1. 'शहर का अधिकार' एक सम्मत मानव अधिकार है तथा इस संबंध में, संयुक्त राष्ट्र हैबिटेट (यू.एन. हैबिटेट) प्रत्येक देश द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं को मॉनिटर करता है।
2. 'शहर का अधिकार' शहर के प्रत्येक निवासी को शहर में सार्वजनिक स्थानों को वापस लेने (रीक्लेम) एवं सार्वजनिक सहभागिता का अधिकार देता है।
3. 'शहर का अधिकार' का आशय यह है कि राज्य, शहर की अनधिकृत बस्तियों को किसी भी लोक सेवा अथवा सुविधा से वंचित नहीं कर सकता।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
Correct Answer: (d) 2 और 3
Note: 'शहर का अधिकार' (Right to the city) का विचार एवं स्लोगन सर्वप्रथम फ्रांसीसी विचारक एवं समाजविज्ञानी हेनरी लेफेबवर (Henri Lefebvre) द्वारा 1968 में प्रस्तुत किया गया था। लैटिन अमेरिकी और यूरोपीय देशों में सामाजिक आंदोलनों द्वारा इसे लोकप्रिय किया गया। 'शहर का अधिकार' वस्तुतः एक शहरी विकास का मॉडल है, जो सभी नागरिकों को शामिल करता है। 'शहर का अधिकार' शहर के सभी निवासियों (आप्रवासियों, मलिन बस्ती निवासियों एवं बेघरों सहित) के लिए शहरी जीवन तक समान पहुंच को मूलभूत मानव अधिकार के रूप में मान्यता देता है। यह शहर के प्रत्येक निवासी को शहर में सार्वजनिक स्थानों को वापस लेने (Reclaim) एवं सार्वजनिक सहभागिता का अधिकार देता है तथा इसका तात्पर्य यह है कि राज्य, शहरों में लोक सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराने के संदर्भ में वैध बस्तियों एवं अनधिकृत बस्तियों के निवासियों में कोई भेदभाव नहीं कर सकता अर्थात राज्य, शहर की अनधिकृत बस्तियों को किसी भी लोक सेवा अथवा सुविधा (यथा-जलापूर्ति) से वंचित नहीं कर सकता। इस प्रकार कथन 2 एवं 3 सही हैं।
जहां तक कथन 1 का प्रश्न है, तो अक्टूबर, 2016 में क्विटो (इक्वेडोर) में संपन्न आवासन एवं सतत शहरी विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन 'हैबिटेट-III' (UN Conference on Housing and Sustainable Urban Development: Habitat III) में अपनाए गए 'नए शहरी एजेंडा' (NUA : New Urban Agenda) में यद्यपि 'शहर के अधिकार' को शामिल किया गया, तथापि इसे स्पष्ट रूप से सार्वभौमिक मानव अधिकार के रूप में मान्यता नहीं दी गई। इसके बजाए इस एजेंडे में सरकारों को अपने कानूनों में 'शहर के अधिकार' को शामिल करने हेतु प्रोत्साहित किए जाने पर बल दिया गया। इस प्रकार कथन 1 सही नहीं है।