वन संपदा संरक्षण से संबंधित भारतीय प्रयास

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21. प्रत्येक वर्ष कतिपय विशिष्ट समुदाय/जनजाति, पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण, मास-भर चलने वाले अभियान / त्यौहार के दौरान फलदार वृक्षों की पौध का रोपण करते हैं। निम्नलिखित में से कौन-से ऐसे समुदाय/जनजाति हैं? [I.A.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (b) गोंड और कोकू
Solution:गोंड और कोकू जनजाति पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण, महीने भर चलने वाले अभियान/त्यौहार (हरि-जिरोती) के दौरान फलदार वृक्षों के पौध का रोपण करते हैं।

22. वन्यजीव संरक्षण के बारे में भारतीय विधियों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2022]

1. वन्यजीव, एकमात्र सरकार की संपत्ति है।

2. जब किसी वन्यजीव को संरक्षित घोषित किया जाता है, तो यह जीव चाहे संरक्षित क्षेत्र में हो या उससे बाहर, समान संरक्षण का हकदार है।

3. किसी संरक्षित वन्यजीव के मानव जीवन के लिए खतरा बन जाने की आशंका उस जीव को पकड़ने या मार दिए जाने का पर्याप्त आधार है।

उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?

 

Correct Answer: (a) 1 और 2
Solution:वर्ष 2012 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए धारित किया कि बाघों सहित वन्य जीवों को सार्वजनिक संपत्ति माना जाना चाहिए। इस प्रकार कथन 1 सत्य है। गौरतलब है कि जब किसी वन्यजीव को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम (WPA), 1972 के तहत संरक्षित जानवर घोषित किया जाता है, तो उसको उसी सुरक्षा का लाभ प्राप्त होगा, चाहे वह संरक्षित क्षेत्र में हो या न हो। इस प्रकार कथन 2 सत्य है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 11(1) (ए) के अनुसार, यदि मुख्य वन्यजीव संरक्षक इस बात से संतुष्ट है कि अनुसूची-1 में निर्दिष्ट कोई वन्यजीव जीवन हेतु खतरनाक है या निःशक्त या रोगी है कि ठीक नहीं हो सकता, तो ऐसे में लिखित आदेश द्वारा एवं उसके कारण का समाधान होने पर किसी भी व्यक्ति को यह अनुमति दे सकता है कि वह ऐसे जानवर का शिकार करने या करवाने की आज्ञा दे सकता है। ध्यातव्य है कि वन्यजीव को मारने का आदेश तब तक नहीं दिया जा सकता, जब तक वन्यजीव संरक्षक संतुष्ट हो जाए कि ऐसे जानवर को पकड़ना, शांत रखना एवं स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। इस तरह कथन 3 सही नहीं है।

23. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2014]

1. भारतीय पशु कल्याण बोर्ड, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अधीन स्थापित है।

2. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एक सांविधिक निकाय है।

3. राष्ट्रीय गंगा नदी द्रोणी प्राधिकरण की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (b) केवल 2 और 3
Solution:भारतीय पशु कल्याण बोर्ड देश में पशुओं के कल्याण को बढ़ावा देने तथा पशु कल्याण कानूनों पर एक 'सांविधिक सलाहकारी निकाय' (Statutory Advisory Body) है। इसकी स्थापना 'पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960' (Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960) के सेक्शन 4 के तहत की गई थी। अतः कथन (1) असत्य है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत एक 'सांविधिक निकाय' (Statutory Body) है। अतः कथन (2) सत्य है। केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना के द्वारा 20 फरवरी, 2009 को 'राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण' की स्थापना की थी। भारत के प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। अतः कथन (3) सत्य है।

24. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre), 2018]

1. 'संकटपूर्ण वन्यजीव पर्यावास' (क्रिटिकल वाइल्डलाइफ हैबिटेट) की परिभाषा वन अधिकार अधिनियम, 2006 में समाविष्ट है।

