारत का वायसराय कौन था? [I.A.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (c) लॉर्ड चेम्सफोर्ड
Solution:लॉर्ड चेम्सफोर्ड वर्ष 1916 से 1921 के मध्य भारत के वायसराय रहे। इन्हीं के कार्यकाल में मार्च, 1919 में रौलेट एक्ट पारित हुआ था।

7. 'रौलेट एक्ट' किस वायसराय के काल में पारित हुआ था? [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014]

Correct Answer: (c) लॉर्ड चेम्सफोर्ड
Solution:लॉर्ड चेम्सफोर्ड वर्ष 1916 से 1921 के मध्य भारत के वायसराय रहे। इन्हीं के कार्यकाल में मार्च, 1919 में रौलेट एक्ट पारित हुआ था।

8. रौलेट एक्ट का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने विरोध किया, क्योंकि इसका लक्ष्य था- [41st B.P.S.C. (Pre) 1996]

Correct Answer: (a) वैयक्तिक स्वतंत्रता को सीमित करना
Solution:मार्च, 1919 में केंद्रीय विधान परिषद से पास हुआ विधेयक रौलेट एक्ट के नाम से जाना गया, जिसके अनुसार अंग्रेजी सरकार जिसको चाहे, जब तक चाहे, बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रख सकती थी। इस कानून द्वारा वैयक्तिक स्वतंत्रता को सीमित किया गया था।

9. रॉलेट सत्याग्रह के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें - [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2023]

1. रॉलेट सत्याग्रह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ पहला अखिल भारतीय संघर्ष साबित हुआ, हालांकि वह काफी हद तक शहरों तक ही सीमित था।

2. रॉलेट एक्ट ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों पर अंकुश लगाया और पुलिस की शक्तियों को मजबूत किया।

नीचे दिए गए सही विकल्प का चयन करें।

कूट :

Correct Answer: (a) कथन 1 और 2 दोनों सही हैं।
Solution:प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) को वरदान मानते हुए भारत में क्रांतिकारी गतिविधियां पुनः सक्रिय हो गईं थी। अतः भारत में बढ़ती क्रांतिकारी गतिविधियों को कुचलने के लिए सितंबर, 1917 को ब्रिटिश न्यायाधीश सर सिडनी आर्थर टेलर रॉलेट की अध्यक्षता में सेडीशन समिति गठित की गई। इस समिति के सुझावों पर मार्च, 1919 में पारित कानून को रॉलेट एक्ट कहा गया। इस कानून के द्वारा राजद्रोहात्मक कार्यों के संदेह मात्र से ही किसी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए दो वर्षों के लिए कैद किया जा सकता था या किसी स्थान पर नजर बंद किया जा सकता था। इस एक्ट के तहत प्रतिबंधित पुस्तकों या दस्तावेजों को रखने मात्र पर ही गिरफ्तार किया जा सकता था साथ ही मुकदमें की सुनवाई विशेष अदालत में गुप्त रूप से करने की व्यवस्था थी और अपील का अधिकार भी समाप्त कर दिया गया। इस कानून ने न केवल अभिव्यक्ति की आजादी को प्रतिबंधित किया, बल्कि पुलिस की शक्तियों को और मजबूत किया। अब पुलिस को तलाशी, गिरफ्तारी एवं जमानत मांगने का असीमित अधिकार दे दिया गया। इस काले कानून (रॉलेट एक्ट) के विरुद्ध गांधी जी ने देशव्यापी रॉलेट सत्याग्रह आंदोलन चलाया जिसके लिए उन्होंने तीन राजनीतिक मंचों का उपयोग किया-होमरूल लीग, खिलाफत और सत्याग्रह सभा। भौगोलिक दृष्टि से रॉलेट सत्याग्रह काफी व्यापक रहा, जिसके प्रमुख केंद्र-पंजाब, दिल्ली, गुजरात, बंबई, मध्य प्रांत, संयुक्त प्रांत, बिहार, बंगाल, मद्रास आदि थे। इसलिए इसे ब्रिटिश सरकार के खिलाफ पहला अखिल भारतीय संघर्ष कहा जा सकता है। सुरेंद्रनाथ बनर्जी के अनुसार रॉलेट सत्याग्रह ही असहयोग आंदोलन का जन्मदाता था। यह आंदोलन काफी हद तक शहरों तक सीमित था, जिसमें औद्योगिक कामगारों की तुलना में निम्न मध्यवर्गीय समूहों एवं कारीगरों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण रही। अतः दोनों कथन सही हैं।

10. अखिल भारतीय राजनीति में गांधी का पहला साहसिक कदम था- [I.A.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (b) रौलेट सत्याग्रह
Solution:अखिल भारतीय राजनीति में गांधी का पहला साहसिक कदम रौलेट एक्ट के विरुद्ध वर्ष 1919 में प्रारंभ सत्याग्रह था। गांधीजी ने रौलेट सत्याग्रह के लिए तीन राजनीतिक मंचों का उपयोग किया था-होमरूल लीग, खिलाफत एवं सत्याग्रह सभा। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व चंपारन, खेड़ा एवं अहमदाबाद आंदोलन के गांधीजी के आंदोलन क्षेत्र विशेष से ही संबंधित थे।