Correct Answer: (d) संस्कृत में हिन्दी की तरह दो लिंग होते हैं
Solution:सम्पूर्ण सृष्टि की तीन मुख्य जातियाँ हैं-पुरुष, स्त्री तथा जड़। अनेक भाषाओं में इन्हीं तीन जातियों के आधार पर लिंग के तीन भेद किए गए हैं-1. पुल्लिंग 2. स्त्रीलिंग तथा 3. नपुंसकलिंग। अँग्रेज़ी व्याकरण में लिंग का निर्णय इसी व्यवस्था के अनुसार होता है। मराठी, गुजराती, संस्कृत आदि आधुनिक आर्यभाषाओं में भी यह व्यवस्था ज्यों की त्यों लागू है। इसके विपरीत हिन्दी में दो ही लिंग-पुल्लिंग और स्त्रीलिंग हैं। संस्कृत में तीन वचन-एकवचन, द्विवचन तथा बहुवचन होते हैं, जबकि हिन्दी में दो वचन एकवचन तथा बहुवचन होते हैं।