1. वन्यजीव, एकमात्र सरकार की संपत्ति है।
2. जब किसी वन्यजीव को संरक्षित घोषित किया जाता है, तो यह जीव चाहे संरक्षित क्षेत्र में हो या उससे बाहर, समान संरक्षण का हकदार है।
3. किसी संरक्षित वन्यजीव के मानव जीवन के लिए खतरा बन जाने की आशंका उस जीव को पकड़ने या मार दिए जाने का पर्याप्त आधार है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct Answer: (a) 1 और 2
Solution:वर्ष 2012 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए धारित किया कि बाघों सहित वन्य जीवों को सार्वजनिक संपत्ति माना जाना चाहिए। इस प्रकार कथन 1 सत्य है। गौरतलब है कि जब किसी वन्यजीव को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम (WPA), 1972 के तहत संरक्षित जानवर घोषित किया जाता है, तो उसको उसी सुरक्षा का लाभ प्राप्त होगा, चाहे वह संरक्षित क्षेत्र में हो या न हो। इस प्रकार कथन 2 सत्य है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 11(1) (ए) के अनुसार, यदि मुख्य वन्यजीव संरक्षक इस बात से संतुष्ट है कि अनुसूची-1 में निर्दिष्ट कोई वन्यजीव जीवन हेतु खतरनाक है या निःशक्त या रोगी है कि ठीक नहीं हो सकता, तो ऐसे में लिखित आदेश द्वारा एवं उसके कारण का समाधान होने पर किसी भी व्यक्ति को यह अनुमति दे सकता है कि वह ऐसे जानवर का शिकार करने या करवाने की आज्ञा दे सकता है। ध्यातव्य है कि वन्यजीव को मारने का आदेश तब तक नहीं दिया जा सकता, जब तक वन्यजीव संरक्षक संतुष्ट हो जाए कि ऐसे जानवर को पकड़ना, शांत रखना एवं स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। इस तरह कथन 3 सही नहीं है।