रौलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) (UPPCS)

Total Questions: 39

31. निम्नलिखित घटनाओं का सही क्रम नीचे दिए गए कूट से ज्ञात कीजिए- [U.P. Lower Sub.(Spl.) (Pre) 2002, U.P. Lower Sub. (Pre) 2003]

1. जलियांवाला बाग नरसंहार

2. डॉ. सत्यपाल का बंदी बनाया जाना

3. 1919 का अमृतसर कांग्रेस का अधिवेशन

कूट :

Correct Answer: (a) 2, 1, 3
Solution:डॉ. सत्यपाल एवं सैफुद्दीन किचलू को 9 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर द्वारा गिरफ्तार किया गया। 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग नरसंहार हुआ तथा दिसंबर, 1919 में मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अमृतसर अधिवेशन हुआ।

32. हंटर आयोग की नियुक्ति की गई थी- [I.A.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (b) जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद
Solution:जलियांवाला बाग हत्याकांड़ (13 अप्रैल, 1919) की जांच हेतु ब्रिटिश सरकार ने हंटर कमीशन का गठन किया था। कमीशन ने मार्च, 1920 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें इस दुर्घटना के लिए सरकार को दोषी नहीं बताया गया। कहा गया कि उपद्रव क्रांति का रूप ग्रहण कर लेते हैं। अतः मार्शल लॉ अनिवार्य था तथा भीड़ की अधिकता को देखते हुए गोली चलाना पूर्णतः न्यायोचित था। साथ ही हंटर कमीशन ने डायर के इस कार्य को केवल निर्णय लेने की भूल बताया।

33. जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए जिम्मेदार ओ' डायर को निम्न में किसने मार डाला? [U.P. P.C.S. (Pre) 1994, 45th B.P.S.C. (Pre) 2001]

Correct Answer: (c) ऊधम सिंह
Solution:13 मार्च, 1940 में पंजाब के क्रांतिकारी नेता ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग के नरसंहार का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड के समय पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर रहे सर माइकल ओ' डायर (Michael Francis O' Dwyer) की लंदन में हत्या कर दी थी, जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर मृत्युदंड दे दिया गया।

34. लंदन में 13 मार्च, 1940 को सर माइकल ओ' डायर को गोली से मारा गया- [Bihar P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) ऊधम सिंह
Solution:13 मार्च, 1940 में पंजाब के क्रांतिकारी नेता ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग के नरसंहार का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड के समय पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर रहे सर माइकल ओ' डायर (Michael Francis O' Dwyer) की लंदन में हत्या कर दी थी, जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर मृत्युदंड दे दिया गया।

35. ऊधम सिंह ने लंदन में मारा- [Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006]

Correct Answer: (c) सर माइकल ओ' डायर
Solution:13 मार्च, 1940 में पंजाब के क्रांतिकारी नेता ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग के नरसंहार का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड के समय पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर रहे सर माइकल ओ' डायर (Michael Francis O' Dwyer) की लंदन में हत्या कर दी थी, जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर मृत्युदंड दे दिया गया।

36. जलियांवाला बाग नरसंहार पर कांग्रेस जांच समिति की रिपोर्ट के प्रारूप लिखने का कार्य सौंपा गया था- [U.P.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (b) महात्मा गांधी को
Solution:जलियांवाला बाग नरसंहार (13 अप्रैल, 1919) पर कांग्रेस जांच समिति की रिपोर्ट के प्रारूप को लिखने का कार्य महात्मा गांधी को सौंपा गया था।

37. 1919 में जघन्य जलियांवाला बाग कांड के समय भारत का वायसराय कौन था ? [U.P. P.C.S. (Pre) 1990]

Correct Answer: (a) लॉर्ड चेम्सफोर्ड
Solution:13 अप्रैल, 1919 को बैसाखी के दिन अमृतसर में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ। इस समय भारत का वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916- 21) था। इसी के समय में रौलेट एक्ट (1919) पास हुआ तथा भारत सरकार अधिनियम, 1919 या मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार लाया गया।

38. निम्नलिखित घटनाओं में से किस एक को मॉन्टेग्यू ने 'निवारक हत्या' के नाम से विशेषीकृत किया है? [U.P. P.C.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (b) जलियांवाला बाग का नरसंहार
Solution:13 अप्रैल, 1919 को घटित जलियांवाला बाग नरसंहार को मॉण्टेग्यू ने 'निवारक हत्या' की संज्ञा दी। दीनबंधु सी.एफ. एंडूज ने इस हत्याकांड को जान-बूझ कर की गई क्रूर हत्या कहा था।

39. निम्नलिखित में से किसके कारण सार्वजनिक रोष की लहर उभरी जिसके फलस्वरूप जलियांवाला बाग में ब्रिटिश द्वारा जनसंहार की घटना घटी ? [I.A.S. (Pre) 2007]

Correct Answer: (c) दि रौलेट एक्ट
Solution:प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत में लागू सुरक्षा अधिनियम की अवधि समाप्त होने वाली थी। अतः न्यायाधीश सिडनी रौलेट की अध्यक्षता में गठित समिति के सुझावों पर दो प्रस्ताव लेजिस्लेटिव काउंसिल में प्रस्तुत किए गए। इन प्रस्तावों में भारत में देशद्रोही कार्यों में संलिप्त संदिग्ध व्यक्तियों पर निगरानी तथा इस प्रकार के कार्यों के लिए किसी व्यक्ति की बगैर कारण बताए गिरफ्तारी का प्रावधान था। इन प्रस्तावों को 'दि रौलेट एक्ट' के नाम से मार्च, 1919 में लेजिस्लेटिव काउंसिल ने पास कर दिया। इस अधिनियम का भारतीयों ने पुरजोर विरोध किया तथा इसके विरुद्ध सार्वजनिक रोष की लहर उमड़ पड़ी। इस अधिनियम के विरोधी पंजाब के दो नेताओं सत्यपाल तथा किचलू की गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को सभा आयोजित की गई। जब कुछ लोग सभा को संबोधित कर रहे थे तभी ब्रिगेडियर-जनरल डायर के निर्देश पर निहत्थे भारतीयों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं। इस निर्मम घटना को इतिहास में जलियांवाला बाग हत्याकांड के नाम से जाना जाता है।