2. भारत में पहली बार बैगा (जनजाति) को पर्यावास (हैबिटेट) अधिकार दिए गए हैं।

3. केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत के किसी भाग में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए पर्यावास अधिकार पर आधिकारिक रूप से निर्णय लेता है और उसकी घोषणा करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (a) केवल 1 और 2
Solution:'संकटपूर्ण वन्यजीव पर्यावास' (Critical Wildlife Habitat) की परिभाषा अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 या वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 में समाविष्ट है। इस अधिनियम का मुख्य लक्ष्य जनजातियों के अधिकारों को मान्यता और उनके अधिकारों, दायित्वों एवं लाभ का तर्कसंगत वितरण है, ताकि वनों पर निर्भर समुदायों की जीविका सुनिश्चित होकर वन संरक्षण के उद्देश्य की प्राप्ति हो सके। भारत में सबसे पहले बैगा समुदाय (जनजाति) को पर्यावास अधिकार (Habitat Rights) दिए गए। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पहली बार डिंडौरी जिले के सात गांवों में जनजातीय समूहों को यह अधिकार दिया गया। जनजातीय मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देश के किसी भाग में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए पर्यावास अधिकार पर आधिकारिक रूप से निर्णय लिया जाता है और उसकी घोषणा की जाती है।

25. निम्नलिखित में से कौन-सा एक वन्यप्राणियों के विलुप्तीकरण का प्रमुख कारण नहीं है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (d) जनसंख्या की तीव्र वृद्धि
Solution:प्राकृतिक आवास का नष्ट होना, जंगलों में आग लगा देना तथा वन्यप्राणियों का अवैध वाणिज्यिक व्यापार वन्यप्राणियों के विलुप्तीकरण के प्रमुख कारण हैं, जबकि जनसंख्या की तीव्र वृद्धि से जीव विलुप्त नहीं होंगे, बल्कि उनमें आवास व भोजन के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। अतः विकल्प (d) सही उत्तर होगा।

26. राष्ट्रीय कृषि-वानिकी अनुसंधान केंद्र स्थित है- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (b) झांसी में
Solution:राष्ट्रीय कृषि-वानिकी अनुसंधान केंद्र (NRCAF) की स्थापना वर्ष 1988 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की एक इकाई के रूप में हुई थी। यह केंद्र उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में झांसी रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किमी. की दूरी पर स्थित है।

27. निम्न में से किसे 'चिपको आंदोलन' का नेता माना जाता है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (c) सुंदरलाल बहुगुणा
Solution:1970 के दशक में देशभर में वनों के विनाश के विरुद्ध हुए संगठित प्रतिरोध को चिपको आंदोलन का नाम दिया गया था। सुंदरलाल बहुगुणा इस आंदोलन से जुड़े रहे और उन्हें इसका नेता माना जाता है।

28. चिपको आंदोलन के प्रणेता कौन हैं? [M.P. P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) चंडीप्रसाद भट्ट
Solution:चिपको आंदोलन के प्रणेता चंडीप्रसाद भट्ट हैं। इन्होंने वर्ष 1964 में 'दशोली ग्राम स्वराज मंडल' की स्थापना की। आगे चलकर यह संस्था चिपको आंदोलन की आधार भूमि बनी। वर्ष 1973 में वनों की कटाई के विरोध स्वरूप चिपको आंदोलन की शुरुआत हुई। इस आंदोलन के सह-कार्यकर्ता सुंदरलाल बहुगुणा ने भी इस आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

29. 'चिपको' आंदोलन मूल रूप से किसके विरुद्ध था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2003 U.P.P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (c) वन कटाई के
Solution:चिपको आंदोलन के प्रणेता चंडीप्रसाद भट्ट हैं। इन्होंने वर्ष 1964 में 'दशोली ग्राम स्वराज मंडल' की स्थापना की। आगे चलकर यह संस्था चिपको आंदोलन की आधार भूमि बनी। वर्ष 1973 में वनों की कटाई के विरोध स्वरूप चिपको आंदोलन की शुरुआत हुई। इस आंदोलन के सह-कार्यकर्ता सुंदरलाल बहुगुणा ने भी इस आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

30. चमोली के रैणी गांव में किसके नेतृत्व में वन कटाई के विरोध में आंदोलन चलाया गया? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (c) गौरा देवी
Solution:वर्ष 1974 में वन विभाग ने जोशीमठ के रैणी गांव के लगभग 680 हेक्टेयर जंगल को नीलाम कर दिया था। तब गौरा देवी के नेतृत्व में सैकड़ों की तादाद में महिलाओं ने पेड़ों से चिपक कर वन कटाई का विरोध किया।