लोकपाल और महत्वपूर्ण आयोग

Total Questions: 50

41. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति समिति में निम्न में से कौन सदस्य नहीं होता है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (b) राज्य सभा का सभापति
Note:

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाती है। जिसके सदस्य निम्नवत हैं-

1. प्रधानमंत्री

2. गृह मंत्री

3. लोक सभा में विपक्ष के नेता

4. राज्य सभा में विपक्ष के नेता

5. लोक सभा अध्यक्ष

6. राज्य सभा के उप-सभापति

इस समिति की सिफारिश पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन 12 अक्टूबर, 1993 को किया गया।

 

42. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों की नियुक्ति के लिए सिफारिशें करने वाली समिति का कौन सदस्य नहीं है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (d) राज्य सभा का सभापति
Note:

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाती है। जिसके सदस्य निम्नवत हैं-

1. प्रधानमंत्री

2. गृह मंत्री

3. लोक सभा में विपक्ष के नेता

4. राज्य सभा में विपक्ष के नेता

5. लोक सभा अध्यक्ष

6. राज्य सभा के उप-सभापति

इस समिति की सिफारिश पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन 12 अक्टूबर, 1993 को किया गया।

 

43. कौन राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का पदेन सदस्य नहीं है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (b) भारतीय विधि आयोग का अध्यक्ष
Note:

मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 के अनुसार, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के पदेन सदस्य के रूप में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष तथा दिव्यांगजनों संबंधी मुख्य आयुक्त शामिल होते हैं। ये इस अधिनियम की धारा 12 के खंड (ख) से खंड (ञ) में विनिर्दिष्ट कृत्यों के निर्वहन के लिए आयोग के सदस्य समझे जाएंगे।

 

44. मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (e) (a) (b) & (c)
Note:

मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 के द्वारा 1993 के अधिनियम में संशोधन कर मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष (या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो) कर दिया गया है। इसके अलावा अब अध्यक्ष एवं सदस्य दोनों ही पुनर्नियुक्ति के पात्र हैं, जबकि पहले अध्यक्ष पुनर्नियुक्ति का पात्र नहीं था। इस प्रकार कथन (a), (b) और (c) सही नहीं हैं। जबकि मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार, अध्यक्ष या कोई सदस्य, अपने पद पर न रह जाने पर, भारत सरकार के अधीन या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी भी और नियोजन का पात्र नहीं होगा। अतः कथन (d) सही है। संशोधन से पूर्व मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार, अध्यक्ष पदग्रहण की तारीख से 5 वर्ष की अवधि तक या 70 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, पद धारित करता था जबकि सदस्य पांच वर्ष की अवधि तक (आयु सीमा 70 वर्ष तक) पद धारण करता था तथा 5 वर्ष की और अवधि के लिए पुनर्नियुक्ति का पात्र था।

 

45. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल होता है- [M.P.P.C.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (a) 3 वर्ष
Note:

मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 के द्वारा 1993 के अधिनियम में संशोधन कर मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष (या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो) कर दिया गया है। इसके अलावा अब अध्यक्ष एवं सदस्य दोनों ही पुनर्नियुक्ति के पात्र हैं, जबकि पहले अध्यक्ष पुनर्नियुक्ति का पात्र नहीं था। इस प्रकार कथन (a), (b) और (c) सही नहीं हैं। जबकि मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार, अध्यक्ष या कोई सदस्य, अपने पद पर न रह जाने पर, भारत सरकार के अधीन या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी भी और नियोजन का पात्र नहीं होगा। अतः कथन (d) सही है। संशोधन से पूर्व मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार, अध्यक्ष पदग्रहण की तारीख से 5 वर्ष की अवधि तक या 70 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, पद धारित करता था जबकि सदस्य पांच वर्ष की अवधि तक (आयु सीमा 70 वर्ष तक) पद धारण करता था तथा 5 वर्ष की और अवधि के लिए पुनर्नियुक्ति का पात्र था।

 

46. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्यों की पदावधि पदग्रहण की तारीख से होती है- [M.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (b) पांच वर्ष तक या 70 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक
Note:

मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 के द्वारा 1993 के अधिनियम में संशोधन कर मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष (या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो) कर दिया गया है। इसके अलावा अब अध्यक्ष एवं सदस्य दोनों ही पुनर्नियुक्ति के पात्र हैं, जबकि पहले अध्यक्ष पुनर्नियुक्ति का पात्र नहीं था। इस प्रकार कथन (a), (b) और (c) सही नहीं हैं। जबकि मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार, अध्यक्ष या कोई सदस्य, अपने पद पर न रह जाने पर, भारत सरकार के अधीन या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी भी और नियोजन का पात्र नहीं होगा। अतः कथन (d) सही है। संशोधन से पूर्व मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार, अध्यक्ष पदग्रहण की तारीख से 5 वर्ष की अवधि तक या 70 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, पद धारित करता था जबकि सदस्य पांच वर्ष की अवधि तक (आयु सीमा 70 वर्ष तक) पद धारण करता था तथा 5 वर्ष की और अवधि के लिए पुनर्नियुक्ति का पात्र था।

 

47. भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 1999]

(1) इसका अध्यक्ष अनिवार्य रूप से भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायमूर्ति होना चाहिए।

(2) इसकी प्रत्येक राज्य में राज्य मानवाधिकार आयोग के नाम से संस्थापनाएं हैं।

(3) इसकी शक्तियां केवल सिफारिशी प्रकृति की हैं।

(4) आयोग के एक सदस्य के रूप में एक महिला को नियुक्त करना आज्ञापरक है।

इन कथनों में कौन-कौन से सही हैं?

 

Correct Answer: (e) इनमे से कोई भी नहीं
Note:

मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा 1993 के अधिनियम में संशोधन कर उच्चतम न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश रहे व्यक्तियों को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने का पात्र बनाया गया है। इसके अलावा आयोग के गैर-न्यायिक सदस्यों (सिविल सोसाइटी) की संख्या को दो से बढ़ाकर तीन किया गया है, जिसमें कम-से-कम एक सदस्य का महिला होना अनिवार्य है। आयोग की शक्तियां सिफारिशी प्रकृति की हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग 1993 के अधिनियम के तहत संबंधित राज्य सरकार द्वारा गठित किए जाते हैं, न कि ये राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की संस्थापनाएं हैं। अतः वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कथन (3) एवं (4) ही सत्य हैं।

 

48. निम्न पर विचार कीजिए और नीचे दिए कूट से सही उत्तर चुनिएः [U.P.P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015]

कथन (A): राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष वह व्यक्ति होता है जो भारत का मुख्य न्यायाधीश रह चुका हो।

कारण (R): उक्त आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष अथवा 70 वर्ष की आयुपर्यंत पर (जो भी पहले हो) धारित करता है।

 

Correct Answer: (d) (A) तथा (R) दोनों गलत हैं।
Note:

मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 के द्वारा 1993 के अधिनियम में हुए संशोधन के अनुसार, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जो सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश रहा हो। आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल भी 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष अथवा 70 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) कर दिया गया है। अतः वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विकल्प (d) सही उत्तर है।

 

49. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अधिनियम 1993 के अनुसार निम्नलिखित में से कौन एक इस आयोग का अध्यक्ष बन सकता है? []

Correct Answer: (e) इनमे से कोई भी नहीं
Note:

मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 के द्वारा 1993 के अधिनियम में हुए संशोधन के अनुसार, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जो सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश रहा हो। आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल भी 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष अथवा 70 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) कर दिया गया है। अतः वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विकल्प (d) सही उत्तर है।

 

50. निम्नलिखित में से कौन भारत के मानवाधिकार आयोग के प्रथम अध्यक्ष थे? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा
Note:

भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना 12 अक्टूबर, 1993 को की गई थी। इसके प्रथम अध्यक्ष भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा थे, जो कि 12 अक्टूबर, 1993 से 24 नवंबर, 1996 तक इस पद पर रहे।